डैमेज कंट्रोल में जुटा गांधी परिवार

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डैमेज कंट्रोल में जुटा गांधी परिवार, सोनिया-राहुल ने ‘नाराज’ आजाद को किया फोन- सिब्बल को भी मनाने की कोशिश, सी0डब्लू0सी0 की बैठक से एक दिन पहले रविवार को पार्टी में उस वक्त नया सियासी तूफान आ गया, जब पूर्णकालिक और जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को एक चिट्ठी लिखे जाने की बात सामने आई,इस चिट्ठी में 23 वरिष्ठ नेताओं के साइन थे। सी0डब्लू0सी0 की बैठक में राहुल गांधी ने पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले सीनियर नेताओं पर निशाना साधा था।राहुल ने कथित रूप से आरोप लगाये कि ये सब बीजेपी के इशारे पर हो रहा है। गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई थी। राहुल गांधी के इस आरोप के बाद पार्टी के अंदर ही सियासी वबाल शुरू हो गया है।

कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के बाद गांधी परिवार और सीनियर नेताओं में तकरार बढ़ती जा रही है जिसके बाद अब गांधी परिवार डैमेज कंट्रोल मोड में आ गया है। बैठक में राहुल गांधी ने पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले सीनियर नेताओं पर निशाना साधा था। राहुल ने कथित रूप से आरोप लगाए कि यह सब भाजपा के इशारे पर हो रहा है। गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई। ऐसे में गुलाम नबी आजाद को मनाने के लिए खुद सोनिया गांधी को आगे आना पड़ा है। सोमवार को सोनिया ने आजाद से काफी देर तक फोन पर बात की। अब सूत्रों के हवाले से खबर है कि राहुल गांधी भी गुलाम नबी आजाद से गिले शिकवे दूर करने में जुट गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को राहुल ने भी आजाद को मनाने के लिए फोन पर कुछ देर बात की।अनुमान लगाया जा रहा है कि गांधी परिवार किसी भी कीमत पर पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को रूठने नहीं देना चाहता है, क्योंकि, गुलाम नबी आजाद राज्य सभा में विपक्ष के नेता के साथ संसद में कांग्रेस की दमदार आवाज भी हैं। एक महीने के अंदर ही संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान यह नहीं चाहता कि पार्टी की एकता को खतरा हो या संसद में उनकी आवाज कमजोर पड़े। बताया जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान गुलाम नबी आजाद के साथ ही कपिल सिब्बल को भी मनाने की कोशिश कर रही है।

कांग्रेस चाहती है कि ये मामला जल्द से जल्द सुलझा लिया जाए और मतभेद दूर करके अन्य मुद्दों पर ध्यान दिया जाए।बता दें कि राहुल के बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने नाराजगी जताई थी। आजाद ने कहा कि अगर आरोप सही साबित हुआ कि बीजेपी से साठ-गांठ है, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। उधर, वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर नाराजगी जताई थी। सिब्बल ने कहा कि राहुल गांधी कहते हैं कि हमारी भाजपा के साथ साठ-गांठ है। मैंने राजस्थान हाईकोर्ट में पार्टी को सफलता दिलाई। मणिपुर में भाजपा के खिलाफ पूरी ताकत से पार्टी का बचाव किया। पिछले 30 सालों में भाजपा के पक्ष में एक भी बयान नहीं दिया। फिर भी हम पर भाजपा से साठ-गांठ का आरोप लग रहा है।