तहसील रुदौली में वयाप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ अधिवक्ताओं ने भरी हुंकार

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अब्दुल जब्बार एडवोकेट व रियाज़ अंसारी

 

अयोध्या/भेलसर। तहसील रुदौली मे वयाप्त भ्रष्टाचार के विरुद्ध रुदौली तहसील के अधिवक्ताओं ने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद कुमार द्विवेदी को सात सूत्रीय शिकायती पत्र सौंप कर निराकरण कराए जाने की मांग की है।अधिवक्ताओं की ओर से बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद कुमार द्विवेदी को सौंपे गए मांग पत्र में कहा गया की धारा 24 की पत्रावली दर्ज होकर नहीं जाती है जिससे राजस्व निरीक्षक व लेखपाल द्वारा पक्षकारो से धन उगाही की जाती है मनमाना धन मिलने पर तुरंत पैमाइश कर दी जाती है।ग़रीब और असहाय लोगो की पत्रावली सैकड़ों की तादाद में राजस्व निरीक्षक ठन्डे बस्ते में डाल कर रखे हैं।इसलिए धारा 24 की सभी पत्रावली दर्ज कर क्रमवार पैमाइश करवाया जाना चाहिए।इसी तरह अमल दरामद भी दर्ज होकर नहीं जाता है जिससे आरके व कंप्यूटर मैन के धन उगाही का शिकार संबधित पक्षकार होना पड़ता है।

धारा 34 की पत्रावली में लेखपाल के बयान के लिए लिखित सूचना भेजकर उसका बयान दर्ज किया जाना चाहिए।बयान दर्ज किए जाने की समय सीमा निर्धारित होनी चाहिए।राजस्व निरीक्षक व लेखपाल अपने कक्ष में न बैठ कर आवास अथवा होटलों पर बैठकर बैठते हैं जिससे वादकरियो को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।धारा 116 की पत्रावली जब कुर्रा बटवारा के लिए भेजी जाती है तो संबंधित कर्मी धन उगाही के बिना ठन्डे बस्ते में डाल देते हैं।इसलिए धारा 116 की पत्रावली कुर्रा विभाजन के लिये जब भेजी जाए तो उसकी भी समय सीमा निर्धारित की जाए।इसके अलावा एकजाई के वाद में पत्रावली न तलब करके प्रस्तावार आख्या मांगी जाती है जो कई कई महीनों तक नही भेजी जाने से पत्रावली पेंडिंग रहती है।तहसीलदार न्यायालय पर मुख्तारनामा से रजिस्ट्री कराए गए बैनामें में मनमाना धन उगाही करके ही दाखिल खारिज की कार्रवाई की जाती है।अभिलेखागार में मुआयने व नकल की व्यवस्था ठीक की जाए।

धारा 151 के अंतर्गत चालान प्रेषित करने हेतु दिन में 3:00 बजे तक की समय सीमा निर्धारित की जावे इसके लिए सभी थानों को आवश्यक दिशा निर्देश भेजा जाय।इस संबंध में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद कुमार द्विवेदी ने बताया कि विभिन्न समस्याओं को ले अधिवक्ताओं का एक पैनल एसडीएम विपिन कुमार सिंह व तहसीलदार प्रज्ञा सिंह से मिला था।जिसमे तहसीलदार से वार्ता में उन्होंने ये बात स्वीकार किया कि धारा 34 की जो फाइल लेखपाल को भेजी जाती है वो गलत है अब से 35 दिन के अंदर लेखपाल को स्वमं उपस्थित हो कर बयान दर्ज करवाना होगा।बताया कि उपजिलाधिकारी विपिन सिंह ने अधिवक्ताओं की शिकायत का संज्ञान लेते हुए सुधार कराए जाने का आश्वासन दिया है।