उत्तर प्रदेश में बढ़ता जा रहा पोषण संकट-अजय कुमार लल्लू’

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देश के अंदर बच्चों मे सवार्धिक 46ः कुपोषण उत्तर प्रदेश में,कुपोषण के चलते हर 10 में 4 बच्चों में गम्भीर समस्या।हर दिन औसतन 700 बच्चों की हो रही मौतें,सरकार बताये कौन है इसका जिम्मेदार।उत्तर प्रदेश में बढ़ता जा रहा पोषण संकट,सरकार को बच्चों की चिंता नही।2022 तक कुपोषण संकट समाप्त करने का दावा करने वाली बताये कुपोषण संकट से कैसे बचायेगी बच्चों को।उत्तरप्रदेश में 3,98,359 बच्चे गम्भीर कुपोषण का शिकार आंकड़े दिल दहलाने वाले।

कृष्णकान्त पाण्डेय

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने राज्य में भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार की कुपोषण संकट से बच्चों को बचाने की नीति पर हमला बोलते हुए कहा कि देश के अंदर बच्चों मे सवार्धिक 46ः कुपोषण से उत्तर प्रदेश के बच्चों का ग्रसित होना यह साबित करता है।की उसका पोषण मिशन पूरी तरह कागजो पर है जमीनी सच्चाई से उसका कोई लेना देना नही है।उन्होने कहा कि 6 माह से 6 वर्षों तक के बच्चों में कुपोषण की 46ःदर से यह समझा जा सकता है कि सरकार का पोषण मिशन पूरी तरह भ्र्ष्टाचार का शिकार हो चुका है जिसके कारण प्रतिदिन लगभग 700 बच्चे असमय सरकारी लापरवाही के चलते मौत के मुह में जा रहे है और सरकार अपने गाल बजाने में मस्त है।

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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि ताजा आंकड़े दिल की धड़कनों को बढाने के लिये पर्याप्त है कि शिशु मृत्यु दर में उत्तर प्रदेश देश मे पहले पायदान पर खड़ा होकर विकास की गाथा की झूठी कहानी बता रहा है जबकि जमीनी सच यह है कि कुपोषण के चलते हर 10 में 4 बच्चे गम्भीर रूप से अतिकुपोषित है,जिसके कारण उनके शारीरिक विकास में भी बाधा आती है जबकि इस समस्या से निपटने के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन के अनुसार कुपोषण से लड़ने के लिये जच्चा व बच्चे के लिये समग्र योजना के लिये  महिला बाल विकाश व पुष्टाहार विभाग को भारी भरकम रकम बजट में आवंटित करने के बाद भी यह समस्या उत्तरोत्तर बढ़ती जा रही है,प्रश्न करते हुए उन्होंने कहा कि आखिर इसके लिये कौन जिम्मेदार है?उन्होंने कहा कि कुपोषण जैसी गम्भीर समस्या को  हल्के में लेकर आवंटित बजट का दुरुपयोग किया जाना समस्या को अतिगम्भीर बनाने में राज्य सरकार की भ्र्ष्टाचार को संरक्षण देने वाली अनीति की महत्वपूर्ण भूमिका से कौन इनकार कर सकता है।


अजय कुमार लल्लू ने कहा कि डिजेबीलिटी एडजस्टमेंट लाइफ ईयर्स की रिपोर्ट के अनुसार सवार्धिक कुपोषण उत्तर प्रदेश के बच्चों में पाया जाना चिंताजनक है यही नही नेशनल न्यूट्रिशन मिशन की रिपोर्ट कहती है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार के दावे की 2022 तक कुपोषण पर विजय प्राप्त कर लेंगे को उसने पूरी तरह खारिज करते हुए कहा है कि जिस तरह राज्य सरकार के स्तर पर लापरवाही बरती गयी है उससे के कारण यह सम्भव नही है।

उन्होंने कहा कि जच्चा को पोषण युक्त आहार न मिलने का कारण गर्भ में ही बच्चे कुपोषित होने को विवश है वही दूसरी तरफ बच्चे जन्म के बाद पुष्टाहार की सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित है,जिसके चलते प्रतिदिन औसतन 700 बच्चों की मौतें हो रही इन मौतो के लिये सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ही 17.09ःबच्चे कुपोषण के शिकार है तो अन्य जनपदों व दूरस्थ ग्रामीण इलाकों की तस्वीर कितनी भयावह होगी उसके बाद भी राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार झूठे आंकड़ों की बाजीगरी के खेल के माध्यम से जनता को गुमराह करती है और कुपोषण के शिकार बच्चों के अधिकारों पर निर्लज्जतापूर्ण तरीके से भ्र्ष्टाचार कर उन्हें उनके हाल पर छोड़ देती है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि उत्तरप्रदेश में  3,98,359 बच्चे अतिगम्भीर कुपोषण का शिकार है यह आंकड़े दिल को दहलाने के साथ साथ सरकारी की पोल खोलने के लिये पर्याप्त है,उंन्होने कहा कि बच्चों के मामले में सम्वेदनहीनता की पराकाष्ठा को पार करने वाली यह सरकार केवल झूठे सपने दिखाती है यही नही उसे संविधान की मर्यादा व विधायी नियमो की भी चिंता नही रहती क्योंकि सरकार विधानसभा सत्र हो विभागीय आंकड़ों की बाजीगरी में भी निर्लज्जता के साथ झूठ बोलने में परहेज नही करती है,जमीनी सच्चाई से दूर यह सरकार पूरी तरह से कुपोषण से निपटने में विफल हुई है इसके दावे थोथे है।


अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कोरोना महामारी की विकरालता व गरीबो पर आए रोजी रोटी के संकट के बाद जच्चा व बच्चा में कुपोषण की दर तेजी से बढ़ने की सम्भवना विकराल रूप धारण कर सकती है।इसके लिये सरकार को तेजी के साथ भ्र्ष्टाचार मुक्त वातावरण में विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन के अनुसार गुणवत्तापूर्ण पुष्टाहार की व्यवस्था करने में तेजी लानी चाहिये
उन्होंने सरकार से पुनः प्रश्न पूछते हुए कहा कि जब वह योजना की जमीनी सच्चाई से इनकार करती रही है,सरकारी गैर सरकारी एजेंसियों की रिपोर्ट को खारिज करती रही है तो वह यह भी बताये की कुपोषण के शिकार बच्चों के मामले यहां देश मे सवार्धिक कैसे हो गए ?प्रतिदिन सैकड़ो मौतें कैसे हो रही है?नेशनल न्यूट्रिशन मिशन की रिपोर्ट कहती है कि उत्तर प्रदेश में 2022 तक कुपोषण संकट समाप्त नही हो सकता, ऐसे में योगी सरकार बताये की बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिये वह कब तक ठोस व्यवस्था को मूर्तरूप देगी,उन्होंने सरकार से कहा कि वह बॉन्डिंग झूठी आंकड़ेबाजी से बाहर आकर सच का सामना करने व बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने की ठोस व्यवस्था करे।