अखिलेश का मास्टरस्ट्रोक बसपा के 6 बागी विधायक चलाएंगे साइकिल

102

लखनऊ, उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव से पहले बसपा विधायकों की बड़ी बगावत सामने आई है. बहुजन समाज पार्टी के विधायकों ने अपने ही प्रत्याशी के खिलाफ बगावत कर दी है. विधायकों ने प्रस्तावक से अपना नाम वापस लेने की बात कही है. इसके चलते राज्यसभा उम्मीदवार राम जी गौतम का पर्चा खारिज हो सकता है. राज्यसभा प्रत्याशी रामजी गौतम के प्रस्तावक के तौर पर अपना नाम वापस लेने वाले 5 बागी विधायक अखिलेश यादव से मिलने समाजवादी पार्टी कार्यालय पहुंचे. सभी की बंद कमरे में मुलाक़ात हुई.

उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टीके राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के मास्टरस्ट्रोक से बैकफुट पर आई बसपा को एक और झटका लग सकता है. बसपा के राज्यसभा प्रत्याशी रामजी गौतम के प्रस्तावक के तौर पर अपना नाम वापस लेने वाले 5 बागी विधायकों के साथ एक और विधायक सुषमा पटेल ने अखिलेश यादव से मिलने सपा कार्यालय पहुंचे. सभी की बंद कमरे में मुलाक़ात हुई. कहा जा रहा है कि बसपा के पांचों विधायक समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं. फिलहाल टूट के कगार पर पहुंची बसपा की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन कहा जा रहा है कि बसपा प्रत्याशी रामजी गौतम अपना नाम वापस ले सकते हैं.

बाग़ी विधायक असलम चौधरी, असलम राइनी, मुज्तबा सिद्दीकी, हाकिम लाल बिंद और गोविंद जाटव ने मंगलवार को भी अखिलेश यादव से मुलाक़ात की थी. बसपा विधायक असलम चौधरी की पत्नी ने कल ही समाजवादी पार्टी ज्वाइन की थी. इस घटनाक्रम को सपा प्रमुख अखिलेश यादव का पहला मास्टर स्ट्रोक भी कहा जा रहा है. जानकारी के मुताबिक सभी पांचों बागी विधायक समाजवादी पार्टी से टिकट चाहते हैं. यह भी सूचना आ रही है कि एक दो और विधायक सपा में शामिल हो सकते हैं.

श्रावस्ती से एक बीएसपी विधायक, निर्दलीय राजा भैया और उनके सहयोगी विनोद सरोज और निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी के भी बीजेपी के ही साथ रहने की संभावना थी. इस हिसाब से बीजेपी को अपना नौवां प्रत्याशी जिताने के लिए महज 13 वोटों की और दरकार थी, फिर भी बीजेपी ने आठ प्रत्याशी उतारे. इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में बीएसपी प्रत्याशी को बीजेपी के बैकडोर से समर्थन देने की चर्चाएं तेज हो गईं.

एमएलसी उदयवीर सिंह ने जब मंगलवार को इन पांचों विधायक की मुलाक़ात अखिलेश यादव से करवाई तभी इस नाटकीय घटनाक्रम की पटकथा लिख दी गई. सपा ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर आखिरी वक्त में प्रकाश बजाज का नामांकन करवा दिया. इसके बाद एक सीट के लिए मतदान तय माना जा रहा था. लेकिन आज जैसे ही बसपा के पांच विधायकों ने प्रस्तावक के तौर पर अपना नाम वापस लिया तो सारा खेल ही बिगड़ गया. अब राज्यसभा चुनाव में प्रकाश बजाज की जीत तय मानी जा रही है.