गायत्री प्रजापति की जांच सीबीआई से करायी जाए-आल इंडिया कुलाल कुंभार प्रजापति फेडरेशन

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आल इंडिया कुलाल कुंभार प्रजापति फेडरेशन ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर सरकार से मांग की , पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के मामले को सीबीआई से जांच कराया जाए।

  • रामधारी यादव

लखनऊ, आल इंडिया कुलाल कुंभार प्रजापति फेडरेशन के महासचिव ने लखनऊ के प्रेस क्लब में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित करके कहा कि राम सिंह, दिनेश चन्द्र त्रिपाठी (सरकारी वकील) व् अंशु गौड़ द्वारा षड्यंत्र रच कर सविता पाठक, निवासिनी हमीरपुर की पुत्री व् बेटे को बंधक बना कर व् जान से मारने की धमकी देकर सविता पाठक के फर्जी हस्ताक्षर द्वारा गौतमपल्ली थाने पर गायत्री प्रजापति के खिलाफ पोक्सो एक्ट सहित तमाम धाराओं में सविता पाठक की अनुपस्थिति में ही मुकद्दमा दर्ज करवा दिया जाता है। जिसका मुकद्दमा संख्या 29/17 है (प्राथमिकी लेखक राम अझोर ने अपने चीफ बयान में दर्ज कराया है) और सविता पाठक को दिल्ली से हवाई जहाज से लाकर इन षड्यंत्रकरियोँ द्वारा सविता पाठक को लिख कर दिए गए व् रटाये गए 164 के बयान दर्ज करवा दिए जाते हैं।

पहली जमानत पर सरकार द्वारा स्टे लेना, हर बार कोई न कोई रोड़ा अटकाना और माननीय न्यायालय द्वरा बेहतर इलाज हेतु 2 माह की जमानत स्वीकार करने पर कूट रचित योजना के तहत षड्यंत्रकारियों द्वारा एक और प्राथमिकी दर्ज करवा दी गई। रिहा होते ही कोर्ट द्वारा पुन: 14 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया जबकि कई मुकद्दमों में लिप्त, बलात्कारी व् जमानत पर बाहर अभियुक्त रामसिंह को गिरफ्तार करने वाले एसएचओ व् दो पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया।

दिनेश चन्द्र त्रिपाठी जो माननीय उच्च न्यायालय, लखनऊ पीठ के आदेश के क्रम में मुकद्दमा संख्या 104/17 में अभियुक्त हैं व् सविता पाठक के वकील रहे है तथा सरकारी वकील भी हैं, इनके वरिष्ठ त्रिपाठी जी जो AAG वकील हैं उनके प्रभाव में आकर पुलिस कमिश्नर के द्वारा फर्जी मुकद्दमा लिखवाया गया है जो पूर्णतया न्याय विरुद्ध है तथा एक वकील द्वारा अपने मुवक्किल की गोपनीयता भंग करना दंडनीय अपराध भी है।

क्यों कि गायत्री जी गंभीर रोगों से पीड़ित हैं अत: उन्हें उचित इलाज व् कोरोना संक्रमण काल में छोड़े गए अन्य जेलों के अभियुक्तों की भांति पेरोल/ जमानत पर रिहा किया जाए जो उनके जीवन रक्षा हेतु अत्यंत ही अवश्यक है।

दूसरी प्राथमिकी संख्या 0163 दिनांक 17.09.2020 को श्री बृज भान चौबे द्वारा माननीय गायत्री जी, उनके बेटे अनिल व् सविता पाठक व् एक अज्ञात के खिलाफ, थाना गोमती नगर विस्तार में दर्ज कराई जाती है ताकि गायत्री जी मानसिक परेशानी का शिकार हों। हमारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी व् प्रधानमंत्री मोदी जी से अनुरोध है कि इस इस प्रकरण की सीबीआई जांच करवा कर वास्तविक दोषियों को सजा दिलायें, जिससे सरकार के अधिकारियों व् नेताओं की इस षड्यंत्र में संलिप्तता उजागर हो सके तथा दोषियों पर कार्यवाही संभव होकर सजा मिल सके।अति उत्तम होगा कि ऐसे प्रकरण में माननीय सर्वोच्च न्यायालय को स्वत: संज्ञान लेकर न्याय देना चाहिये ताकि जनता का न्यायायिक प्रक्रिया में विश्वास बना रह सके।