धार्मिक पर्यटन का केन्द्र बनेगा अयोध्या

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  • राजू यादव

सनातन भारतीय अस्मिता के प्रतीक राम मंदिर के पुनर्निर्माण का प्रश्न पीढ़ी दर पीढ़ी राष्ट्रीय चेतना को आंदोलित करता रहा है। जनमानस में स्थापित राष्ट्रीय अस्मिता की यह दृढ़ परिकल्पना सदियों तक चले संघर्ष के सुपरिणाम के रूप में अब भौतिक स्वरूप ले रही है और राम मंदिर के रूप में राष्ट्र मंदिर की परिकल्पना साकार हो रही है। वर्ष 2020 – 500 वर्ष से अधिक समय तक धार्मिक आक्रमण की शिकार रही भगवान श्री राम की जन्म स्थली में बहुप्रतीक्षित के जीर्णोद्धार के प्रारंभ का साक्षी बना । इसके लिए संकल्पबद्ध हुए प्रधानमंत्री मोदी ने जब श्री रामचरितमानस की चौपाई राम काजु किन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम पढ़ी तो देश की धमनियों में रक्त की उस्मा बढ़ गई ।

 रामलला के सामने जब प्रधानमंत्री साष्टांग लेटे तो उनकी  यह छवि देश के हृदय में समा गई।05 अगस्त बुधवार 2020 दोपहर 2:44 मिनट के अभिजित मुहूर्त में राम मंदिर का भूमि पूजन कर प्रधानमंत्री मोदी ने समर्थ भविष्य की नींव रखी थी। भौतिक दृष्टि से देखें तो राम मंदिर अयोध्या और उत्तर प्रदेश को पर्यटन के राष्ट्रीय मानचित्र में नई आभा देने जा रहा है। अनुमान है कि 5 वर्ष में अयोध्या ऐसी तीर्थ स्थली के रूप में विकसित हो चुकी होगी जहां तिरुपति और माता वैष्णो देवी की भांति श्रद्धालुओं का समुद्र आकर प्रभु श्री राम के दर्शन करेगा । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या को ऐसी नगरी बनाने जा रहे हैं जो आधुनिकता व प्राचीनता का संगम होगी। राज्य सरकार अयोध्या को उत्तर प्रदेश का पर्यटन केंद्र बनाने का भरसक प्रयास कर रही है ।अयोध्या से चित्रकूट तक नया राजमार्ग बनाने जा रहा है कोशिश है कि इसमें राम वन गमन के आदि शंख मार्ग समेट लिया जाए। अवध में राम लला भी है और राजा भी हैं मंदिर में उनके दोनों ही रूप प्रत्यक्ष होंगे और यही पर्यटको के लिए बहुत बड़ा आकर्षण का केंद्र होगा। योगी के मनसानुरूप अयोध्या के विकास को नया रूप देने के लिए अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज कुमार झा पूरी कर्मठता और तन्मयता से निरंतर प्रयासरत रहते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशानुरुप अनुज झा दो कदम आगे बढ़कर उसे साकार रूप देने का प्रयत्न करते हैं।

मुख्यमंत्री लगातार अयोध्या धाम के समेकित पर्यटन विकास के सम्बन्ध में कराए जाने वाले कार्यों का अवलोकन कर रहे होते हैं। चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग से सम्बन्धित समस्त कार्य तेजी से कराए जाएं,अयोध्या का विकास सोलर सिटी के रूप में किया जाए। पर्यटकों को अयोध्या धाम का भ्रमण कराने के लिए प्रशिक्षित गाइड की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।भरत कुण्ड, सूर्य कुण्ड तथा नन्दी ग्राम का तेजी से विकास कराया जाए। आवास, नगर विकास, धमार्थ कार्य तथा लोक निर्माण  विभाग अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करें। योगी अयोध्या नगरी का विकास इस प्रकार से कराना चाहते हैं कि जिससे यहां आने वालों को स्तरीय सुविधाएं प्राप्त हो सकें। अयोध्या धाम का विश्व के मानचित्र में अत्यन्त महत्वूपर्ण महत्त्व है, यहां पर्यटन की असीम सम्भावनाएं हैं।

चौरासी लाख योनियों में भटकने से बचने के लिए अयोध्या की चौरासी कोसी य़़ात्रा की हिन्दुओं में काफी मान्यता है। राजा दशरथ की अयोध्या चौरासी कोस में फैली थी। भगवान राम से जुड़े पौराणिक स्थल इसी 84 कोस परिक्रमा मार्ग पर हैं। अयोध्या से 20 किमी उत्तर स्थित बस्ती जिले के मखौड़ा धाम से परिक्रमा यात्रा शुरु होती है।

