उत्पादों की ब्रान्डिंग हेतु कन्सलटेन्ट के सहयोग से वर्चुअल एक्जिीबिशन का आयोजन

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वाराणसी परिक्षेत्र के जी.आई. उत्पाद के निर्यातकों की समस्याओं के समाधान, ब्रान्डिंग तथा मार्केटिंग के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा दिये जाने के सम्बन्ध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक आयोजित।
जी.आई. उत्पादों के लिए प्रशिक्षण एवं कौशल विकास हेतु प्रशिक्षणार्थियों का चयन कर उनकी ट्रेनिंग करायी जाए।
कारीगरों, शिल्पियों एवं बुनकरों को वाजिब मूल्य पर कच्चा माल उपलब्ध कराने हेतु राॅ मैटीरियल बैंक की स्थापना की जाये।
सिल्क के लिए जरूरी राॅ मैटीरियल की मांग को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर शहतूत का प्लान्टेशन कराया जाए।
जी.आई. उत्पादों की अन्तर्राष्ट्रीय बाजारों में मांग एवं ब्रान्डिंग हेतु नियमित अन्तराल पर एक्जीबिशन आयोजित कराए जाएं।
जी.आई. उत्पादों के बाॅयर्स को गुणवत्ता की जानकारी उपलब्ध कराने हेतु बार कोड/क्यू आर कोड निर्गत करने के लिए मैकेनिज्म निर्धारित किया जाए।

लखनऊ,  वाराणसी परिक्षेत्र के जी.आई. उत्पाद के निर्यातकों की समस्याओं के समाधान, ब्रान्डिंग तथा मार्केटिंग के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा दिये जाने के सम्बन्ध में वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से आवश्यक बैठक मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई, जिसमें जी.आई. उत्पादों के निर्यात हेतु समितियों एवं उपसमितियों के गठन, जी.आई. उत्पादों की समीक्षा हेतु प्रदेश स्तरीय इम्पावर्ड कमेटी का गठन, जी.आई. उत्पादों हेतु प्रशिक्षण एवं कौशल विकास का कैलेण्डर तैयार कर ट्रेनिंग की शुरूआत, जी.आई. उत्पादों के लिए राॅ मैटीरियल बैंक की स्थापना, जी.आई. उत्पादों की ब्रान्डिंग हेतु कन्सलटेन्ट के सहयोग से वर्चुअल एक्जिीबिशन का आयोजन, वाराणसी स्थित मदनपुरा इनलैण्ड कार्गों को पुनः रिवाइव करने, जी.आई. उत्पादों के निर्यात हेतु इनलैण्ड वाटर वे का प्रयोग, वाराणसी में हैण्डलूम की भांति पावरलूम को भी सब्सिडी उपलब्ध कराये जाने तथा जी.आई. उत्पादों के लिए बार कोड क्यूआर कोड निर्गत करने के लिए मैकेनिज्म निर्धारण करने आदि के सम्बन्ध में अद्यतन प्रगति की समीक्षा की गयी।

बैठक में अपर मुख्य सचिव, रमा रमण, अपर मुख्य सचिव, नवनीत सहगल सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण, वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से मण्डलायुक्त वाराणसी, जिलाधिकारी वाराणसी सहित राज्य सरकार व भारत सरकार के सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। अपने सम्बोधन में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि विभिन्न जी.आई. उत्पादों हेतु प्रशिक्षण एवं कौशल विकास का एक कैलेण्डर तैयार कर लिया जाये तथा प्रशिक्षणार्थियों का चयन कर उनकी ट्रेनिंग शुरू करा दी जाये। जी.आई. उत्पादों के लिए राॅ मैटीरियल बैंक की स्थापना पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि स्थानीय कारीगरों, शिल्पियों एवं बुनकरों को अच्छी गुणवत्ता एवं उनकी जरूरत के अनुसार राॅ मैटीरियल उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाये ताकि वाजिब मूल्य पर अच्छी गुणवत्ता का कच्चा माल उन्हें हमेशा उपलब्ध रहे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में सिल्क का उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है तथा इसे वन वन विभाग एवं मनरेगा के सहयोग से शहतूत का वृहद स्तर पर प्लान्टेशन कराकर किया जा सकता है। उन्हाेंने कहा कि जिन जनपदों में सिल्क का उत्पादन होता है उन जनपदों में बड़े पैमाने पर शहतूत का प्लान्टेशन कराया जाये तथा अच्छी गुणवत्ता व सस्ती कीमत पर सिल्क के लिए राॅ मैटीरियल मांग के अनुसार स्थानीय स्तर पर ही उत्पादन व उपलब्धता सुनिश्चित कराने हेतु प्रयास किये जाएं।

