अन्तर्विभागीय समन्वय से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की सफलता सुद्रढ़ करें- मुख्यमंत्री

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राज्य स्वास्थ्य मिशन की बैठक, बेहतर अन्तर्विभागीय समन्वय से प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की सफलता कई गुना बढ़ सकती है। प्रदेश में संचारी रोगों के नियंत्रण में अन्तर्विभागीय समन्वय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रत्येक 03 माह में सम्बन्धित विभागों के साथ अन्तर्विभागीय बैठक तथा प्रत्येक 06 माह में होेने वाली कार्यकारी परिषद की बैठक भी नियमित रूप से सम्पन्न कराने के निर्देश। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा संचालित कार्यक्रमांे की समीक्षा विभागीय मंत्री के स्तर पर मासिक, अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव के स्तर पर पाक्षिक तथा जनपदीय स्तर पर साप्ताहिक रूप से की जाए। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में दैनिक आधार पर आंकड़े प्राप्त करने की व्यवस्था बनायी जाए,यू0पी0 मेडिकल सप्लाई काॅरपोरेशन के कार्याें को त्वरित और पारदर्शी ढंग से सम्पादित किये जाने के निर्देश। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा संचालित स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन में जनजागरूकता की महत्वपूर्ण भूमिका, आरोग्य मेलों को पुनः प्रारम्भ करने पर विचार किया जाए, आरोग्य मेलों के साथ टीकाकरण तथा कोविड-19 के एण्टीजन टेस्ट की व्यवस्था भी की जाए। अस्पताल प्रबन्धन के लिए इसके प्रबन्धन में शिक्षित-प्रशिक्षित लोगों को जोड़ा जाए,एम्बुलेन्स का रिस्पाॅन्स टाइम कम करने के लिए प्रभावी कार्य योजना बनाकर उसे लागू किया जाए। मोबाइल डायलिसिस की सेवा सभी जनपदों में उपलब्ध करायी जाए।

लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बेहतर अन्तर्विभागीय समन्वय से प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की सफलता कई गुना बढ़ सकती है। अधिकतम सफलता के लिए कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में अन्तर्विभागीय समन्वय पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में संचारी रोगों के नियंत्रण में अन्तर्विभागीय समन्वय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्ष 2016 की तुलना में वर्तमान में संचारी रोगों से होेने वाली मृत्यु में लगभग 95 प्रतिशत की कमी आयी है। उन्होंने प्रत्येक 03 माह में सम्बन्धित विभागों के साथ अन्तर्विभागीय बैठक तथा प्रत्येक 06 माह में होेने वाली कार्यकारी परिषद की बैठक भी नियमित रूप से सम्पन्न कराने के निर्देश दिए। 

अपने सरकारी आवास पर आयोजित राज्य स्वास्थ्य मिशन की बैठक में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा संचालित कार्यक्रमांे की समीक्षा विभागीय मंत्री के स्तर पर मासिक, अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव के स्तर पर पाक्षिक तथा जनपदीय स्तर पर साप्ताहिक रूप से की जाए। अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, मुख्य चिकित्साधिकारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा करें। स्वास्थ्य विभाग के अपर एवं संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी क्षेत्र भ्रमण कर कार्यक्रमांे की प्रगति की मौके पर समीक्षा करें। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मिशन द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों के आंकड़े अद्यतन होने चाहिए। इसके लिए तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में दैनिक आधार पर आंकड़े प्राप्त करने की व्यवस्था बनायी जाए। अद्यतन आंकड़ों के आधार पर ही कार्यक्रमों के संचालन की दशा व दिशा की प्रभावी समीक्षा सम्भव हो सकती है। उन्होंने यू0पी0 मेडिकल सप्लाई काॅरपोरेशन के कार्याें को त्वरित और पारदर्शी ढंग से सम्पादित किये जाने के निर्देश भी दिए।  मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा संचालित स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन में जनजागरूकता की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए योजनाबद्ध ढंग से कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाए।

स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन में स्वास्थ्य कर्मियों के प्रशिक्षण पर विशेष बल देते हुए उन्हांेने कहा कि राज्य में इंसेफेलाइटिस के मामलों के नियंत्रण में स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षण उपयोगी सिद्ध हुआ है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के पूर्व प्रदेश में सफलतापूर्वक आरोग्य मेले आयोजित किये जा रहे थे। इन आरोग्य मेलों को पुनः प्रारम्भ करने पर विचार किया जाए। आरोग्य मेले प्रत्येक रविवार को आयोजित किये जाए, इससे अधिक से अधिक व्यक्ति आरोग्य मेलों का लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि आरोग्य मेलों के साथ टीकाकरण अभियान को भी जोड़ा जाना चाहिए। आरोग्य मेलों के अवसर पर कोविड-19 का एण्टीजन टेस्ट कराये जाने की व्यवस्था भी की जाए। 

कोविड-19 चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने तथा राजकीय स्वास्थ्य व्यवस्था के प्रति जनविश्वास अर्जित करने का अवसर है। इस अवसर पर का लाभ उठाने के लिए अतिरिक्त प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त मात्रा में धनराशि उपलब्ध करायी जा रही है। साथ ही, स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए जनसहयोग भी प्राप्त हो रहा है। उन्होंने अस्पताल प्रबन्धन की व्यवस्था को सुदृढ़ करने पर बल देते हुए कहा कि अस्पताल प्रबन्धन के लिए इसके प्रबन्धन में शिक्षित-प्रशिक्षित लोगों को जोड़ा जाना चाहिए। 

एम्बुलेन्स व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि निजी सेवा प्रदाताओं द्वारा संचालित सेवाओं का पूरा लाभ जनसामान्य को सुलभ कराने के लिए समुचित प्रयास किये जाए। एम्बुलेन्स का रिस्पाॅन्स टाइम कम करने के लिए प्रभावी कार्य योजना बनाकर उसे लागू किया जाए। एम्बुलेन्स में प्रशिक्षित मैनपावर, आवश्यक मेडिकल उपकरण तथा आॅक्सीजन बैकअप सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि मोबाइल डायलिसिस की सेवा सभी जनपदों में उपलब्ध करायी जाए।

मोबाइल मेडिकल यूनिट के कार्याेें की समीक्षा की जाए।  बैठक में स्वास्थ्य मंत्री श्री जय प्रताप सिंह ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के उद्देश्यों, संचालित कार्यक्रमों व प्रगति के सम्बन्ध में जानकारी दी। इस अवसर पर एक प्रस्तुतिकरण के माध्यम से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत प्रजनन, मातृ, नवजात, बाल एवं किशोर स्वास्थ्य के लिए संचालित किये जा रहे कार्यक्रमों व प्रगति की विस्तृत जानकारी दी गयी। बैठक के अन्त में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने मुख्यमंत्री जी को उनके निर्देशों के पूर्णतया पालन हेतु आश्वस्त किया।  इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ सहित मंत्रिगण, मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।