अयोध्या धाम के महत्व को ध्यान में रखकर केन्द्र व राज्य सरकार अयोध्या को उसके प्राचीन गौरव के अनुरूप प्रतिष्ठित करने के लिए कृतसंकल्पित है। इसके दृष्टिगत अयोध्या में व्यापक स्तर पर विकास कार्य कराए जा रहे हैं। अयोध्या धाम में विकास गतिविधियों को गति प्रदान करने के लिए सरकार तत्परता से कार्य कर रही हैं।अयोध्या नगरी का विकास इस प्रकार से किया जा रहा है जिससे यहां आने वालों को स्तरीय सुविधाएं प्राप्त हो सकें। यातायात की व्यवस्था सुगम हो, इसके लिए सड़कों का चौड़ीकरण कराया जा रहा है।

अयोध्या नगरी के विकास के सभी कार्य योजना बनाकर चरणबद्ध तरीके से किए जा रहा है।विभिन्न दिशाओं से अयोध्या पहुंचने वाले दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए सड़कों का प्रभावी और निर्बाध नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। सड़कों के दोनों ओर सभी जनसुविधाओं जैसे-पेयजल, शौचालय इत्यादि की अच्छी व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है, साथ ही अपने वाहनों से आने वाले दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए विभिन्न स्थलों पर मल्टी लेवेल पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है, ताकि पर्यटक सड़क पर वाहन न खड़ा करें। बसों इत्यादि की पार्किंग के लिए बड़े बस स्टैण्ड बनाए बनाये जायेंगें । अयोध्या धाम का विश्व के मानचित्र में अत्यन्त महत्वूपर्ण स्थान है। यहां पर्यटन की असीम सम्भावनाएं हैं। इसके दृष्टिगत प्रत्येक स्तर पर रोजगार के अवसर भी है। पर्यटकों को अयोध्या धाम का भ्रमण कराने के लिए प्रशिक्षित गाइड की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

   भरत कुण्ड, सूर्य कुण्ड तथा नन्दी ग्राम का तेजी से विकास कार्य कराया जायेगा। जनपद अयोध्या में घाटों का पुनर्विकास एवं सौन्दर्यीकरण तथा महन्त श्री रामचन्द्र दास परमहंस के समाधि स्थल का विकास कार्य कराया जायेगा । रामघाट स्टेशन के पास मुक्तिधाम का निर्माण कराया जा रहा है। चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग से सम्बन्धित समस्त कार्य तेजी से कराए जायेंगें, जिससे श्रद्धालुओं को परिक्रमा करने में किसी प्रकार की परेशानी न हो।

अयोध्या में सौन्दर्यीकरण कार्यों को तेजी से पूरा करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्बन्ध में आवास, नगर विकास, धमार्थ कार्य तथा लोक निर्माण विभाग द्वारा अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करें।अयोध्या में अण्डरग्राउण्ड केबलिंग की व्यवस्था की जाएगी, ताकि इधर-उधर तार न लटकें,अच्छी मार्ग प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गये हैं।  अयोध्या आने वाले दर्शनार्थियों को नगर के अंदर इलेक्ट्रिक कार्ट्स के माध्यम से यातायात की सुविधा उपलब्ध कराए जाने व्यवस्था की जाएगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि अयोध्या को अगर सही प्रकार से विकसित कर दिया जाए तो शुरुआती दौर में ही पर्यटकों या श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिदिन पचास हजार तक पहुंच सकती है। वैष्णो देवी और तिरुपति की तर्ज पर अयोध्या एक बड़े धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो सकता है।

निष्पक्ष दस्तक प्रकाशन समूह का मत है कि अमृत योजना से भी अयोध्या को जोड़ना चाहिए।देश के धार्मिक महत्व के शहरों के लिए चल रही हृदय योजना और शहरी बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त करने के लिए अमृत योजना से भी अयोध्या को जोड़ना चाहिए, ताकि शहर में नल जल सप्लाई, सेनिटेशन, सीवर, कचरा प्रबंधन, अप्रोच रोड्स, फुटपाथ, साइकिल ट्रैक, स्ट्रीट लाइट्स आदि का उचित प्रबंध किया जाए। साथ ही नगर का ऐतिहासिक महत्व बना रहे इसलिए ऐतिहासिक महत्व के गलियों, मठों, मंदिर और इमारतों का संरक्षण किया जाना चाहिए। जैसा कि जापान के क्योटो शहर का किया गया। इसी तरह आधुनिकता के साथ अयोध्या का ऐतिहासिक महत्व बरकरार रह पाएगा।

पांच प्रमुख शहरों का धार्मिक सर्किट अयोध्या से लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज और बनारस करीब 200 किलोमीटर के दायरे में हैं और ये शहर धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। सरकार इन पांचों शहरों को जोड़कर एक सर्किट बनाए। देश की राजधानी दिल्ली से भी अयोध्या 700 किलोमीटर ही दूर है। ऐसे में दिल्ली से अयोध्या को भी एक्सप्रेस वे से जोड़ा जा सकता है।

