क्या अशोक गहलोत प्रदेश के व्यापारियों की पीड़ा को समझेंगे..?

131

जब स्कूल-कॉलेज और कोचिंग सेंटर तक खुल गए हैं तब राजस्थान में शाम सात बजे बाजार बंद करवाने का क्या तुक है…?क्या मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश के व्यापारियों की पीड़ा को समझेंगे…?

एस0 पी0 मित्तल

राजस्थान – 18 जनवरी से राजस्थान में स्कूल-कॉलेज और कोचिंग सेंटर भी खुल गए। इसके साथ ही लाखों विद्यार्थियों का आवागमन शुरू हो गया। कोटा जैसे शहरों में कोचिंग सेंटर के खुलने से विद्यार्थियों के बीच उत्साह देखा गया। पहले चरण में कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों को बुलाया गया है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए गत वर्ष मार्च माह में लॉकडाउन के दौरान की स्कूल कॉलेजों को बंद किया गया था, लेकिन कोरोना का प्रकोप कम होने के साथ ही धीरे धीरे सभी क्षेत्रों को अनलॉक किया जा रहा है। इसी के अंतर्गत सरकार ने 18 जनवरी से शिक्षण संस्थाओं को खोलने का निर्णय लिया है।

सरकार भी अब मान रही है कि हालात सामान्य हो रहे हैं। राजस्थान में तो 90 शहरी निकायों में चुनाव भी हो रहे हैं। लेकिन वहीं प्रदेश के प्रमुख शहरों में अभी रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक रात्रिकालीन कर्फ्यू लागू है। पहले सरकार ने 16 जनवरी तक कर्फ्यू बढ़ाया था, लेकिन अब कोई आगामी तारीख नहीं दी है। यानि सरकार चाहेगी, तब कर्फ्यू समाप्ति की घोषणा कर देगी। 8 बजे कर्फ्यू लागू हो जाने से बाजारों को शाम 7 बजे ही बंद करवा दिया जाता है। इससे व्यापारियों को भारी परेशानी हो रही है। कोरोना काल और लॉकडाउन की वजह से व्यापारियों को पहले ही परेशानी हो रही थी और अब प्रतिदिन शाम को सात बजे दुकानें बंद करने से परेशानी और बढ़ रही है।

सवाल उठता है कि जब स्कूल-कॉलेज और कोचिंग सेंटर तक खोल दिए गए हैं, तब दुकानों को शाम सात बजे तक बंद करवाने का क्या तुक है। पहले तर्क दिया गया था कि लोगों को घर से बाहर निकलने से रोकने के लिए कर्फ्यू लगाया गया है, लेकिन अब जब लाखों विद्यार्थी अपनी पढ़ाई के लिए शिक्षण संस्थानों में जा रहे हैं, तब सिर्फ दुकानों को बंद करवाने से क्या फर्क पड़ेगा? प्रदेशभर के व्यापारिक महासंघों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से आग्रह किया है कि बाजारों को रात 9 या 10 बजे तक खुले रखने की छूट दी जाए।

शाम सात बजे बाजार बंद होने से सबसे ज्यादा नुकसान होटल, रेस्टोरेंट संचालकों को हो रहा है। रेस्टोरेंट का काम तो शाम सात बजे बाद ही शुरू होता है। अजमेर व्यापारिक महासंघ के अध्यक्ष किशनगोयल गुप्ता, भगवान चंदीराम, अशोक बिंदल, प्रवीण जैन, सुरेश चारभुजा, गिरीश लालवानी, राकेश डिडवानिया आदि ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज कर व्यापारियों की नाराज़गी और परेशानियों से अवगत कराया है। महासंघ का कहना है कि यदि जल्द ही दुकानें बंद होने का समय नहीं बढ़ाया गया तो आंदोलन किया जाएगा।