योग आध्यात्मिक,शारीरिक मजबूती के साथ सेक्स को बेहतर बनाने में कारगर

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डॉ0 हिमानी सिंह

आज के समय में खुद को स्वस्थ बनाने के लिए योग बहुत अच्छा जरिया है लेकिन इसके लिए योग को सही तरीके ससे करना बहुत जरुरी है और जिसके लिए जरुरी है योग प्रैक्टिस , क्योंकि जितना ज्यादा अभ्यास होगा उतना ही ज्यादा फायदा होगा। योग लाइफ को बहुत आसान बना देता है और योग से जीवन सुखी भी हो जाता है। योग को सही प्रकार से करने के लिए योग का सही तरीका आना बहुत जरुरी है। साथ ही योग योग प्रैक्टिस से शरीर लचीला भी बनता है जिससे कई प्रकार के शारीरिक रोगों से मुक्ति मिलती है।

प्राचीन काल से ही योग अपने अनेक लाभों के बारे में जाना जाता है। योग न केवल हमको तनाव से राहत दिलाता है बल्कि हमारे वजन को नियंत्रित रखता है, हमारे पाचन में सुधार करता है और यहां तक कि आपके  डीएनए को फिर से संगठित करने में भी मदद करता है। योग को  शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक संतुलन बनाये रखने में अद्भुत माना जाता है। योग हमारे शरीर को टोन करने के साथ-साथ हमारे  शरीर के ऊर्जा स्तर को भी बेहतर बनाने में योगदान देता है। बहुत से अनुसंधानों द्वारा  किये गए शोधों द्वारा यह बात सामने आई है कि प्रतिदिन एक घंटे योग का अभ्यास लंबे समय तक स्खलन और यौन प्रदर्शन को बढ़ाने में मददगार होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कुछ योग पोज़ आपकी कीगल  मांसपेशियों को मजबूत बनाते है जिससे इरेक्शन को मजबूत करने में मदद और बिस्तर पर लंबे समय तक रहने में  मदद  मिलती है। पुस्तक द साइंस ऑफ योगा: द रिस्क एंड रिवार्ड्स के अनुसार योग अभ्यास से  टेस्टोस्टेरोन  और एस्ट्रोजन जैसे सेक्स होर्मोनेस को बढ़ाने में मदद मिलती है।

आपकी सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने में मदद करता है योगासन

द जर्नल ऑफ सेक्सुअल मेडिसिन (12 नवंबर, 2009) में ऑनलाइन प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, नियमित योग अभ्यास महिलाओं में यौन क्रिया के कई पहलुओं में सुधार करता है, जिसमें इच्छा, उत्तेजना, संभोग और समग्र संतुष्टि शामिल है।अध्ययन में 40 स्वस्थ महिलाओं को  लिया गया था , जो  22 से 55 वर्ष की उम्र की  थी जिनको  भारत में एक योग कार्यक्रम में शामिल किया गया । जिसमें से अधिकतर महिलाएं  विवाहित थीं, और सभी यौन रूप से सक्रिय थीं। 22 योग आसन इन 40 स्वस्थ महिलाओं को निर्देशत किये गए । ऐसा देखा गया है कि पेट और पैल्विक मांसपेशी शरीर को टोन करने,पाचन,संयुक्त कार्य और मनोदशा पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं। कुछ आसनों में उन महिलाओं के लिए संशोधन किए गए जो पूरी तरह से इन अस्सानों का  प्रदर्शन करने में सक्षम नहीं हो पा रही  थीं।

यह अध्ययन 12- सप्ताह तक किया गया , जिसमें प्रत्येक दिन इन महिलाओं द्वारा एक घंटे का योग अभ्यास किया गया। 12-सप्ताह के अध्ययन के बाद शोधकर्ताओं द्वारा यह पाया गया कि महिलाओं के छह डोमेन जिसमें इच्छा,उत्तेजना, स्नेहन, संभोग,दर्द और समग्र संतुष्टि शामिल है, के स्कोर में बहुत अधिक  सुधार पाया गया, विशेष रूप से 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में, जिन्होंने दिखाया उत्तेजना, स्नेहन और दर्द में बहुत अधिक  सुधार है । लगभग 75% महिलाओं ने बताया  कि  योग प्रशिक्षण के बाद वह अपने यौन जीवन से अधिक संतुष्ट हैं।

