जिलाधिकारी ने बाल स्वास्थ्य पोषण माह का किया शुभारम्भ

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 जिलाधिकारी ने बाल स्वास्थ्य पोषण माह पर बच्चों को विटामिन-ए की खुराक पिलाकर एवं पीसीवी वैक्सीन बच्चों को लगवाते हुये किया शुभारम्भ,बाल स्वास्थ्य पोषण माह के दौरान बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता की बढ़ोत्तरी हेतु पिलायी जायेगी विटामिन-ए की खुराक।

प्रतापगढ़, जिलाधिकारी डा0 रूपेश कुमार ने आज जिला महिला चिकित्सालय में बाल स्वास्थ्य पोषण माह के अवसर पर बच्चों को विटामिन-ए की खुराक पिलाकर एवं पी0सी0वी0 वैक्सीन बच्चों को लगवाते हुये शुभारम्भ किया। बाल स्वास्थ्य पोषण माह दिनांक 13 अगस्त से 05 सितम्बर तक चलेगा जिसमें बच्चों को विटामिन-ए की खुराक पिलायी जायेगी। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि पी0सी0वी0 वैक्सीन जिले में नियमित टीकाकरण सत्रों पर 01 वर्ष से छोटे बच्चों को 03 डोज में दी जायेगी, प्रथम डोज डेढ़ माह में, द्वितीय डोज साढ़े तीन माह में एवं तृतीय बूस्टर डोज 09 माह के बच्चों को नियमित टीकाकरण के साथ दी जायेगी।

छोटे बच्चों की मृत्यु का मुख्य कारण निमोनिया है। वर्ष 2015 के अनुमान के दौरान भारत में हर 1000 नवजात शिशुओं में से 7 बच्चों की निमोनिया से मृत्यु हो जाती है जिसका स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया प्रमुख कारण है। पी0सी0वी0 वैक्सीन (न्यूमोकोकल कन्जूगेट वैक्सीन) न्यूमोकोकस बैक्टीरिया से होने वाले न्यूमोनिया एवं अन्य बीमारियों से बचाव का सबसे कारगर तरीका है। इस वैक्सीन के इस्तेमाल से बच्चों में न्यूमोनिया बीमारी एवं बाल मृत्युदर में काफी कमी आयेगी। पी0सी0वी0 महंगी वैक्सीन है जो अभी तक प्राइवेट चिकित्सकों के पास ही उपलब्ध है।

भारत सरकार अब उसे नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के दौरान मुफ्त में उपलब्ध करा रही है। पूर्व के चरणों 2017 में उत्तर प्रदेश के 19 जिलों में यह वैक्सीन शुरू की जा चुकी है अब बचे हुये 56 जिलों में एक साथ 13 अगस्त 2020 से शुरू किया जा रहा है।  बाल स्वास्थ्य पोषण माह के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने कहा कि बाल स्वास्थ्य पोषण अभियान विटामिन-ए सम्पूरक कार्यक्रम टीकाकरण का एक अभिन्न अंग है जो प्रतिवर्ष दो चरणों में माह जून एवं दिसम्बर में वी0एच0एन0डी0 सत्रों के साथ आयोजित किया जाता है जिसमें 09 माह से 05 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन-ए की खुराक से आच्छादित किया जाता है।

कोविड-19 के संक्रमण की स्थिति में अभियान का आयोजन अगस्त में किया जा रहा है जिसमें जनपद में 401600 बच्चांं को आच्छादित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होने कहा कि विटामिन-ए वसा में एक घुलनशील विटामिन है जो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, प्रदेश में 60 प्रतिशत बच्चों को विटामिन-ए की कमी होने का खतरा होता है जो बच्चों में बीमारी एवं मृत्यु दर की सम्भावना को बढ़ाता है। 09 माह से 05 वर्ष तक के बच्चों को दो बार विटामिन-ए की खुराक दिये जाने से उनकी प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोत्तरी होती है जिससे वे स्वस्थ एवं पोषित रहते है। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) शत्रोहन वैश्य, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 अरविन्द कुमार श्रीवास्तव, डा0 सी0पी0 शर्मा जिला प्रतिरक्षण अधिकारी, डा0 नीलिमा सोनकर प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका, प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षिक डा0 अनिल गुप्ता सहित अन्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी/कर्मचारी तथा स्वयं सेवी संस्था के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।