एटीएम कार्ड बदल जालसाज ने निकाले 45 हजार

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ऋषिकेश परिवारिक न्यायालय के पेशकार की बहन तारुन स्टेट बैंक के एटीएम बूथ पर हुई धोखाधड़ी का शिकार महिला का एटीएम कार्ड बदल जालसाज ने निकाले 45 हजार।


राम जनम यादव

अयोध्या – उत्तराखंड के ऋषिकेश परिवारिक न्यायालय में तैनात बीमार भाई का एटीएम लेकर तारुन एटीएम बूथ में पैसा निकालने गई महिला आंगनबाड़ी कार्यकत्री हुई धोखाधड़ी का शिकार। जालसाज ने महिला का एटीएम बदलकर अलग अलग किस्तो में पैतालीस हजार रुपये निकाल पीड़ित को लगाई चपत।

 बताया गया कि थाना क्षेत्र के ग्राम गुरौली मजरे भटियाहवां निवासी सन्तराम निषाद उत्तराखंड के ऋषीकेश के पारिवारिक न्यायालय में पेशकार के पद पर तैनात है। जो बीते 25 दिसम्बर को अपने परिवार सहित पैतृक गांव आये थे। दिनांक 2 जनवरी को परिजनों सहित सन्तराम को वापस मूल तैनाती स्थल पर जाना था।लेकिन तबियत खराब होने के कारण सन्तराम ने अपना स्टेट बैंक का एटीएम कार्ड अपनी बहन आँगनबॉडी कार्यकत्री मीना को दे दिया।

मीना तारुन एटीएम बूथ पर दिनांक 31 दिसम्बर को पैसा निकालने को पहुँची।बताया गया की इसी दौरान मशीन में एटीएम कार्ड लगाने के बाद एटीएम का कोड नम्बर पूछने को अपने मोबाइल से भाई को मीना ने फोन किया इसी दौरान जालसाज ने पलक झपकते ही मीना का एटीएम मशीन से बदल अपना एटीएम लगा दिया।

जालसाज मीना के मोबाइल पर भाई द्वारा बताया गया कोड नम्बर भी जान लिया और मौके से भाग गया। मीना जब दूसरा एटीएम लगाई तो उसमें कोड नम्बर गलत बताने लगा। तब तक जालसाज ने दो किस्तो में जाना बाजार पहुँच एटीएम बूथ से 9 हजार रुपये निकाल लिया। भाई के मोबाइल पर पैसा निकलने का मैसेज आने पर मीना परेशान होकर बैंक मैनेजर व कैशियर को पैसा निकलने की बात बताई।

दोनो बैंक के जिम्मेदारों ने बताया कि तुम्हारा पैसा एक हप्ते बाद वापस खाते में आ जायेगा। लेकिन उन्हें यह नही पता था कि एटीएम बदल गया है।महिला का आरोप है कि जब वह मामले की शिकायत लेकर इलाक़ाई पुलिस के पास गई तो पुलिस ने उन्हें जिले के साइबर थाने के दरोगा के पास भेज दिया। वहाँ जाने पर दरोगा ने एक लाख रुपये तक के मामले की जांच करने की बात बताई।तब महिला एसएसपी/डीआईजी के पास पहुँच अपनी दास्तान सुनाई।

एसएसपी ने प्रकरण की जांच तारुन पुलिस के हवाले कर दिया है। बताया गया कि अब तक जिले के अलग अलग एटीएम बूथों से कुल 45000/हजार रुपये की रकम पीड़ित के एटीएम से जालसाज ने पार कर दिया है। उधर पीड़ित का बेटा प्रदीप निषाद भी ऋषिकेश के जेएम न्यायालय में तैनात हैं।

परिजनों से मामले की जानकारी मिलने के बाद प्रदीप ने पुलिस की मद्त से पूरा रिकार्ड निकाला और पूरे प्रकरण की शिकायत सरकार के उच्च अफसरों से की।बताया गया कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री को जो एटीएम धोखे से मिला है वह चंडीगढ़ निवासी किसी जगदीश चन्द के नाम से है। अब पीड़ित की निगाहें इलाक़ाई पुलिस की जांच पर टिकी हुई हैं। जिस न्यायालय के पेशकार का पैसा निकला है उसका अपेंडिस का ऑपरेशन भी हुआ है।