योग आध्यात्मिक और शारीरिक रूप से  मजबूती प्रदान करने के अलावा हमारे यौन जीवन को भी बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण  भूमिका रखता है। अतः हम कह सकते है कि योग आपके सेक्स जीवन को बेहतर बनाने का एक शानदार तरीका है।

योग को करने के नियम

  • सुबह जल्दी उठना।
  • दिशा मैदान के बाद एक गिलास गुनगुना पानी पीना।
  • कम से कम 10 मिनिट के लिए सुबह खुली हवा में टहलना उसके बाद योग प्रारम्भ करना।
  • कोई भी 3 योग रोजाना करना चाहिए और 30 मिनिट से लेकर 45 मिनिट तक योग को करना चाहिए।
  • योग के बाद स्ट्रेचिंग अवश्य करें। इससे शरीर की थकावट दूर हो जाएगी।
  • रात के समय सोने के कम से कम 2 घंटे पहले भोजन करना और थोड़ी देर के लिए टहलना।

अगर योग के इन नियमों का पालन कर लिया जाये तो कई छोटी-बड़ी बिमारियों से निजात पाया जा सकता है। इसके साथ ही योग को करने का समय सुबह का ही निर्धारित करें क्योंकि उस समय हमारा मष्तिष्क और शरीर दोनों ही सचेत रहते है। और इससे कई प्रकार के लाभ होते है।

योगासन द्वारा आप अपनी सेक्स लाइफ और बेहतर बना सकते है –

योगासन जो इन 8 प्रॉब्लम को करेगा मिन्टों में दूर

तितली आसन – इस आसन को नियमित रूप से करने से जननांग सुदृढ़ होने के साथ-साथ पेल्विक और ग्रॉइन  अंगों में लचीलापन आता है। जिसके कारण सेक्स के प्रति रूची  बढ़ती है साथ ही चरम आंनद की प्राप्ति होती हैं। सेक्स संबंधों को बेहतर बनाने के लिए  इस आसन को रामबाण माना जाता है।

गर्भावस्था में तितली आसन करने से डिलीवरी के समय होने वाला दर्द कम होता है। प्रैग्नेंट महिलाएं इस आसन को पहले महीने से शुरू कर सकती हैं। इस आसन को करने से गर्भवती महिलाओं में तनाव भी कम होता है।मासिक धर्म की समस्या के दौरान महिलाओं को असनीय दर्द के सामना करना पड़ता है लेकिन इस आसन से आप इस प्रॉब्लम को दूर कर सकती हैं। इस आसन को करने से आपको पीरियड्स के लक्षणों से आराम मिलता है।

भुजंगासन – इस आसन में सबसे पहले आप पेट के बल सीधा लेट जाएं और  इस अवस्था में पैर  और शरीर को एकदम सीधा रखे। पैर के तलवे ऊपर की होने चाहिए और अंगुठे एक दूसरे से मिले होने चाहिए। अब अपने हाथों को छाती के पास रखे और अपने आगे के धड़ को धीरे धीरे ऊपर की ओर उठाये, यह प्रकिर्या  तब तक करें जब तक की आप अपने धड़ को नाभि तक धीरे-धीरे न उठा लें। शरीर को पेट से लेकर नाभि तक सीधा रखें  और हथेली फर्श पर टिका  का रखें। इस अवस्था में साँस को कुछ  सेंकेड तक रोकने  के बाद शरीर को धीरे-धीरे अपनी पहलीअवस्था में बापिस ले आएं।

इस आसन को नियमित करने से सबसे बड़ा लाभ यह मिलता है कि इससे आपको सेक्स के दौरान शरीर में उचित ऊर्जा का प्रवाह मिलता है और साथ ही इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या से भी राहत मिलती है।लचीलापन बढ़ाता है।पाचन में सुधार करता है।रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है।रक्त परिसंचरण में सुधार करता है।बाहो और कंधों को मजबूत करता है।तनाव और थकान से राहत मिलती है।रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है।अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।निचले हिस्से की कठोरता कम हो जाती है।

Do Padmasana daily to get rid of physical and mental disorders

पद्मासन – पद्मासन की मुद्रा बनाने के लिए पहले  फर्श पर  अच्छे से बैठ जाये। फिर बायें पैर के एड़ी को दायें पैर के जांघ पर इस तरह से रखें कि वह नाभि के पास जाये। ठीक उसी प्रकार दाये पैर के एड़ी को बायें पैर के जांघ पर  रखें। उसके बाद कमर से ऊपरी भाग को सीधा रखें। दोनों हथेलियों को गोद पर सीधा  रखते हुए ध्यान की  मुद्रा में बैठ कर साँस  बाहर अंदर निकालें।

