अशोक गहलोत अनुभवी और सबको साथ लेकर चलने वाले नेता-अजय माकन

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कांग्रेस प्रभारी महासचिव अजय माकन के प्रस्तावित दौरे में डोटासरा साथ रहेंगे। सचिन पायलट के लिए कितना महत्व रखता है माकन का संभागीय स्तर दौरा। क्या प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ रहते हुए संगठन और सरकार की सच्चाई जान पाएंगे माकन….?

राजस्थान में कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अजय मकान का संभाग स्तरीय दौरा है। तय कार्यक्रम के अनुसार माकन पहले जयपुर संभाग के कार्यकर्ताओं से मिलेंगे। इसके बाद अजमेर और कोटा संभाग के कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। सभी संभाग मुख्यालयों पर माकन के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी रहेंगे। डोटासरा की उपस्थिति में ही अजय माकन कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की राय जानेंगे। माकन का दौरा सीएम अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष व डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट के आपसी विवाद के बीच हो रहा है। दिल्ली में दोनों पक्षों के बीच बनी सहमति के बाद ही अविनाश पांडे के स्थान पर अजय माकन को प्रदेश के प्रभारी महासचिव बनाया गया और उसी समझौते के तहत माकन का दौरा हो रहा है। माकन ने कहा भी है कि इस दौरे में वे कार्यकर्ताओं की राय जानेंगे।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और राजस्थान के नवनियुक्त प्रभारी अजय माकन पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेने इस सप्ताह जयपुर आयेंगे. कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि माकन पार्टी के संभागीय और जिला स्तरीय नेताओं और कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेंगे. उन्होंने बताया कि जमीनी स्तर पर जिलों के पार्टी कार्यकर्ताओं ने फीडबैक लेने के बाद पार्टी की नई राज्य इकाई की कार्यकारणी के गठन पर निर्णय किया जायेगा.डोटासरा ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि माकन का इसी हफ्ते आने का कार्यक्रम है, हालांकि इस बारे में अंतिम रूप से तय नहीं हुआ है।

  कांग्रेस कमेटी के महासचिव और राजस्थान के नवनियुक्त प्रभारी अजय माकन पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेने इस सप्ताह जयपुर आयेंगे। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि माकन पार्टी के संभागीय और जिला स्तरीय नेताओं और कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेंगे, उन्होंने बताया कि जमीनी स्तर पर जिलों के पार्टी कार्यकर्ताओं ने फीडबैक लेने के बाद पार्टी की नई राज्य इकाई की कार्यकारणी के गठन पर निर्णय किया जायेगा। डोटासरा ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि माकन का इसी हफ्ते आने का कार्यक्रम है, हालांकि इस बारे में अंतिम रूप से तय नहीं हुआ है।

स्वाभाविक है कि यह राय अशोक गहलोत और सचिन पायलट के समर्थकों की होगी। सब जानते हैं कि पायलट को हटा कर ही गोविंद सिंह डोटासरा को कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था। प्रदेशाध्यक्ष बनते ही डोटासरा ने सचिन पायलट वाली प्रदेश कार्यकारिणी और 39 जिला कमेटियों को भंग कर दिया गया। अब डोटासरा दोबारा से प्रदेश कार्यकारिणी और जिला कमेटियों के गठन की कवायद कर रहे हैं। आम कार्यकर्ता को भी पता है कि अब अशोक गहलोत और गोविंद सिंह डोटासरा जो तय करेंगे, उन्हीं संगठन और सरकार में स्थान मिलेगा। कांग्रेस के जिन कार्यकर्ताओं को पायलट ने अपने सात वर्ष के कार्यकाल में शीर्ष पर पहुंचाया वो भी अब खुलकर पायलट के साथ नहीं खड़े हैं। पायलट समर्थक भी अब गहलोत और डोटासरा के साथ अपना भविष्य संवारने में लगे हुए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि कितने कार्यकर्ता डोटासरा की उपस्थिति में अजय माकन को अपने मन की बात बताएंगे…?

