कैसे रखा जाता है चक्रवात का नाम, जानें इसका इतिहास….

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जब तूफानी हवाओं की गति 74 एमफीएच और इससे अधिक होती है तो इसे साइक्लोन, हरीके और टायफून माना जाता है. तूफानी हवाओं की इस गति के आधार पर उसे चक्रवात का नाम दिया जाता है.

हैदराबाद : इन दिनों ‘तौकते चक्रवात’ भारत के कई तटीय क्षेत्रों में तबाही मचा चुका है. 18 मई (मंगलवार) को गुजरात के तटीय इलाकों में इसके टकराने की आशंका जताई जा रही है. म्यांमार ने इस तूफान को ‘तौकते’ नाम दिया है, जिसको बर्मी भाषा में छिपकली कहा जाता है.

तूफानों के नामकरण का इतिहास 19वीं शताब्दी से शुरू होता है, जब लोग तूफानों का नामकरण उन स्थानों के नाम पर करते थे, जहां वे टकराते हैं, उन संतों के नाम पर जिनके दिनों में तूफान आता था और घटना के वर्ष के आधार पर भी तूफानों का नामकरण किया जाता था.

शुरुआत में, तूफानों को मनमाने नाम दिए जाते थे. उदाहरण के लिए, 1842 में अंटलांटिक में आए तूफान को ‘एंटजे ‘तूफान का नाम दिया गया था क्योंकि, इसने एंटजे नामक नाव को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया था.

साल 2000 में विश्व मौसम विज्ञान संगठन महासागर बेसिन के आसपास के देशों द्वारा सुझाए गए नामों की सूची का इस्तेमाल करके उत्तर हिंद महासागर में चक्रवातों के लिए नाम निर्दिष्ट शुरू करने पर सहमत हो गया.