लखनऊ महानगर में हंगामा..?

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लखनऊ में 51 परिवारों ने चस्पा किया मकान बेचने का पोस्टर, जान‍िए कालाकांकर में क्‍यों मचा है हंगामा।

लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के महानगर इलाके के काला कांकर मोहल्ले के कई घरों में ‘मकान बिकाऊ है’ के पोस्टर लगे हैं। इलाके में रहने वाले लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने बताया कि कॉलोनी के ठीक पीछे नाले पर कब्ज़ा कर अवैध बस्ती बसा ली गई है। बस्ती के लोग आने जाने के लिए पॉश कालोनी की सड़क का ही इस्तेमाल करते हैं।इस इलाके में रहने वाले रविशंकर के मुताबिक, धीरे-धीरे बस्ती के लोगों ने कॉलोनी की सड़कों पर भी कब्ज़ा शुरू कर दिया है। आरोप है कि शाम होते ही सड़कों और चौराहों पर बस्ती के आवारा लड़के झुंड बना कर खड़े हो जाते हैं और आने जाने वाली लड़कियों को छेड़ते हैं। विरोध करने पर मारपीट पर आमादा हो जाते हैं।

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आवारा लड़कों की गतिविधियों को कैमरे में कैद करने के लिए कॉलोनी के लोगों ने कई बार सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए लेकिन आवारा लड़कों ने उनमे भी तोड़फोड़ की,कॉलोनी की सड़कों पर बस्ती के लोग भी अपने वाहन खड़े करते हैं, जिसको लेकर भी कई बार कहासुनी हो चुकी है। कॉलोनी के लोगों का आरोप है कि बस्ती के लड़के उनकी कारों के शीशे तोड़ देते हैं। कारों पर गंदगी लगा देते हैं।प्रोफेसर के मुताबिक, कालोनी के लोग कई बार पुलिस और नगर निगम में शिकायत कर चुके हैं, लेकिन पुलिस और नगर निगम एक दूसरे के पाले में गेंद डालकर अपना अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। इन सब अराजकताओं की वजह से कॉलोनी के कुछ लोग अपने मकान को बेचना चाहते हैं। लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने कहा कि इलाके में पुलिस पेट्रोलिंग के आदेश दिये गए हैं।

कालाकांकर कालोनी में नाले पर सैकड़ों घर बन गए। सालों से लोग रह रहे हैं। खास बात यह है कि अवैध रूप से रहने वाले लोग बकायदा हाउस टैक्स, बिजली व पानी का बिल भी दे रहे हैं। यही नहीं, लोगों के आधार कार्ड और मतदाता पहचानपत्र भी बन चुके हैं। स्थानीय लोगों ने जब विरोध किया तो शुक्रवार को नगर निगम के अधिकारी हरकत में आए। छानबीन शुरू हुई तो परत-दर-परत नाले पर कब्जे की कहानी खुलकर सामने आने लगी। अब सवाल यह है कि नाले पर अतिक्रमण का जिम्मेदार कौन है?

कालाकांकर कालोनी में रहने वाले सैकड़ों परिवार के दो गुट एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं। दरअसल कालोनी में 51 मकानों में ‘यह मकान बिकाऊ है इच्छुक लोग संपर्क करें’ का पोस्टर चस्पा किया गया, जिसके बाद अधिकारी हरकत में आए। पोस्टर लगाने वाले परिवारों का आरोप है कि नाले के ऊपर घर बनाकर रहने वाले लोग अराजकता फैला रहे हैं। महिलाओं पर फब्तियां कसते हैं और शराब पीकर गाली-गलौज करते हैं।

आखिर क्यों नहीं लगी भनक

नाले पर अवैध निर्माण कर लोग रहने लगे और नगर निगम व प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। दोनों पक्षों में कई साल से विवाद चल रहा है, लेकिन शुक्रवार को टकराव की स्थिति देखने को मिली। मामले की गंभीरता को देखते हुए नगर आयुक्त वहां पहुंचे और पूरे प्रकरण की जानकारी ली और कार्रवाई का आश्वासन दिया। हालांकि अभी तक लापरवाह अधिकारियों की जिम्मेदारी तय नहीं की जा सकी है।

शिकायत करते रहे, सुनवाई नहीं

कालोनी में रहने वाले रवि गुप्ता का आरोप है कि कई बार लिखित शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। पुलिस और नगर निगम की शह पर दूसरा पक्ष मनमानी कर रहा है और झगड़ा करने पर उतारू है। परेशान होकर कालोनी के 51 परिवार घर बेचकर यहां से जाने पर मजबूर हैं। इन परिवारों में तरुण गुप्ता, मयंक श्रीवास्तव, जय अरोरा, वैभव शुक्ला, योगेश श्रीवास्तव, राम कृपाल सि‍ंह और राम नरेश शर्मा समेत अन्य शामिल हैं।

बदले की भावना से विरोध

नाला नम्बर पांच पर निर्माण कर रहने वाले दूसरे पक्ष के अजय कुमार सोनी का कहना है कि लगभग 40 साल से करीब 150 परिवार नाले पर मकान बनाकर रह रहे हैं। कालोनी में रहने वाले लोगों के यहां हमारे घर की महिलाओं ने काम करने से मना कर दिया, जिसके बाद बदले की भावना से उन लोगों का विरोध किया जा रहा है।

पुलिस ने कराया शांत

हंगामा बढऩे पर महानगर इंस्पेक्टर पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे और लोगों को शांत कराया। इस बीच घर बेचने का पोस्टर लगाने वाले परिवार के लोगों ने पूर्व सभासद श्याम लाल वाल्मीकि पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें वहां से भगा दिया। शुक्रवार को पूरे दिन वहां गहमागहमी का माहौल रहा।

नगर आयुक्त बोले, नोटिस दिया गया

नगर आयुक्त ने कहा कि नाले पर निर्माण कर लोग रह रहे हैं। सभी लोगों को नोटिस जारी किया गया है। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और पीएसी तैनात है। पुलिस, प्रशासन और नगर निगम की टीम आपसी समन्वय बनाकर आगे की कार्यवाही की तैयारी की जा रही है।