पुलिस अपराधियों की नकेल कसने में नाकाम

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मवई थाना पुलिस अपराधियों की नकेल कसने में नाकाम,आए दिन होता रहता है। विवाद थाना क्षेत्र के टेर गांव से मिल रहा है जीता जागता उदाहरण। गरीबों की नहीं सुनती पुलिस, पीड़ित को ही बताया जाता है दोषी। मामूली है जमीनी विवाद, लेकिन पुलिस की उदासीनता से चार माह से लटका है मामला,आए दिन होती है मारपीट।

डॉ0 अंशुमान सिंह गुड्डू

अयोध्या/रुदौली। सीओ सर्किल रुदौली के मवई थाना क्षेत्र के टेर गांव के एक गरीब परिवार के समस्या की गुत्थी सुलझाने की बजाय पुलिस ही उलझा रही,यदि पुलिस चाहे तो इसका तुरंत हल निकल सकता है। प्राप्त सूचनानुसार मवई थाना क्षेत्र के टेर गांव निवासिनी मीरा कुमारी पत्नी रामकुमार के घर में घुसकर दिनांक-05/02/2021 को गांव के ही रामप्रकाश,रामजस व राममिलन पुत्र गण पिल्लू तथा हरिराम पुत्र निंबूलाल ने दिनदहाड़े शाम करीब चार बजे मारा पीटा शोर सुनकर मीरा की पुत्री साधना व भतीजी शालू बचाने आई आई तो उक्त दबंगों ने इन लड़कियों को भी मारा पीटा और भद्दी-भद्दी गालियां देने लगे जिसके कारण गांव के और भी तमाम लोग इकट्ठा हो गए तब दबंग मौके से हटे।

उच्च न्यायालय का विचित्र आदेश

घटना की सूचना पीड़िता द्वारा पुलिस चौकी बाबा बाजार में दी गई सुनवाई न होने पर वह मवई थाने गई किंतु वहां भी कोई सुनवाई नहीं हुई। फिर उसने (पीड़िता)ने आईजीआरएस पर शिकायत करना शुरू किया। लेकिन शिकायत चाहे जहां करो सब समाधान के लिए थाने ही भेजा जाता है। और थाने की पुलिस इस मामले में कुछ करना ही नहीं चाहती।कथित रूप से पता चला है कि इस मामले में सत्ताधारी दल के कुछ छुटभैय्ए नेता लग जाते हैं जिससे बिकलांग मीरा की सुनवाई नहीं होती। और अब तो एक नया मोड़ भी सामने आया है आज पता चला की इस बार के संपन्न पंचायत चुनावों में जो वहां के प्रधान पद पर विजई हुआ है वह भी मीरा के परिवार का विरोध करता है।

वहीं मीरा व उसके बच्चों के कथनानुसार उसके परिवार को अक्सर मारा पीटा जाता है।जमकर दबंगई होती है।आज फिर मीरा की अनुपस्थिति में उसकी बेटी बच्चों के साथ मारपीट की गई, सूचना मिलने पर जब मौके पर पहुंच कर हकीकत जानना चाहा तो पता चला कि मीरा की तबियत ठीक नहीं थी ओ भाई को मायके से बुलाकर भाई के साथ खुद का इलाज कराने गई थी। और यहां दबंगई बस लोगों ने घर में घुसकर बच्चों को पीट डाला और जान से मारने की धमकी दी।जब दबंग चले गए तो 112 पुलिस को सूचना दी गई पुलिस आई तब सब दबंग फरार थे।विवाद का कारण जानने पर पता चला कि मीरा के घर के सामने भी मीरा की जमीन है, और उसी से सटा एक मंदिर भी है।मीरा के विपक्षियों का कहना है कि हमें मंदिर में पूजा पाठ करने जाने के लिए रास्ता चाहिए जिसे मीरा ने बंद कर दिया है, जबकि मंदिर की दशा से लगता है कि वहां पूजा पाठ होता ही नहीं।

इस संबंध में जब चौकी प्रभारी बाबा बाजार धर्मेंद्र सिंह से फोन पर बात किया गया तो उन्होंने ने भी मीरा के विपक्षियों वाली भाषा ही बोला। जबकि हकीकत यह है कि वहां लोग मंदिर के लिए भी एक तरफ से रास्ता मांग रहे हैं तो दूसरी तरफ से पहले ही दबंगई व मारपीट के बल पर रास्ता ले चुके हैं। इसके अलावा मीरा की मानें तो उसकी और भी जमीन दबंग पहले हथिया चुके हैं।अब यदि दोनों तरफ से रास्ता हो जाएगा तो पीड़ित परिवार को क्या बचेगा। जब उक्त मामले के बारे में प्रभारी निरीक्षक थाना मवई विश्वनाथ यादव से वार्ता हुई तो उन्होंने ने कहा आज शाम तक मैं खुद इस मामले को देखता हूं। और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी,किसी को बख्शा नहीं जाएगा। फिलहाल समाचार प्रेषण तक मामला यथास्थिति ही रहा।अभी गत दो जून को इसी थाना क्षेत्र के सैदपुर चौकी क्षेत्र के दुल्लामऊ गांव में दबंगों द्वारा एक ब्राम्हण का जबरदस्ती छप्पर गिराए जाने का मामला प्रकाश में आया था।

जिसके संबंध में सैदपुर चौकी प्रभारी ने समाचार संकलन में भी सहयोग नहीं दिया। थाना प्रभारी निरीक्षक विश्वनाथ यादव बेहद सख्त हैं किन्तु बीच में उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था। लेकिन चौकी प्रभारी चाहे सैदपुर हों या बाबाबाजार दोनों में लापरवाही झलकती है। एक मामला चार महीने से चल रहा है और उसका समाधान न होना थाना प्रभारी तक पर सवालिया निशान लगाता है।ऐसी स्थिति में यदि एक पीड़ित परिवार के साथ कोई बड़ी अनहोनी हो जाए तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। फिलहाल चौकी प्रभारियों के स्थानांतरण जरूरी हैं वर्ना दबंगों के मनोबल बढते ही रहेंगे।मीरा कुमारी का मामला पूरे जिले में चर्चा का विषय बना है। लेकिन समाधान क्यों नहीं हो रहा यह समझ में नहीं आता।