ज्यादा चर्बी चिंता का विषय

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पेट की चर्बी बढ़ने के बहुत से कारण है। यह आपके डेली रूटिन की वजह से भी हो सकता है। कई बार बहुत पतले लोगों की पेट की चर्बी होती है। इसका कारण यह भी हो सकता है आप बहुत कम एक्टिव रहते हैं। बहुत देर तक एक ही पॉश्चर में बैठे रहने से भी पेट की चर्बी बढ़ जाती है। पेट और कमर पर जमी जरूरत से ज्यादा चर्बी चिंता का विषय है। यह न सिर्फ दिखने में खराब लगती है, बल्कि इसके कारण कई बीमारियां भी हो सकती हैं। हम कारगर व्यायाम, योग व आहार के बारे में बताएंगे, जो पेट की चर्बी को कम करने में मदद कर सकते हैं। इन सभी चीजों का फायदा तभी है, जब इन्हें नियमित रूप से किया जाए। एक-दो दिन करके इसे छोड़ देने से फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है।

 उम्र बढ़ने के साथ-साथ पाचन तंत्र भी कमजोर होने लगता है। साथ ही गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम भी प्रभावित होने लगता है। इस कारण से भी पेट की चर्बी बढ़ सकती है ।आमतौर पर हार्मोन बदलाव का सामना महिलाओं को करना पड़ता है। जब वह अपने जीवन के मध्य पड़ाव (करीब 40 के आसपास) में पहुंचती हैं, तो शरीर के वजन के मुकाबले चर्बी तेजी से बढ़ सकती है। फिर मेनपॉज यानी रजोनिवृत्ति के दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम और एंड्रोजन हार्मोन का स्तर ज्यादा हो जाता है। यही कारण होता है कि कमर के आसपास की चर्बी अधिक हो जाती है।

चर्बी के प्रमुख कारणवैज्ञानिक शोध के अनुसार, शरीर में कुछ फैट सेल आनुवंशिक तौर पर विकसित होते हैं। अगर किसी के परिजन इस परेशानी से ग्रस्त रहे हैं, तो आने वाली पीढ़ी को भी यह समस्या होने की आशंका हो सकती है ।

तनाव ग्रस्त शख्स एक के बाद एक कई बीमारियों से घिरता चला जाता है। शरीर में चर्बी का बढ़ाना भी उन्हीं में से एक है। तनाव के कारण रक्त में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर अधिक हो जाता है। कोर्टिसोल शरीर में वसा का स्तर बढ़ा सकता है, जिससे वसा कोशिकाएं बड़ी हो सकती हैं। आमतौर पर इस स्थिति में चर्बी पेट के आसपास ही बढ़ती है ।

कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं, जिनकी चपेट में आने से वजन बढ़ने लग जाता है। इसके अलावा, किडनी संबंधी समस्या, थायराइड और हार्ट फेल से भी मोटापा बढ़ सकता है, जब पेट के आसपास की मांसपेशियां ढीली होने लगती हैं, तो हो सकता है कि उस जगह की चर्बी बढ़ना शुरू हो जाए। हालांकि, इसपर कोई सटीक शोध उपलब्ध नहीं है।

हम दिनभर में क्या कुछ नहीं खाते। कभी-कभी काम के दबाव या फिर तनाव में जरूरत से ज्यादा ही खा लेते हैं और पोषक तत्वों पर भी ध्यान नहीं देते हैं। शरीर में स्वाद के चक्कर में प्रोटीन कम और कार्बस व फैट ज्यादा हो जाता है। फिर एक ही जगह बैठकर काम करते रहना। इस तरह कमर व पेट के आसपास चर्बी बढ़ने लगती है। इसी वजह से हाई प्रोटीन और लो कार्बोहाइड्रेट डाइट को वजन कम करने में फायदेमंद माना जाता है।

आधुनिकता के इस दौर में जीवन इतना आसान हो गया है कि व्यक्ति ने शारीरिक गतिविधियां करना लगभग बंद ही कर दिया है। हर कोई अपना हर काम बैठे-बैठे ही करने की कोशिश करता है, फिर चाहे ऑफिस में हों या फिर घर में। अब लोग समय निकालकर कसरत करने की जगह, कई लोग टीवी देखना या फिर कंप्यूटर पर काम करना ज्यादा पसंद करते हैं। परिणामस्वरूप शरीर में चर्बी का स्तर बढ़ सकता है।