सरकार का निर्णय भेदभावपूर्ण-अखिलेश यादव

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  • राजेन्द्र चौधरी

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि यह तो हद हो गई! मुख्यमंत्री जी के गृह जनपद गोरखपुर में अगवा महाजन गुप्ता के 14 वर्षीय पुत्र बलराम गुप्ता को बचाया न जा सका, उसकी हत्या हो गई। गोरखपुर में दुखद घटना वैसी है जैसी कानपुर में हत्या की गई। अपनी विफलता पर पर्दा डालने के लिए गोरखपुर में पीड़ित परिवार को मुख्यमंत्री जी ने पांच लाख रूपये दिये है। समाजवादी पार्टी की मांग है कि सरकार को कम से कम पचास लाख रूपये देना चाहिए। ठीक इसी तरह कानपुर में संजीत यादव की हत्या के मामले में सरकार को पीड़ित परिवार को पचास लाख रूपये देना चाहिए। यह संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है कि कानपुर के पीड़ित परिवार को मुख्यमंत्री जी द्वारा एक रूपया भी नहीं दिया गया।
     विभिन्न जनपदों में हत्या, डकैती का रिकार्ड बन गया है। नोएडा में महिला की हत्या, गाजियाबाद में दिनदहाड़े डकैती, पिछले दिनों मैनपुरी में प्रजापति समाज के लोगों को जिन्दा जला दिया! सम्भल-चंदौसी में दिन में पिता-पुत्र की हत्या, प्रयागराज में एक ही परिवार के तीन लोगों की सामूहिक हत्या। कासगंज में तिहरा हत्याकाण्ड आदि दुखद घटनाऐं भाजपा सरकार की नाकामी के उदाहरण है।
     राज्य सरकार भेदभावपूर्ण नीति से निर्णय कर रही है। पुलिस अभी तक कानपुर संजीत यादव का शव बरामद नहीं कर सकी है। यह भाजपा सरकार के लिए कम शर्मनाक नहीं है। गोण्डा के करनैलगंज में स्व0 रामबाबू गोस्वामी की हत्या कर दी गयी। समाजवादी पार्टी की ओर से श्री अरविन्द गिरि प्रदेश अध्यक्ष समाजवादी युवजन सभा द्वारा पीड़ित परिवार को पचास हजार रूपये दिए गए।समाजवादी पार्टी गोरखपुर के पीड़ित परिवार को 2 लाख रूपये की मदद संवेदना
के तहत दे रही है।
     भाजपा सरकार के कारण ही कानून व्यवस्था का संकट उत्पन्न हुआ है। सरकारें अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी से हटकर जब और और कामों में उलझती रहती हैं तो इस तरह के संकट तो पैदा होते ही रहेंगे। उत्तर प्रदेश में अपराधों की बाढ़ आ गयी है। हत्या अपहरण जैसी दुखद घटनाएं प्रतिदिन घटित होते रहने से कानून का राज समाप्त है। समाजवादी पार्टी यह मुद्दा बार-बार उठाती रही है कि भाजपा ही तमाम बुराईयां की जड़ है।
     लगातार अपहरण और हत्याओं के बावजूद भी भाजपा सरकार का निर्लज्ज मौन और निष्क्रियता प्रश्नचिहृ के घेरे में है। उत्तर प्रदेश में धारावाहिक अपराधिक घटनाओं को देखकर लगता है कि प्रदेश की बागडोर अब शायद भाजपा सरकार के हाथ से निकल कर बदमाशों के हाथों में चली गई है। कानून का अपराधियों को कोई डर नहीं है।
     भाजपा सरकार के कारण उत्तर प्रदेश में संवैधानिक संकट उत्पन्न हो गया है। समाजवादी पार्टी अपनी इस मांग को दोहराती है कि उत्तर प्रदेष में राष्ट्रपति शासन लगाया जाये। बिना भाजपा सरकार को हटाये राज्य के नागरिकों का जीवन और सम्मान सुरक्षित नहीं है।