प्राकृतिक खेती के लिए गोवंश की भूमिका

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प्राकृतिक खेती के लिए गोवंश की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए गोवंश संरक्षण के लिए सरकार ने कार्य प्रारम्भ किये।

प्रदेश में प्राकृतिक खेती के लिए गोवंश की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए गोवंश संरक्षण के लिए सरकार ने कार्य प्रारम्भ किये। प्रदेश मंे 6,222 से अधिक निराश्रित गोआश्रय स्थल हैं, जिनमें वर्तमान में 10 लाख से अधिक निराश्रित गोवंश का संरक्षण व संवर्धन हो रहा है। प्रकृति और प्रगति के बेहतर समन्वय को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश में दशकों से लम्बित सिंचाई परियोजनाओं को विगत 05 वर्षों में पूर्ण कराया गया है। इससे 21 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि में सिंचाई की अतिरिक्त सुविधा उपलब्ध हुई है।

उत्तर प्रदेश में अनन्त सम्भावनाएं छुपी हुई हैं। आज के समारोह में कलाकारों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से इन सम्भावनाओं को साकार किया है। भोजपुरी, अवधी, ब्रज तथा बुन्देलखण्डी संस्कृतियों ने एक साथ जुड़कर लघु भारत का दृश्य प्रस्तुत किया है।

भोजपुरी ठेठ ग्रामीण भारत की व्यवस्था का प्रदर्शन करती है। अवधी रामराज्य की परिकल्पना को साकार करने का संकल्प प्रदान करती है। ब्रज भाषा हमें मातृभूमि के साथ अपनत्व का भाव जोड़ने के लिए स्नेह के बन्धन से जोड़ती है, जबकि भारत की आन-बान और शान की प्रतीक बुन्देली संस्कृति है।

नगरीय विकास किसी भी अर्थव्यवस्था का आधार है। नगरीय विकास की सुविधाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री जी के स्मार्ट सिटी विजन को ध्यान में रखकर कन्वर्जन के माध्यम से प्रदेश में इस दिशा में बेहतरीन कदम उठाए गए हैं। उत्तर प्रदेश के 17 नगर निगम स्मार्ट सिटी मिशन से जुड़े हैं।

इनमें 10 केन्द्र सरकार के सहयोग से और 07 का राज्य सरकार अपने स्तर पर विकास कर रही है। पटरी व्यवसायियों के लिए सरकार वृहद कार्ययोजना के साथ कार्य कर रही है। उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना से 09 लाख पटरी व्यवसायी जुड़कर आर्थिक स्वावलम्बन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।