कोविड-19 के मरीजों को होम आइसोलेशन-मुख्य सचिव

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कोविड-19 के मरीजों को होम आइसोलेशन से अथवा नाॅन कोविड चिकित्सालय से दूसरे कोविड चिकित्सालय में स्थानान्तरित किये जाने की कार्यवाही त्वरित रूप से किये जाने तथा इस हेतु जनपदों में स्थापित स्वीकृत कोविड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर की भूमिका के सम्बंध में दिशा निर्देश जारी,सभी मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को दिशा-निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश।

लखनऊ, कोविड-19 के मरीजों को होम आइसोलेशन से अथवा नाॅन कोविड चिकित्सालय/कोविड चिकित्सालय से दूसरे कोविड चिकित्सालय में स्थानान्तरित किए जाने की कार्यवाही त्वरित रूप से किये जाने तथा इस हेतु जनपदों में स्थापित एकीकृत कोविड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर (प्ब्ब्ब्) की भूमिका के सम्बंध में दिशा-निर्देश निर्गत किये गये हैं।उक्त जानकारी देते हुए मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि आई0टी0 इनेबल्ड होगा तथा इसके समस्त काॅल रिकाडर््स इलेक्ट्राॅनिक रूप में सुरक्षित रखे जायेंगे। प्ब्ब्ब् में जिले के सभी कोविड-19 चिकित्सालयों के प्रधानाचार्य/अधीक्षक, इन्चार्ज चिकित्सा अधिकारियों के पालीवार दूरभाष/मोबाइल नम्बर अवश्य रखे जाएं। तथा नाॅन कोविड चिकित्सालयों के फ्लूकार्नर/कोविड हेल्प डेस्क तथा चिकित्सालयों के चिकित्सा अधीक्षक के दूरभाष/मोबाइल नम्बर रखे जायें। सभी कोविड-19 चिकित्सालयों में खाली एवं भरे बेड की सूचना प्रतिदिन सुबह 08ः00 बजे तथा सायं 06ः00 बजे प्ब्ब्ब् द्वारा अवश्य प्राप्त की जाए।


कोविड-19 से संक्रमित रोगियों की शीघ्र भर्ती एवं आवश्यकता पड़ने पर रोगियों के त्वरित स्थानान्तरण किए जाने में प्ब्ब्ब् द्वारा कोविड-19 रोगियों के होम आइसोलेशन में रहने की स्थिति में प्ब्ब्ब् द्वारा नियमित रूप से (यथा दिन में एक बार) काॅल करके फीडबैक लिया जाएगा। प्ब्ब्ब् द्वारा होम आइसोलेशन के मरीजों से प्राप्त फीडबैक का रिकार्ड रखा जाएगा। फीडबैक के अनुसार यदि किसी रोगी को कोविड चिकित्सालय में भर्ती करने की आवश्यकता प्रतीत होती है, तो काॅल को तत्काल सेण्टर की चिकित्सकीय टीम को ट्रान्सफर किया जायेगा, जो रागी/उनके परिजन से निर्धारित प्रोफार्मा के अनुसार वार्ता कर उसे उपयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराने के सम्बंध में निर्णय करेगी। यदि होम आइसोलेशन के दौरान किसी मरीज की तबियत बिगड़ने पर उसे कोविड चिकित्सालय में भर्ती कराने की आवश्यकता होती है, तो वह भी प्ब्ब्ब् को स्वयं/परिजन भी फोन करके चिकित्सीय सहायता का अनुरोध कर सकता है। ऐसी स्थिति में काॅल को तत्काल चिकित्सकीय टीम को ट्रान्सफर कर उपरोक्तानुसार ही कार्यवाही की जायेगी। साथ ही साथ एम्बुलेंस एलाटमेन्ट टीम एवं चिकित्सालय को भी सूचित करने वरोगी को भर्ती आदि की कार्यवाही का समन्वय किया जायेगा।