अन्तर्राष्ट्रीय बाजारों में जी.आई. उत्पादों की मांग बढ़ाने हेतु ब्रान्डिंग की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि विभिन्न जी.आई. उत्पादों के विपणन के लिए भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार के सम्बन्धित विभागों के साथ-साथ ई.पी.सी.एच. एवं फिक्की व इसी तरह की दूसरी संस्थाओं के सहयोग से नियमित अन्तराल पर ओडीओपी एक्जीबिशन आयोजित कराये जायें।

उन्होंने वाराणसी स्थित मदनपुरा इनलैण्ड कार्गों के पुनः रिवाइव करने तथा जी.आई. उत्पादो के निर्यात हेतु इनलैण्ड वाॅटर वे का प्रयोग करने के सम्बन्ध में सभी जरूरी कार्यवाही शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। वाराणसी में हैण्डलूम की भांति पावरलूम को भी सब्सिडी उपलब्ध कराने के सम्बन्ध मंे उन्होंने मण्डलायुक्त वाराणसी को सुविचारित प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त उन्हांेने जी.आई. उत्पादों के लिए बार कोड/क्यू आर कोड निर्गत करने के लिए मैकेनिज्म का निर्धारण करने हेतु भी सुसंगत एवं सुविचारित प्रस्ताव उपलब्ध कराने को कहा।
इससे पूर्व अपर मुख्य सचिव, एमएसएमई नवनीत सहगल ने वाराणसी परिक्षेत्र के जी.आई. उत्पादों की ब्रान्डिंग तथा मार्केटिंग के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा दिये जाने के सम्बन्ध में किये जा रहे कार्यों एवं प्रगति से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि जी.आई. उत्पादों के निर्यात हेतु मण्डलायुक्त वाराणसी की अध्यक्षता में मण्डल स्तरीय समिति का गठन किया जा चुका है।

इसके अलावा प्रशिक्षण, तकनीकी उन्न्यन, ब्रान्डिंग, मार्केटिंग आदि कार्यों के लिए विभिन्न उप समितियां गठित की जा चुकी हैं। इसके अतिरिक्त जी.आई. उत्पादों की समीक्षा हेतु निर्यात आयुक्त, उ0प्र0 की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय इम्पावर्ड कमेटी का गठन भी किया जा चुका है तथा अद्यतन प्रदेश के 28 क्राफ्ट/ उत्पादों को जी.आई. रजिस्ट्री द्वारा पंजीकरण प्रदान किया जा चुका है, जिसमें से 10 उत्पादों का पंजीयन निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो के माध्यम से कराया गया है तथा 10 अन्य उत्पादों के जी.आई. पंजीयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उन्होंने बताया कि जी.आई. उत्पादों हेतु प्रशिक्षण एवं कौशल विकास के लिए प्रशिक्षणार्थियांे का चयन चल रहा है तथा 15 नवम्बर, 2020 के पश्चात् ग्लास बीड्स मेटल रिपोजी, वुडेन लेकरवेयर एवं साफ्ट स्टोन के उत्पाद हेतु प्रशिक्षण प्रारंभ हो जायेगा।

उन्होंने बताया कि अरबन हाट, चौकाघाट में 02 अक्टूबर, 2020 से दस दिवसीय एवं 14 अक्टूबर, 2020 से सात दिवसीय 02 मेलों का आयोजन किया जा चुका है तथा 05 अन्य दस दिवसीय मेलांे का आयोजन आगामी महीनों में प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त 19 अक्टूबर, 2020 से ईपीसीएच एवं फिक्की के साथ मिलकर ओडीओपी उत्पादों की वर्चुअल एक्जीबिशन सम्पन्न कराई जा चुकी है। इस प्रदर्शनी में 572 एक्जीबिट्स तथा 35 देशों के बाॅयर्स द्वारा प्रतिभाग किया गया। 27000 विजिटर्स एवं 57000 कार्ड्स प्राप्त हुए। बैठक में वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से सभी सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित थे। संचालन अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल द्वारा किया गया।