बवासीर में क्या-क्या खाएं….?

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हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन बवासीर में कई प्रकार के फायदे प्रदान करता है। पत्तेदार सब्जियों में कई तरह के एंटी–ऑक्सीडेंट (Anti-oxidant) और विटामिन (Vitamins) पाए जाते हैं जो मसल्स के लिए बेहतर कार्य करते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां पाचन को भी सुधार देती हैं और आंत की सफाई करती है। इसलिए भरपूर मात्रा में पालक, गाजर, पत्ता गोभी, खीरा, ब्रोकली आदि का सेवन करें। 

बवासीर की समस्या है तो दिन में 4 से 5 लीटर पानी का सेवन करें।  पानी शरीर को कई तरह के लाभ प्रदान करता है। भरपूर पानी पीने से शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को निकालने में आंत को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होती है। इसके अलावा खून का तापमान भी सामान्य रहता है जो बवासीर में फायदेमंद है| इससे कब्ज खत्म हो जाता है जिससे स्टूल पास करते वक्त आसानी होती है। पानी के अलावा आप कुछ अलग पेय पदार्थ भी इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे खीरे का जूस, पालक का जूस आदि।

साबुत अनाज का सेवन करने से बवासीर को ठीक करने में मदद मिलती है। आप चोकर युक्त पदार्थों का भी सेवन कर सकते हैं। साबुत अनाज का सेवन पाचन क्रिया में किसी प्रकार की परेशानी नहीं करता जिससे स्टूल पास आसानी से हो जाता है। ओटमील, मल्टी ग्रेन ब्रेड, ब्राउन राइस आदि का सेवन करें। चोकर की रोटी खाएं क्योंकि इसमें भरपूर फाइबर पाया जाता है। 

ईसबगोल की भूसी में फाइबर भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं जो कब्ज से छुटकारा दिलाते हैं। इसके अलावा यह शुष्क मल को भी भारी बनाती है जिससे स्टूल पास करते वक्त दर्द नहीं होता और स्टूल बिना किसी रुकावट के निकल जाता है। बवासीर से पीड़ित हैं तो ईसबगोल की भूसी को डाइट में शामिल करें। 

ताजे और शुद्ध फल का सेवन करना बवासीर में लाभदायक हो सकता है। फलों को छिलके के साथ खाएं क्योंकि छिलके में सबसे ज्यादा फाइबर मौजूद होता है। फलों में कई तरह के विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं। सेब, केला, संतरा, अंगूर आदि फलों का सेवन करने से बवासीर में लाभ मिलता है। ये सभी फल त्वचा के लिए बहुत लाभदायक हैं। 

छाछ का सेवन बवासीर में कई सारे लाभ पहुंचाता है। यह उत्तेजित नसों को शांत करता है जिससे ठंडक महसूस होती है। छाछ प्रोबायोटिक्स की श्रेणी में आता है जिसके सेवन से सूजन की समस्या दूर होती है। एनस मार्ग में किसी प्रकार का इंफेक्शन हो गया है तो छाछ का सेवन करें।

अंकुरित अनाज खाएं

बवासीर में अधिक से अधिक विटामिन सी, फाइबर और कैल्शियम युक्त पदार्थों का सेवन करना चाहिए। रोजाना आधा कटोरी अंकुरित अनाज का सेवन करना बहुत लाभदायक होगा। कच्चे अंकुरित अनाज खाने से बवासीर की समस्या बढ़ जाती है। इसलिए रात को सोने से पहले इन्हें पानी में भिगो दें और सुबह सेवन करें। इन्हें खाते वक्त ठीक से चबाएं।

दही भी प्रोबायोटिक्स की कैटेगरी में आता है। दही का सेवन करने से बवासीर में कई तरह के लाभ मिलते हैं। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है जो मसल्स को टोन करता है। अगर एनस मार्ग में सूजन की समस्या है तो दही का सेवन अवश्य करें। दही का सेवन आप मिश्री के साथ कर सकते हैं। बवासीर की समस्या है तो खाली समय में हल्की-फुल्की भूख लगने पर दही का सेवन ही करें।

आप इसे सब्जियों के साथ खा सकते हैं। बवासीर में जीरा अनेक प्रकार के लाभ पहुंचाता है। आंतों में कीड़ा है या एनस मार्ग में इंफेक्शन है तो जीरे का सेवन करें। भुने हुए जीरा का दो चम्मच पाउडर और एक गिलास गुनगुने पानी को साथ मिलाकर सेवन करें।  यह बुखार की समस्या से भी छुटकारा दिलाता है। एक चम्मच भुना हुआ जीरा और बराबर मात्रा में मिश्री को पीसकर चूर्ण चाटने से पाचन क्रिया बेहतर होती हैं।

बवासीर के खतरे को कम करना है तो अंजीर का सेवन करें। दो चम्मच पिसी हुई अंजीर को एक गिलास पानी में मिलाकर पीएं। इससे पाचन सुधरता है। अंजीर मसल्स और हड्डियों को भी मजबूत करती है। 

शिमला मिर्च का सेवन बवासीर में फायदेमंद होता है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जो स्टूल को मुलायम बनाता है। शिमला मिर्च का सेवन करने से कब्ज की शिकायत नहीं होती है और स्टूल पास करते वक्त दिक्कत नहीं आती।

बवासीर की समस्या खान-पान में की गई लापरवाही और कब्ज की वजह से उत्पन्न होती है| इसलिए, इससे बचे रहने के लिए यह बहुत जरूरी है कि आप अपने खाने में तेल-मसाले, मिर्च और गरिष्ठ आहार का सेवन न करें| बवासीर के इलाज के बारे में ज्यादा जानने के लिए ये लेख पड़ सकते हैं