‘धन्वन्तरि’ की पहल से भूखे नहीं सो रहे मरीज व तीमारदार

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राजधानी के 12 सरकारी अस्पतालों में अन्नपूर्णा भोजनालय ने उठाया सेवा का जिम्मा, ओपीडी के दौरान मरीजों को डॉक्टरों को दिखाने, दवा दिलवाने में भी बने हैं सहयोगी.

पल्लव शर्मा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुवांशिक संगठन धन्वन्तरि सेवा संस्थान के कार्यकर्ता राजधानी के सभी बड़े 12 सरकारी अस्पतालों में अपनी जान की परवाह किये बिना मरीजों व उनके तीमारदारों की सेवा में जुटे हैं। यह संस्थान वैसे तो तीन सालों से सरकारी अस्पतालों में अन्नपूर्णा भोजनालय के माध्यम से मरीजों व तीमारदारों को निशुल्क भोजन, मठ्ठा और चाय मुहैया करा रहा है। पर, लॉक डाउन में भी इन्होंने पूरी जिम्मेदारी से काम किया। हमें इन पर है नाज: ‘धन्वन्तरि’ की पहल से भूखे नहीं सो रहे मरीज व तीमारदार।

संस्था के लोग केजीएमयू, ट्रॉमा सेंटर, लोहिया अस्पताल, सिविल अस्पताल, रानी लक्ष्मी बाई अस्पताल, लोकबंधु अस्पताल व बलरामपुर अस्पताल में ओपीडी के समय मरीजों व तीमारदारों को ओपीडी के समय में व्हीलचेयर मुहैया कराती है। साथ ही उनका पर्चा बनवाने से लेकर उनको डॉक्टरों को दिखाने का काम करती है। संस्थान के अध्यक्ष प्रो. सूर्यकांत के मार्गदर्शन में सेवाकार्यों का संचालन किया जा रहा है। हमें इन पर है नाज: ‘धन्वन्तरि’ की पहल से भूखे नहीं सो रहे मरीज व तीमारदार।

धन्वन्तरि अन्नपूर्णा भोजनालय की ओर से प्रतिदिन लगभग एक हजार जरूरतमंद लोगों को भोजन कराया जाता है। धन्वन्तरि अन्नपूर्णा भोजनालय का संचालन डॉ. नीरज मिश्रा, इंजीनियर रवींद्र सिंह गंगवार, ललित जोशी, कल्पना गंगवार, अवनींद्र कुमार, संतोष, रामबाबू, डॉ. सत्यम ओझा की टीम कर रही है। यहां पर बना हुआ भोजन लखनऊ के 30 प्रमुख स्थानों पर जरूरतमंदों को वितरित किया जाता है। इस कार्य में केजीएमयू प्रशासन व चिकित्सकों का विशेष  सहयोग मिलता रहता है। हमें इन पर है नाज: ‘धन्वन्तरि’ की पहल से भूखे नहीं सो रहे मरीज व तीमारदार।

संस्थान ने निवेदिता सेवा संस्थान से जुड़ी महिलाओं से मास्क बनवाए हैं। 15 परिवारों की बहनें इस काम में जुटी हैं। दो हजार मास्क सभी अस्पतालों में वितरित किये जा चुके हैं। बलरामपुर, केजीएमयू, रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल में रैनबसेरों का संचालन भी संस्थान कर रहा है। हमें इन पर है नाज: ‘धन्वन्तरि’ की पहल से भूखे नहीं सो रहे मरीज व तीमारदार।