दंगों की साजिश, वेबसाइट का खुलासा…!

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  • सत्यम मिश्रा

लखनऊ/हाथरस, उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार का कहना है कि कुछ संगठनों द्वारा हाथरस कांड के सहारे प्रदेश का माहौल और सरकार की छवि बिगाड़ने की साजिश रची जा रही है. मामले में अलग-अलग थानों में मुकदमे लिखे गए हैं और सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले लोगों के खिलाफ 13 केस दर्ज किए गए हैं.

हाथरस गैंगरेप केस में पुलिसिया अत्याचार को लेकर शुरू हुई इंसाफ की लड़ाई अब सियासी रूप लेने के बाद दंगों की साजिश तक आ गई है. खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जातीय और सांप्रदायिक दंगों की साजिश रचने का आरोप लगा दिया तो वहीं अधिकारियों ने कहा कि हाथरस में गैंगरेप की कथित रेप केस के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन की तैयारी थी. इसकी मदद के लिए एक वेबसाइट https://justiceforhathrasvictim.carrd.co/ की ओर इशारा किया है.

इस संबंध में उत्तर प्रदेश पुलिस के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा है कि अभी कुछ भी कहना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि अभी जानकारी एकत्रित की जा रही है. एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि जानकारियां एकत्रित करने के बाद इस संबंध में जानकारी दी जाएगी. सोमवार को यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर से जस्टिस फॉर हाथरस विक्टिम वेबसाइट के संबंध में सवाल पूछे गए थे.

उत्तर प्रदेश पुलिस के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा है कि अभी कुछ भी कहना ठीक नहीं है. जानकारी एकत्रित की जा रही है. जानकारियां एकत्रित करने के बाद इस संबंध में जानकारी दी जाएगी.

गौरतलब है कि यूपी सरकार ने इस वेबसाइट का खुलासा करते हुए दावा किया था कि ये मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और सरकार की छवि खराब करने के लिए बनाई गई थी और फर्जी आईडी के सहारे कर्ई लोगों को जोड़े जाने का दावा करते हुए सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि इस साइट पर दंगे करने से लेकर बचाव के कानूनी उपायों की भी जानकारी दी गई है.

उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा, सोशल मीडिया पर गलत तस्वीरें पोस्ट कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश और फंडिंग की जा रही है. दुनिया के कई प्रोटेस्ट के लिए उपयोग किए जाते रहे Carrd.co नामक प्लेटफॉर्म पर यह लैंडिंग पेज बनाया गया था, जिसे अब डिलीट किया जा चुका है. इसके पीछे नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में जिन संगठनों पीएफआई और एसडीपीआई का हाथ होने के आरोप लगे थे, इस वेबसाइट के पीछे भी इन्हीं संगठनों का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है.