कांग्रेस शासित राज्यों से बेहतर है उत्तर प्रदेश

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25 करोड़ की आबादी के बावजूद कांग्रेस शासित राज्यों से बेहतर है उत्तर प्रदेश।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के यूपी मॉडल से कोरोना नियंत्रण में मिल रही अभूतपूर्व सफलता।

देश में सबसे ज्यादा जांच और टीका, फिर भी अन्य राज्यों की तुलना में कम केसेस और मौतें भी कम।

आबादी के लिहाज से उत्तर प्रदेश से काफी छोटे राज्यों महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ से बेहतर है उत्तर प्रदेश।

देश में कुल सक्रिय मामलों में 19वां और सक्रिय अनुपात में 32वां राज्य है उत्तर प्रदेश।

देश में कुल केसों के अनुपात में कोरोना से हुई मौतों में 18वें नंबर पर है उत्तर प्रदेश।

पंजाब, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, नागालैंड, गोवा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, अंडमान और निकोबार, मेघालय, मणिपुर, पुडुचेरी, झारखंड, सिक्किम, जम्मू कश्मीर, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु और बिहार में यूपी से ज्यादा हुई मौतें।

यूपी में राष्ट्रीय औसत से ज्यादा 98.6 फीसदी रिकवरी दर, कुल पॉजिटिविटी दर 2.70 फीसदी हुई।

पिछले 24 घंटे में केरल में 16,148, महाराष्ट्र में 8,172, आंध्र प्रदेश में 2,672, तमिलनाडु में 2,205 और ओडिशा में 2,182 नए केस आए।

यूपी में 2,54,771 नमूनों की जांच में सिर्फ 56 नए केस मिले और 69 डिस्चार्ज हुए।

अलीगढ़, चित्रकूट, हाथरस, कासगंज, महोबा, शामली और श्रावस्ती कोरोना मुक्त।

48 जिलों में नहीं मिला नया संक्रमित, 27 जिलों में एक अंकों में आए नए केस।

देश में सर्वाधिक नमूनों 6,23,71,542 की जांच और टीके के कुल चार करोड़ से अधिक डोज लगाने वाला पहला राज्य बना उत्तर प्रदेश।

17 जुलाई तक लोगों को रिकॉर्ड कुल 4,03,52,500 डोज टीके के लगे।

18 साल से अधिक आयु के लोगों को 1,48,99,749 और 45 साल से अधिक आयु के लोगों को 2,21,11,999 डोज टीके के लगे।

75 फीसदी से अधिक हेल्थ केयर वर्कर और 60 फीसदी से अधिक फ्रंट लाइन वर्कर को टीके के दोनों डोज लगे।

संभावित तीसरी लहर को देखते हुए यूपी ने की पूरी तैयारी।

171 से अधिक ऑक्सीजन प्लांट लगे, 541 प्लांट पर चल रहा तीव्र गति से काम।

ऑक्सीजन जेनरेटर के माध्यम से 15 फीसदी ऑक्सीजन की 3300 बेडों पर हो रही आपूर्ति।

यूपी में अस्पतालों में 9000 से ज्यादा पीडियाट्रिक आईसीयू (पीकू) बेड तैयार।

मेडिकल कॉलेजों में 6334 पीकू और इसी तरह जिला अस्पतालों में 1414 पीडियाट्रिक आइसोलेशन और 1265 पीकू बने।

ट्रेस, टेस्ट, ट्रीट के साथ आंशिक कोरोना कर्फ्यू और टीकाकरण का नतीजा।

यूपी में अग्रेसिव टेस्टिंग, माइक्रो कंटेनमेंट जोन, गांवों में निगरानी समितियों के माइक्रो मैनेजमेंट और ट्रीटमेंट से नियंत्रित हुआ कोरोना।

विशेषज्ञों की तमाम आशंकाएं निर्मूल साबित हुईं, जिसमें उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश में हर रोज 30 लाख पॉजिटिव केस आएंगे।

पांच मई से विशेष अभियान के तहत 70 हजार से अधिक निगरानी समितियां डोर टू डोर जाकर कर रही स्क्रीनिंग।

अहतियातन लक्षणयुक्त बच्चों और युवाओं को अलग-अलग दी जा रहीं निशुल्क मेडिसिन किट।