जिलाधिकारी ने पराली जलाने वालों पर अभियोग पंजीकृत कराने के दिये निर्देश

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अयोध्या, मा० उच्चतम न्यायालय एवं मा० एन०जी०टी० के द्वारा दिए गये निर्देश के क्रम में जनपद में धान एवं अन्य फसलों के अवशेष को किसी भी प्रकार से जलाने को अपराध की श्रेणी में रखा गया है, एवं इसमें शामिल व्यक्तियों पर 02 एकड़ के भूमिधर पर  2500 रुपये, 02 से 05 एकड़ के भूमिधर पर 5000 रुपये एवं 05 एकड़ से अधिक के भूमिधर पर  15000 रुपये तक अर्थदण्ड के साथ सजा का भी प्रावधान किया गया है।

जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बताया कि पराली जलाने की घटना प्रकाश में आने पर सम्बन्धित उप जिलाधिकारी लेखपाल के माध्यम से अभियोग पंजीकृत कराना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिला पंचायतराज अधिकारी एवं मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को ग्राम पंचायत से समन्वय कर पशु आश्रय स्थल हेतु पराली सुरक्षित कराने के भी निर्देश दिए हैं।

जनपद में परालीध्फसल अवशेष को जलाने से रोकने संबंधी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने हेतु जनपद स्तर पर अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) गोरे लाल शुक्ला तथा उप कृषि निदेशक अशोक कुमार को पराली प्रबन्धन कार्यक्रम का नोडल अधिकारी नामित किया।इसी के साथ ही जिलाधिकारी ने फसल अवशेषों को जलाने से होने वाली हानि के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु ग्राम पंचायत स्तर पर कोविड-19 के दिशा निर्देशों एवं शोसल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए कृषि विभाग एवं ग्राम प्रधान तथा ग्राम पंचायत सचिव को संयुक्त रूप से जागरुकता गोष्ठी का आयोजन कर कृषकों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने समस्त खण्ड विकास अधिकारी ग्राम्य विकास के कर्मचारियों को एवं उप जिलाधिकारी सम्बंधित लेखपालों को ग्रामसभा की जागरूकता गोष्ठी में अनिवार्य रूप से प्रतिभाग करने हेतु अपने स्तर से निर्देशित करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि दिनांक 12 अक्टूबर 2020 जनपद के समस्त ग्राम पंचायतो रोस्टर के अनुसार जागरुकता गोष्टी आयोजन प्रारंभ किये जाएंगे।