निर्धारित टाइम लाइन के अनुसार कार्यों को पूरा करें अधिकारी-मुख्य सचिव

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मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री जी के समीक्षा बिन्दुओं ‘प्रगति’ की समीक्षा बैठक आयोजित,मथुरा-झांसी के मध्य तीसरी रेलवे लाइन, आयुष्मान भारत, जल जीवन मिशन स्कीम व उपभोक्ता मामलों से सम्बन्धित जन शिकायतों के निस्तारण की प्रगति की समीक्षा की गई। 

लखनऊ – प्रधानमंत्री के समीक्षा बिन्दुओं ‘प्रगति’ की समीक्षा बैठक मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में संपन्न हुई, जिसमें मथुरा-झांसी के मध्य तीसरी रेलवे लाइन, आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, जल जीवन मिशन-हर घर जल योजना तथा उपभोक्ता मामलों से सम्बन्धित शिकायतों के निस्तारण की प्रगति की समीक्षा की गई। अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने अधिकारियों से निर्धारित टाइललाइन के अनुसार कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिये। 

इससे पूर्व बैठक में बताया गया कि मथुरा-झांसी के मध्य तीसरी रेलवे लाइन हेतु आवश्यक 20.2004 हेक्टेयर भूमि रेलवे द्वारा क्रय की जा रही है, जिसमें से 15.640 हे0 भूमि की रजिस्ट्री रेलवे के पक्ष में की जा चुकी है तथा शेष 4.5596 हे0 भूमि क्रय व रजिस्ट्री की कार्यवाही भी रेलवे द्वारा की जा रही है। मथुरा-झांसी तीसरी रेलवे लाइन कुल लम्बाई 274 किमी है, जिसमें उत्तर प्रदेश 98 किमी, मध्य प्रदेश 141 किमी तथा राजस्थान में 35 किमी है।

पूरे प्रोजेक्ट की लागत 3678 करोड़ रुपये है तथा इसे माह सितम्बर, 2022 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है और कार्य की भौतिक प्रगति 30 प्रतिशत है। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना प्रदेश में संचालित है तथा माह दिसम्बर, 2020 के दूसरे सप्ताह तक 40.37 लाख परिवारों के 1.01 करोड़ गोल्डन कार्ड बनाये जा चुके हैं तथा शेष परिवारों को कवर करने के लिये 15 दिसम्बर, 2020 से 31 दिसम्बर, 2020 तक अभियान चलाया जा रहा है। योजना के अन्तर्गत 841 कम्युनिटी हेल्थ सेण्टर तथा 158 डिस्ट्रिक्ट हाॅस्पीटल को पहले ही इम्पैनेल्ड किया जा चुका है। माह दिसम्बर, 2020 के द्वितीय सप्ताह तक 5.38 लाख कार्ड्स का उपयोग किया गया है।

जहां मई, 2019 के अंतिम सप्ताह में 3831 कार्ड्स का उपयोग किया गया था, वहीं दिसम्बर, 2020 के द्वितीय सप्ताह में यह बढ़कर 7058 हो गया। इसके अतिरिक्त योजना के अंतर्गत वर्तमान में 2646 हाॅस्पीटल्स प्रदेश में सूचीबद्ध हैं, जिनमें 1102 पब्लिक हाॅस्पीटल्स एवं 1544 प्राइवेट हाॅस्पीटल्स हैं। जल जीवन मिशन-हर घर जल योजना में 462 क्वालिटी प्रभावित इलाकों में से पीडब्ल्यूएस द्वारा 315 को कवर किया जा चुका है तथा 138 में कार्य प्रगति पर है तथा शेष 09 में भी कार्य शुरू किया जा रहा है। पाइप वाटर सप्लाई के द्वारा अब तक 15 लाख से अधिक घरों तक स्वच्छ जल पहुंचाया जा चुका है। 3089 जेई/एईएस प्रभावित ग्रामों में से 544 को पाइप वाटर सप्लाई से कवर किया जा चुका है, 413 में कार्य प्रगति पर है तथा शेष ग्रामों को मिनी पीडब्ल्यूएस के माध्यम से कवर किया गया है।

सभी ग्राम पंचायतों में विलेज वाटर सप्लाई कमेटी का गठन किया जा चुका है। इसके अलावा स्वीकृत 3287 प्रोजेक्ट्स में 3100 पर कार्य प्रगति पर है, जिनमें 998 प्रोजेक्ट जेई/एईस प्रभावित आबादी तथा 248 प्रोजेक्ट महत्वाकांक्षी जनपद के शामिल हैं। इसके अतिरिक्त जल जीवन मिशन के अंतर्गत 25000 विद्यालयों तथा 63472 आंगनबाड़ी एवं आश्रमशालाओं में पाइप लाइन द्वारा जल सप्लाई प्रस्तावित है, जिसे क्रियान्वित किया जा रहा है। इसके अलावा 58079 ग्राम पंचायतों में से 33309 में कम्युनिटी टाॅयलेट्स का निर्माण पूरा किया जा चुका है तथा 24770 टाॅयलेट्स का निर्माण प्रगति पर है। उपभोक्ता मामलों में जन शिकायतों के निस्तारण के सम्बन्ध में बताया गया कि वर्ष, 2020 में अब तक प्राप्त कुल 181535 शिकायतों में से 158026 का निस्तारण किया जा चुका है। बैठक में सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।