राम मंदिर निर्माण शुरू होने के साथ ही विकास की किरण दिखाई देने लगी है। पूरी उम्मीद जताई जा रही है कि अगले पांच साल तक सरकार का विशेष फोकस होगा।अयोध्या विकास प्राधिकरण की सीमाओं का भी विस्तार हो रहा है, ताकि आसपास के इलाके की सूरत भी संवर सके, साथ ही बढ़िया सड़कें, एयरपोर्ट और फाइव स्टार होटल जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी। यहां एयरपोर्ट बनाने की गतिविधियां तेज हो चुकी हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे भी अयोध्या होकर गुजरेगा। वहीं, बनारस से अयोध्या तक भी फोर लेन बनाई जाएगी। अयोध्या तीर्थ विकास परिषद के गठन को भी बस कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है।

लखनऊ से बनारस तक बन रहा फोर लेन अंतिम चरण में है। बनारस से अयोध्या तक 192 किलोमीटर लंबे काशी-आयोध्या राजमार्ग को भी साल के अंदर बनाने की कोशिशें की जा रही हैं। काम पूरा होने पर लखनऊ से लगभग डेढ़ तो बनारस के दो से ढाई घंटे का सफर तय कर अयोध्या पहुंचा जा सकेगा।अयोध्या एयरपोर्ट के बनने में अभी समय लगना तय है लेकिन, लखनऊ व बनारस में विश्वस्तरीय एयरपोर्ट पहले से मौजूद हैं। यहां से अयोध्या तक पहुंचना आसान हो इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार ने 500 करोड़ रुपये से अधिक के बजट के साथ मंदिरों के इस शहर में कई विकास और सौंदर्यीकरण प्रोजेक्‍ट का ऐलान किया है। इस प्रोजेक्‍ट के तहत अयोध्या को एक बड़े धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देने की योजना है।अयोध्या व आसपास के इलाके को प्राधिकरण अपनी सीमा में लेकर विकसित करेगा। बड़े नामी गिरामी फाइव स्टार होटलों की आमद यहां होगी। इसके अलावा पर्यटन सुविधाओं में इजाफा होगा।तीर्थ विकास परिषद अयोध्या में घाटों, मंदिरों और अन्य आधारभूत सुविधाओं को विकसित करेगी। अयोध्या में हर गली, हर घर में मंदिर हैं। इन्हें भी संवारा जाएगा।अयोध्या में भगवान राम की सबसे बड़ी मूर्ति, क्वीन हो मेमोरियल, डिजिटल म्यूजियम, इंटरप्रिटेशन सेंटर, रामलीला संकुल, रामकथा गैलरी, ऑडिटोरियम समेत कई योजनाएं हैं जिन्हें संस्कृति व पर्यटन विभाग चला रहा है।

मंदिर बनने की घोषणा के साथ ही अब समग्र तौर पर यहां के लिए योजनाएं चलाई जाएंगी। केंद्रीय व राज्य सेक्टर में पर्यटन योजनाओं का 70 से 80 फीसदी बजट अगले पांच सालों के लिए अयोध्या को संवारने के लिए किया जा सकता है।वर्ष 2025-26 तक राम मंदिर का कार्य पूरा होने की उम्‍मीद है, तब तक सरकार काफी कुछ योजना धरातल पर आने की उम्‍मीद लगाए है। अयोध्‍या के लिए एडवांस प्‍लानिंग में न केवल नया एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन शामिल है, बल्कि नजदीक  राजमार्ग और स्थानीय पर्यटन स्थलों का उन्नयन भी शामिल है।तुलसी स्मारक के आधुनिकीकरण के लिए 16 करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं। बस स्टेशन के लिए 7 करोड़ रुपये और पुलिस बैरक के लिए लगभग इतनी ही राशि रखी गई है। राजश्री दशरथ मेडिकल कॉलेज को भी अपग्रेड किया जाएगा, जिसके लिए 134 करोड़ का प्रावधान किया गया है।मंदिर बनने की घोषणा के साथ ही अब समग्र तौर पर यहां के लिए योजनाएं चलाई जाएंगी। केंद्रीय व राज्य सेक्टर में पर्यटन योजनाओं का 70 से 80 फीसदी बजट अगले पांच सालों के लिए अयोध्या को संवारने के लिए किया जा सकता है।राष्ट्रीय राजमार्ग के अपग्रेडेशन का बजट 250 करोड़ रुपये है। जलापूर्ति परियोजना को भी अपग्रेड किया जाएगा, जिसका बजट 54 करोड़ रुपये है।