क्या कोई पूर्व अध्यक्ष पर जिला कमेटी का पदाधिकारी अशोक गहलोत को लेकर असंतोष दिखा पाएगा? या फिर पायलट के समर्थन में खड़ा होगा? संभाग स्तर का कौन सा नेता अभी भी पायलट के साथ खड़ा है, इस पर डोटासरा की नजर रहेगी। भले ही पायलट के समर्थकों को अजय माकन के साथ डोटासरा की उपस्थिति बुरी लगे, लेकिन जब पायलट प्रदेशाध्यक्ष थे, तब अशोक गहलोत के समर्थकों को चुन-चुन कर बाहर किया गया था। गहलोत के समर्थक चिल्लाते रहे, लेकिन पायलट ने किसी की भी नहीं सुनी। गहलोत के आगमन पर जो कार्यकर्ता स्वागत के लिए पहुंचते थे, उनकी सूची तक बनाई जाती थी।

पायलट के कार्यकाल में गहलोत समर्थक जो कार्यकर्ता और नेता प्रताडि़त हुए वे सब अब खुश हैं। गहलोत समर्थकों का मानना है कि अजय मकान के सामने संभाग स्तर पर कोई भी नेता पायलट का समर्थन करने के लिए नहीं आएगा। पायलट की तरह कोई नेता यह नहीं कह सकेगा कि गहलोत सरकार ने चुनावी वायदे पूरे नहीं किए हैं। माना जा रहा है कि सोची समझी रणनीति के तहत ही अजय माकन के साथ डोटासरा को रखा गया है। जहां तक अजय माकन का सवाल है तो वे अशोक गहलोत के अनुभव और सबको को साथ लेकर चलने की बात पहले ही स्वीकार चुके हैं। माकन ने हाल ही में मीडिया में जो इंटरव्यू दिए हैं उसमें स्वीकारा है कि गहलोत एक अनुभवी राजनेता और सबको साथ लेकर चलते हैं। माकन ने स्वीकारा कि विवादों को समाप्त करने के लिए हाईकमान ने तीन सदस्यों की कमेटी बनाई है, लेकिन सरकार के नीतिगत निर्णयों में कमेटी अपनी कोई राय नहीं देगी, क्योंकि अशोक गहलोत की नीतियां पहले से ही अच्छी हैं। माकन ने बार बार कहा है कि राजस्थान में कांग्रेस मजबूत स्थिति में खड़ी है।

12 अगस्त के बाद कोई मुलाकात नहीं:-

अजय माकन भले ही कांग्रेस में मजबूती का दावा करें, लेकिन सच यह है कि 12 अगस्त के बाद से अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच कोई मुलाकात नहीं हुई है। दिल्ली में अपने 18 समर्थक विधायकों के साथ एक माह तक रहने के बाद पायलट ने 12 अगस्त को सीएमआर पहुंच कर गहलोत से मुलाकात की थी। इसके बाद 14 अगस्त को विधानसभा में भी दोनों में कोई मुलाकात नहीं हुई, क्योंकि मुख्य सचेतक महेश जोशी की सलाह पर पायलट की सीट तीसरी पंक्ति में कर दी गई। पहले पायलट मुख्यमंत्री के बराबर वाली सीट पर बैठते थे। हालांकि 14 अगस्त शक्ति परीक्षण के बाद भी दो दिन विधानसभा चली, लेकिन पायलट नजर नहीं आए।

माकन के दौरे को लेकर असमंजस:-

प्रदेश प्रभारी अजय माकन के राजस्थान दौरे को लेकर लगाातर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। पहले संकेत दिए गए थे कि माकन 25 अगस्त को आएंगे, इसके बाद कहा गया कि 27 अगस्त से माकन का संभाग स्तरीय दौरा शुरू हो जाएगा, लेकिन अब कहा जा रहा है कि माकन 29 अगस्त के बाद राजस्थान आ सकते हैं। माकन के दौरे को लेकर अभी भी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। सूत्रों की माने तो सीएम अशोक गहलोत की सहमति होने के बाद ही माकन संभाग स्तरीय दौरा आरंभ करेंग