आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अनुपूरक पुष्टाहार की आपूर्ति एवं वितरण की नवीन व्यवस्था

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  • बाल विकास परियोजनाओं में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अनुपूरक पुष्टाहार की आपूर्ति एवं वितरण की नवीन व्यवस्था।
  • उत्पादन व आपूर्ति की व्यवस्था को स्थानीय महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से गुणवत्तायुक्त पोषण स्थानीय परिवेश में भी उपलब्ध हो सकेगा।
  • आगनबाड़ी केन्द्रों पर अनूपुरक पुष्टाहार की आपूर्ति अब स्वयं सहायता समूहों के द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकत्री के माध्यम से की जायेगी।
  • 25 नवम्बर 2020 को लाभार्थियों को विकेन्द्रीकृत व्यवस्था के माध्यम से प्रथम बार पूरे प्रदेश में अनुरूप पुष्टाहार वितरित किया जायेगा।
  • व्यवस्था को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने तथा पूर्णतया पारदर्शी पुष्टाहार वितरण प्रणाली को मूर्तरूप देने में जिलाधिकारी की होगी अहम भूमिका।
  • जनपदों में ग्राम निगरानी समिति, ब्लाक निगरानी समिति तथा जिला निगरानी समिति का किया जायेगा गठन।
  • मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी ससमय समस्त व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा करेंगे।
  • न्यूट्री गार्डन (पोषण वाटिका) की स्थापना को वरीयता।
  • पोषण वाटिकासे सामुदायिक स्थानों के साथ-साथ प्रत्येक घर में फल, सब्जियां एवं औषधीय पौधे लगाने हेतु जन सामान्य होंगे प्रोत्साहित।
  • पोषण वाटिका आई.सी.डी.एस. व शिक्षा विभाग के संयुक्त प्रयास से बनायी जायेगी।
  • पोषण वाटिका से स्कूल/आंगनबाड़ी केन्द्र पर पढ़ने वाले बच्चों को ताजी सब्जियों व फल के साथ पौष्टिक गर्म पका हुआ आहार उपलब्ध कराना हो सकेगा सम्भव।

लखनऊ, प्रदेश की अपर मुख्य सचिव, बाल विकास एवं पुष्टाहार एस. राधा चौहान ने प्रदेश की बाल विकास परियोजनाओं में संचालित आंगनबाड़ी/मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अनुपूरक पुष्टाहार की आपूर्ति एवं वितरण के सम्बन्ध में शासनादेश जारी कर दिया  है। निर्गत शासनादेश में उन्होंने कहा कि पूर्व में निर्गत दिनांक 01 अक्टूबर 2020 को शासनद्वारा लिये गये निर्णय से पूरे राज्य में एकीकृत बाल विकास सेवाओं के अन्तर्गत पुष्टाहार से सम्बन्धित समस्त व्यवस्था वृहद परिवर्तन की ओर अग्रसर है। लगभग 30 साल से अधिक समय तक संचालित उत्पादन व आपूर्ति की व्यवस्था की पूर्णतया परिवर्तित करते हुए इस कार्य को स्थानीय महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से किया जाना, न केवल स्थानीय सहभागिता को बढ़ावा देगा बल्कि गर्भवती/धात्री महिलाओं, 11 से 14 वर्ष की स्कूल न जाने वाली किशोरी बालिकाओं एवं बच्चों को गुणवत्तायुक्त पोषण स्थानीय परिवेश में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेगा।

श्रीमती चौहान ने कहा कि प्रदेश की बाल विकास परियोजनाओं में संचालित आंगनबाड़ी/मिनी आगनबाड़ी केन्द्रों पर अनूपुरक पुष्टाहार की आपूर्ति अब स्वयं सहायता समूहों के द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकत्री/मिनी आगनबाड़ी कार्यकत्री के माध्यम से ही की जायेगी। चयनित स्थानीय महिला स्वयं सहायता समूह के स्वरोजगार के साथ-साथ स्थानीय महिलाओं का भी सशक्तीकरण होगा। उन्होंने कहा कि माताओ तथा स्थानीय महिलाओं की भूमिका इस व्यवस्था की सफलता में महत्वपूर्ण कड़ी बनेगी। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से पूरे प्रदेश में उत्पादन हेतु वांछित अवस्थापना विकसित करने का कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है।

25 नवम्बर 2020 को लाभार्थियों को इस विकेन्द्रीकृत व्यवस्था के माध्यम से प्रथम बार पूरे प्रदेश में भारत सरकार के मानकों के अनुरूप पुष्टाहार वितरित किया जाना प्रस्तावित है। इस पूरी व्यवस्था को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने, स्थानीय स्टेक-होल्डर्स को अपनी भूमिका को सही ढंग से निष्पादित कराने तथा पूर्णतया पारदर्शी पुष्टाहार वितरण प्रणाली को मूर्तरूप देने आदि में जिलाधिकारी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में विस्तृत एस.ओ.पी. पृथक से निर्गत की जा रही है।

अपर मुख्य सचिव ने समस्त मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियों से कहा है कि जनपदों में विभिन्न स्तरों पर निगरानी समितियां जैसे ग्राम निगरानी समिति, ब्लाक निगरानी समिति तथा जिला निगरानी समिति का पूर्व से ही प्रावधान है। इसलिए यह सुनिश्चित कर लें कि सभी समितियों का गठन कर लिया जाय तथा वे अपने दायित्वों के प्रति पूर्णतज्ञ सजग रहें। इसके साथ ही ससमय समस्त व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा भी कर ली जाय तथा यदि व्यवस्था को और सशक्त एवं सुचारू रूप से क्रियान्वित करने हेतु यदि कोई सुझाव हो, तो ऐसे सुझाव तत्काल निदेशक, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, उत्तर प्रदेश लखनऊ को उपलब्ध करा दिये जायें।

श्रीमती चौहान ने कहा कि विभाग द्वारा न्यूट्री गार्डन (पोषण वाटिका) की स्थापना को वरीयता दी जा रही है, जिसका उद्देश्य सामुदायिक स्थानों के साथ-साथ प्रत्येक घर में फल, सब्जियां एवं औषधीय पौधे लगाने हेतु जन सामान्य को प्रोत्साहित करना तथा उनसे होने वाले लाभों के सम्बन्ध में जागरूकता फैलाना है। पोषण वाटिका आई.सी.डी.एस. व शिक्षा विभाग के संयुक्त प्रयास से बनायी जायेगी, जिससे स्कूल/आंगनबाड़ी केन्द्र पर पढ़ने वाले बच्चों को ताजी सब्जियों व फल के माध्यम से पौष्टिक गर्म पका हुआ आहार उपलब्ध कराना सुनिश्चित हो सकेगा।

श्रीमती चौहान ने कहा कि लम्बे समय से चली आ रही व्यवस्था में परिवर्तन किया गया है इसलिए इस नवीन व्यवस्था को जन सामान्य एवं जनप्रतिनिधियों तक पहुंचाया जाय। सम्पर्क, संवाद एवं सहभागिता से ही व्यवस्था का पारदर्शी संचालन सम्भव है। उन्होंने समस्त मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को समस्त तैयारियों की गहन समीक्षा व वांछित कार्यवाही करने को कहा है, जिससे नवीन व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित की जा सके।