कोविड-19 मरीजों को एक कोविड चिकित्सालय से दूसरे कोविड चिकित्सालय में चिकित्सकीय उपचार हेतु रेफर किये जाने के सम्बंध में पूर्व में निर्गत शासनादेश दिशा-निर्देशों का अनुपालन किया जायेगा। एल’1/एल’2/एल-3 स्तर के चिकित्सालय से दूसरे चिकित्सालय में कोविड-19 रोगी को स्थानान्तरित किये जाने के पूर्व दोनों चिकित्सालयों द्वारा आपस में सम्पर्क किया जाएगा तथा कोविड चिकित्सालय को मरीज को स्थानान्तरित करते हुए कोविड रिपोर्ट, रेफरल स्लिप, केसशीट व जांचों का रिकार्ड आदि प्रेषित किया जायेगा। रेफरल स्लिप पर रोगी की हेल्थ कण्डीशन खास कर चेतना की स्थिति, महत्वपूर्ण अंगों की क्रियाशील, आॅक्सीजन सेचुरेशन (ेचव्2) की स्थिति आदि भी इंगित की जायेगी। रेफरल की सूचना प्ब्ब्ब् द्वारा इस सम्बंध मंे होनी वाली कठिनाईयों का निराकरण किया जाएगा।उन्होंने बताया कि शासकीय/निजी क्षेत्र के नाॅन कोविड चिकित्सालयों में कोमार्बिड रोगी की ट्रैकिंग के दौरान कोविड धनात्क पाये जाने की स्थिति में यह सुनिश्चित किया जायेगा कि सम्बंधित चिकित्सालय द्वारा प्ब्ब्ब् को इसकी सूचना दी जा रही है अथवा नहीं। इस प्रकार के रोगियों को फैसिलिटी आवंटित होने तथा उसके प्रस्थान करने तक उसके देख-रेख का दायित्व शासकीय/निजी नाॅन कोविड चिकित्सालय का होगा।


शासकीय/निजी क्षेत्र के नाॅन कोविड चिकित्सालयों में फ्लूकार्नर स्थापित करने के निर्देश हैं, यहां डेडिकेटेड फोन की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी जिससे प्ब्ब्ब् द्वारा नियमित फोन करके कोविड रोगियों में कोविड के संक्रमण की स्थित, कोविड जांच के परिणाम, लम्बित जांच की स्थिति ज्ञात की जाती रहेगी।इन चिकित्सालयों द्वारा यथासम्भव कोविड मरीजों को ले जाने हेतु मानक के अनुसार एम्बुलेंस का प्रबंध किया जायेगा। नाॅन कोविड चिकित्सालय द्वारा कोविड चिकित्सालय को मरीज को स्थानान्तरित करते हुए कोविड रिपोर्ट, रेफरल स्लिप, केसशीट व जांचो का रिकार्ड आदि प्रेषित किया जायेगा। रेफरल स्लिप पर रोगी की हेल्थ कण्डीशन खास कर चेतना की स्थिति आदि भी अवश्य इंगित की जायेगी तथा सुसंगत निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।

इसके अतिरिक्त एम्बुलेंस की व्यवस्था सुदृढ़ किए जाने हेतु महानगरों के जिलाधिकारियों द्वारा जिले के नर्सिंग होम एसोसिएशन/इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन से समन्वय कर कम से कम 10 एम्बुलेंस पूल की व्यवस्था की जाए तथा निजी चिकित्सालयों में ीार्ती मरीजों के एल-1/एल-2/एल-3 स्तर के चिकित्सालयों में स्थानान्तरण अथवा निजी चिकित्सालयों में मरीजों को भर्ती कराए जाने हेतु उनका उपयोग किया जाए। यदि उक्तानुसार एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध नहीं है, तो प्ब्ब्ब् द्वारा ही शासकीय एम्बुलेंस की व्यवस्था की जायेगी। एम्बुलेंस चालक का प्रशिक्षण तथा उनके बायोसेफ्टी की भी व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा सुनिश्चित की जायेगी।

शासकीय एवं निजी नाॅन कोविड चिकित्सालयों से समन्वय हेतु प्ब्ब्ब् में एक पृथक टीम बनायी जायेगी। नाॅन कोविड निजी चिकित्सालय द्वारा यदि प्रक्रिया का उल्लंघन किया जाता है, तो एकीकृत कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर द्वारा आवश्यक कार्यवाही किये जाने हेतु जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी के संज्ञान में मामले को लाया जायेगा।