नियमित रूप से इस आसन को करने से अनेकों शारीरिक लाभ होता है जैसी कि पाँवों की  अनेक व्याधियों से निजात मिलता है,श्वसन क्रिया को सही रखता है,इससे बुद्धि बढ़ती तथा शरीर में एकाग्रता व स्थिरता आती है। इसके अतिरिक्त  इस आसन से मांसमेशियां, पेट, मूत्राशय और घुटनों में खिंचाव पैदा  होता है, जिसके कारण शरीर में मजबूती आती है, साथ  ही  शरीर में उत्तेजना का संचार होता है और खोई हुई काम की उत्तेजना  का वापस शरीर में संचार होता  है, जो की आपकी सेक्स लाइफ को बेहतर बनाता है।

कैट पोज़ – यह मुद्रा  आपको रीढ़ को ढीला  करके आपको  अपने समग्र तनाव को कम  करके तुरंत  मूड में आने में मदद करती  है।इस मुद्रा में आप सुनिश्चित करें कि आपकी कलाई आपके कंधों के नीचे है और आपके घुटने आपके कूल्हों के अनुरूप हो। अपनी रीढ़ को बिलकुल ढीला छोड़े और अपने वजन को अपने शरीर पर समान रूप से संतुलित रखें।अब अपने पेट को फर्श की तरफ  मोड़ें और अपनी आँखें, ठोड़ी, और छाती को ऊपर उठाएं। साँस छोड़ते हुए,अपनी ठुड्डी को अपनी छाती से टकराएं, और अपनी नाभि को अपनी रीढ़ की ओर खींचें।

ब्रिज मुद्रा – ब्रिज एक्सरसाइज करने से आपके सम्पूर्ण शरीर को लाभ मिलता है। इस एक्सरसाइज के अभ्यास से  आपके शरीर के पोस्चर में सुधार आता है। नियमित रुप से इस एक्सरसाइज के अभ्यास से आपकी कमर की मसल्स मजबूत होती हैं साथ ही सामने के हिस्से की मसल्स  भी टोन होती है। इसके अतिरिक्त पेट पर बढ़े हुए फैट को कम भी करता है या हम इस प्रकार कह सकते है कि इस एक्सरसाइज के अभ्यास से आपकी कोर मसल्स फ्लैट हो जाती है साथ ही यदि  आप  अगर  एब्स बनाना चाहते है तो यह  एक्सरसाइज आपके लिए  बहुत ही लाभकारी होती है। ब्रिज पोज़ योनि को भी टोन करके ओर्गास्म में सुधार लाता है।

इस मुद्रा में पीठ के बल लेट जाएं और हाथ बगल में फैला लें। अब घुटनों को मोड़कर, उन्हें बाहर की तरफ फैला लें। पेट वाले हिस्से से शरीर को ऊपर की ओर खीचें और अपने हाथों और पैरों के सहारे पेट को ऊपर की ओर करते हुए कुछ देर तक इस मुद्रा में रुके फिर धीरे धीर वापस इस मुद्रा में आ जाएँ । इस मुद्रा को करने से आपके शरीर के भिन्न -भिन्न अंगों को मजबूती मिलती है, यह मुद्रा आपके हिप्स, जांघ, पेट और पीठ पर काम करती है और साथ ही जननांगों में उचित रक्त प्रवाह होता है।

हलासन – यौन ऊर्जा को बढ़ाने के लिए इस आसन का प्रयोग किया जाता है। यह आसान पुरुषों और महिलाओं दोनों की यौन ग्रंथियों को मजबूत और सक्रिय बनाता है। इससे यौनांगों में उचित रक्त प्रवाह के कारण  उत्तेजना का संचार होता है जिसके कारण काम की इच्छा जागृत होती है।  नपुंसकता की समस्या को भी इस आसन के द्वारा दूर किया जा सकता है।

हलासन के द्वारा कामेच्छा जागृत होने लगती है। इससे यौनांगों में उत्तेजना होती है। इससे नपुंसकता नहीं रहती है।

