सरकार की वैक्सीन वितरण नीति पर सवाल, एक देश तीन दाम क्यों…?

80

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ‘जिम्मेदार कौन ’ अभियान के तहत केंद्र सरकार की वैक्सीन वितरण नीति पर उठाए सवाल। प्रियंका गांधी ने पूछा वैक्सीन जब देश के नागरिकों को ही लगनी है, तब दाम में भेदभाव क्यों? एक देश तीन दाम क्यों…? भारत की 60प्रतिशत आबादी के पास इंटरनेट नहीं है, ऐप आधारित व्यवस्था से कैसे मिलेगी सबको वैक्सीन। केंद्र सरकार की दिशाहीन नीति ने राज्यों को ग्लोबल टेंडर निकालने के लिए मजबूर किया।  Pfizer, Moderna जैसी कम्पनियों ने कहा कि वो वैक्सीन में केंद्र से डील करते हैं, राज्यों से नहीं – प्रियंका गांधी

अशोक सिंह

दिल्ली/लखनऊ । कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सरकार से सवाल पूछने वाले अभियान ‘जिम्मेदार कौन’ के तहत वैक्सीन उत्पादन के बाद अब केंद्र सरकार की वैक्सीन वितरण नीति पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार भारत की मात्र 3प्रतिशत जनसंख्या का फुल वैक्सीनेशन कर पाई है, जोकि सुरक्षा कवच तैयार करने वाले वैक्सीनेशन टारगेट से बहुत पीछे है। उन्होंने कहा कि ये हैरान करने वाली बात है कि दूसरी लहर के कहर के समय जब मोदी सरकार को वैक्सीन वितरण की व्यवस्था की बागडोर और ज्यादा मजबूती से अपने हाथों में लेनी था, उस समय सरकार ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए वैक्सीन वितरण का दारोमदार राज्य सरकारों पर डाल दिया।

http://अखण्ड बुद्धि से प्राप्त ज्ञान भी अखण्ड

कोरोना संकट के बीच कांग्रेस मोदी सरकार पर लगातार हमलावर रही है। कभी राहुल गांधी वैक्सीन की कमी पर केंद्र पर सवाल उठाते नजर आते हैं तो कभी प्रियंका गांधी केंद्र की खामियां गिनाते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधती है। अब एक बार फिर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर एक लंबी पोस्ट लिखते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने अपने पोस्ट में वैक्सीनों का वितरण के बारे में चर्चा करते हुए लिखा है कि विशेषज्ञों का मानना है कि ज़्यादा से ज़्यादा और जल्द वैक्सीनेशन कोरोना को हराने के लिए ज़रूरी है। जिन देशों ने अपने यहाँ ज़्यादा वैक्सीन लगवाई, उनमें कोरोना की दूसरी लहर का कम प्रभाव पड़ा। हमारे देश में दूसरी लहर, पहली लहर से 320 प्रतिशत ज़्यादा भयानक साबित हुई. यह पूरे विश्व का रिकॉर्ड है।

प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार ने अप्रैल तक लगभग 34 करोड़ वैक्सीनों का ऑर्डर ही दिया था। अभी की गति के अनुसार मई में प्रतिदिन औसतन मात्र 19 लाख लोगों को वैक्सीन लग रही है। सरकार ने दिसंबर तक सबको वैक्सीन देने का दावा तो किया है, लेकिन इसके लिए प्रतिदिन 70-80 लाख वैक्सीन लगाने की कोई कार्ययोजना देश के लोगों के सामने नहीं रखी है।प्रियंका गांधी ने वैक्सीन के तीन अलग – अलग दामों पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि जब वैक्सीन देशवासियों को ही लगनी है तो ये भेदभाव क्यों। क्यों एक देश और वैक्सीन के तीन अलग – अलग दाम।

http://भ्रष्ट बेसिक शिक्षा मंत्री को मंत्रिमंडल से तत्काल बर्खास्त करें मुख्यमंत्री- लल्लू

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार की वैक्सीन वितरण की दिशाहीनता पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की दिशाहीन नीति के चलते कई राज्य वैक्सीनों के लिए ग्लोबल टेंडर निकालने को मजबूर हुए। आज  Pfizer, Moderna  जैसी कम्पनियों ने राज्यों से सीधे वैक्सीन की डील करने से मना कर दिया है और केंद्र से डील करने की बात कही है। प्रियंका गांधी ने पूछा है कि आज आखिर क्यों ऐसी नौबत आई कि राज्य सरकारों को ग्लोबल टेंडर निकालकर आपस में ही प्रतिद्वंदिता करनी पड़ रही है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने केवल एप आधारित वैक्सीन वितरण प्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि भारत में 60 प्रतिशत आबादी के पास इंटरनेट नहीं है। शहरी क्षेत्रों में भी लोगों को कोविन एप में रजिस्टर करके वैक्सीन के स्लॉट पाने में दिक्कत हो रही है, तो ग्रामीण क्षेत्रों में और इंटरनेट से वंचित लोगों के लिए वैक्सीन के स्लॉट पाना तो बड़ा मुश्किल होगा। आखिर क्यों सरकार ने वैक्सीन वितरण नीति बनाते समय डिजिटल साक्षरता एवं इंटरनेट की अनुपलब्धता जैसे बिंदुओं को ध्यान में नहीं रखा।

प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार की वैक्सीन वितरण नीति एकदम ढुलमुल है। तमाम विशेषज्ञ लगातार आगाह करते रहे हैं कि कोरोना से निपटने के लिए ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन जरूरी है, लेकिन सरकार ने आज सबको वैक्सीन देने की योजना को गर्त में धकेल दिया है।