एल-1/एल-2/एल-3 फैसिलिटी एलोकेट किये जाने के उपरान्त स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्ब्ब्ब् के लिए निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार मरीज को एम्बुलेंस के माध्यम से तत्काल अस्पताल में भर्ती किया जायेगा। एम्बुलेंस चालक, रोगी/परिजन तथा जिस चिकित्सालय में रोगी को सन्दर्भित किया गया है वहां के कोविड हेल्प डेस्क/रिसेप्शन इन तीनों को एक दूसरे के फोन नम्बर की सूचना दी जायेगी, जिससे रोगी जल्दी चिकित्सालय पहुंच सके तथा उसके पहुंचने की वास्तविक समय की सूचना चिकित्सालय के पास होने से मरीज के भर्ती होने में किसी प्रकार का विलम्ब न हो।

एम्बुलेंस चालक के द्वारा मरीज को सम्बंधित चिकित्सालय में पहुंचा देने के उपरान्त काॅले सेण्टर में फोन करके अवगत करा दिया जायेगा जिसे काॅल सेण्टर के द्वारा कम्प्यूटर में समय के साथ अंकित किया जायेगा।उन्होंने बताया कि कतिपय महानगरों में प्रायः कोविड धनात्मक रोगियों के सीधे मेडिकल काॅलेज/एल-3 अथवा एल- कोविड चिकित्सालय में पहुंचने की सूचना प्राप्त हो रही है, जिससे असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इसके निराकरण के लिए यह व्यवस्था दी जा रही है कि इस स्थिति को हतोत्साहित किया जाये, फिर भी यदि कोविड धनात्मक रोगी कोविड चिकित्सालय पर सीधे पहुंचते हैं तो गम्भीर स्थिति/तत्काल उपचार की आवश्यकता होने पर उनको भर्ती कर उपचार दिया जायेगा तथा इसकी सूचना प्ब्ब्ब् को दी जायेगी। यदि रोगी की स्थिति स्थिर है तथा उसे निचले दर्जे के चिकित्सालय में दाखिल किया जाना है या शैय्या उपलब्ध नहीं है, तो कोविड चिकित्सालय के अधीक्षक/चिकित्सक ड्यूटी इन्चार्ज द्वारा प्ब्ब्ब्  से समन्वय कर उसे अन्यत्र स्थानान्तरित किया जायेगा।इसके अतिरिक्त प्ब्ब्ब् में डी0एस0ओ0 पोर्टेल को अपडेट करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी तथा नियमित रूप से विभिन्न कोविड चिकित्सालयों में ।कउपजजमक इनज दवज ंससवबंजमक वद चवतजंस मरीजों की सूची प्राप्त कर तथा लैव से समन्वय कर पोर्टल के आंकड़े को अपडेट किया जायेगा। इसके अतिरिक्त जो चिकित्सालय रोगियों के स्टेटस पोर्टल पर अपडेट नहीं कर रहे हैं कर रहे हैं, उनसे समन्वय कर स्टेटस अपडेट कराया जायेगा। साथ ही पोर्टल पर अद्यावधिक सूचनायें उपलब्ध रखने के लिए समस्व आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।

राज्य स्तरीय एकीकृत कमान्ड एवं कण्ट्रोल सेण्टर द्वारा प्रति दिन प्ब्ब्ब् से सम्पर्क कर जनपद स्तर से किये जा रहे कार्यों की सूचना संकलित कर यथा स्थिति अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य/चिकित्सा शिक्षा एवं महानिदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य/चिकित्सा शिक्षा को उपलब्ध कराया जायेगा। प्ब्ब्ब् हेतु साफ्टवेयर की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग द्वारा यथाशीघ्र सुनिश्चित की जायेग।
उन्होंने इस सम्बंध में सभी मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों, मुख्य चिकित्साधिकारियों एवं सम्बंधित समस्त अधिकारियों को वर्णित दिशा-निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं।उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इन दिशा-निर्देशों से चिकित्सा व्यवस्था में सुधार होगा तथा कोविड-19 के रोगियों को शीघ्र चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।