Your Body in Downward Dog - Sonima

डाउनवर्ड डॉग – पैरों को फैलाते हुए दोनों पैरों  की एड़ी  में अंतर लाते हुए  मैट पर झुकते हुए अपने हाथों को मैट पर टिकाएं और अपने हाथों और पैरों के बीच में गैप लाते हुए एक उलटा वी आकार बनाये और अपनी  रीढ़ से ऊपर की ओर लंबा  होने का प्रयास करें । अपने कंधों को कानों से दूर रखें, और अपनी गर्दन को आराम दें। इस अवस्था में अपने आप को कम से कम 30 सेकेंड तक रोकें।

डाउनवर्ड डॉग मन को शांत  करने के साथ साथ  शरीर को उत्तेजित करता है, मन का शांत होना और उत्तेजना दोनों ही अच्छे सेक्स  के लिए महत्वपूर्ण तत्व माने जाते हैं। यह मुद्रा न केवल आत्मविश्वास और मांसपेशियों को टोन करने में मदद करती है , बल्कि आपकी पीठ की  मांसपेशियों के तनाव को कम  करती है और लचीलेपन लाती है, जिससे सेक्स के दौरान आप रिलेक्स फील करते हैं।

हनुमानासन – इस आसान के लिए अपने पैरों को 180 डिग्री पर विभाजित करके फर्श पर बैठ जाएँ। और धीरे धीरे आगे झुकें और अपने पैर की उंगलियों को पकड़ने का प्रयास करें अब 30 सेकंड तक इसी स्थिति में रहें। इस आसन को करने से गुप्तांगों में रक्त का संचार बहुत तेजी से  होता है। साथ ही जननांगों की मांसपेशियों में तनाव कम होने के कारण बहुत अधिक लचीलापन आता है। जिसके कारण सेक्स के  समय कम  कठिनाई  का अनुभव होता है  और आप अपनी सेक लिफ़ अच्छे से एन्जॉय करने में समर्थ होते है।

वृक्षासन – यह आसन आपके शरीर का संतुलन बनाने में लाभकारी होता है, साथ ही इस आसान के नियमित प्रयास से  शरीर सुडौल व मजबूत बनता है और स्टैमिना में भी बढ़ोतरी होती। ध्यान रखें इस आसन का अभ्यास करते समय दाएं पैर को जमीन पर दृढ़ता से जमाने की आवश्कता होती है क्योकि तभी आप अपने शरीर का संतुलन बना पायेंगें

व्हील पोज़ (उर्ध्वा धनुरासन) – यह मुद्रा सामान्य रूप से रीढ़ की हड्डी को लचीली बनाती है साथ ही  शरीर को ऊर्जावान बनाने के लिए बहुत  मददगार होती  है। यह मुद्रा चयापचय को सक्रिय करके तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करती हैं। व्हील पोज़ हिप फ्लेक्सर्स को स्ट्रेच करने के लिए बहुत अच्छा है, जो कि अधिक तीव्र ओर्गास्म बनाने में मदद  प्रदान करता है। यह मुद्रा आपके ग्लूट्स को, आपके हिप फ्लेक्सर्स को  खोलने साथ ही साथ आपके पेल्विक फ्लोर को मजबूती प्रदान करने का काम करती है।

सर्वांगासन – सर्वांगासन अर्थात सर्व अंग और आसन, इस आसान के  नाम से ही प्रतीत  तोता है कि  यह आसन हमारे पुरे शरीर के अंगो  को लाभ प्रदान करता है।   अतः इस  यह आसन को  कई  लाभ प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

हॉर्मोन उत्पादन को प्रोत्साहित करने और थायरॉयड और हाइपोथैलेमस ग्रंथियों को संतुलित करने में यह आसन बहुत ही लाभकारी सिद्ध होता है साथ ही यह आसन तंत्रिका तंत्र को  सक्रिय करके  दिल और दिमाग को शांत करती है। इस आसन को करने से पेट पर दबाब पड़ताहै, जिससे पेट के  सभी आंतरिक अंग सही तरह से काम करने लगते हैं,जिसके कारण बांझपन और गर्भपात जैसी समस्याएं भी  दूर होती हैं। शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होने के कारण यह आसन थकान और दुर्बलता को दूर करने में  लाभकारी होता है साथ ही यह आसन मस्तिष्क में रक्त और ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर  करता है जिसके कारण मानसिक तनाव  काफी हद तक कम होता है। बेहतर रक्त प्रवाह और कम थकान के कारण आप को सेक्स के प्रति अधिक उत्तेजना होती है और आप इसका भरपूर्ण आंनद  ले पाते हैं।