
फ़्यूल सरचार्ज के नाम पर बिजली दर बढ़ाने का प्रयास सरकारी लूट- राष्ट्रीय लोक दल फ़्यूल सरचार्ज के नाम पर सरकारी लूट
निष्पक्ष दस्तक ब्यूरो
लखनऊ। आर.एल.डी. के राष्ट्रीय संयोजक अनुपम मिश्रा ने पावर कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा शातिराना अंदाज में पेश किए गए उस प्रस्ताव पर आपत्ति जताई है जिसके द्वारा प्रबंधन 1437 करोड़ रुपए अतिरिक्त उपभोक्ताओं से वसूलना चाहता है जबकि उपभोक्ताओं का ही बिजली कंपनियों पर 33122 करोड़ रुपया बाकी है।अनुपम मिश्रा ने इस प्रस्ताव पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि बिजली मंत्री की मिलीभगत से यह सब हो रहा है।उन्होंने कहा कि प्रबंधन द्वारा गुपचुप तरीके से आयोग को दिए गए इस प्रस्ताव के अनुसार घरेलू बिजली लगभग 56 पैसे प्रति यूनिट वाणिज्यिक बिजली 87 पैसे प्रति यूनिट तथा उद्योगों के लिए 74 पैसे प्रति यूनिट का अतिरिक्त भार उपभोक्ताओं पर पड़ेगा जो ना केवल ग़लत है बल्कि एक प्रकार की सरकारी लूट है।
फ़्यूल सरचार्ज के नाम पर अवैध सरकारी वसूली का हम हर स्तर पर न केवल विरोध करेंगे बल्कि यदि आवश्यक हुआ तो आंदोलन भी करेंगे। अनुपम मिश्रा ने कहा कि प्रबंधन द्वारा पहले भी इस प्रकार के गुपचुप तरीक़े से जनता से उगाही के प्रयास किए जाते रहे हैं जिन्हें विद्युत नियामक आयोग द्वारा ख़ारिज भी किया जाता रहा है बावजूद इसके प्रबंधन नित नए-नए हथकंडे अपना रहा है कि किसी भी प्रकार से जनता से अवैध वसूली की जा सके।प्रबंधन का यह प्रस्ताव असंवैधानिक और आयोग के निर्णय की अवमानना भी करता है इसलिए प्रबंधन के इस प्रस्ताव को तत्काल ख़ारिज करते हुए इनके ख़िलाफ़ विधिक कार्यवाही किया जाना चाहिए ।
अनुपम मिश्रा ने इस प्रस्ताव को सरकार की जनविरोधी नीतियों का परिणाम बताते हुए कहा कि पूरा प्रदेश गर्मी और महँगाई की चपेट में है ऐसे में यह प्रस्ताव जले में नमक छिड़कने वाला है।यदि पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन को अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार करना है तो अपनी नीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन करे और लाइन लॉस को समाप्त करे न कि प्रदेश की जनता की जेब पर डाका डाले। फ़्यूल सरचार्ज के नाम पर सरकारी लूट