पराली को गोवंश संरक्षण केन्द्रों में उपलब्ध कराया जाये-मुख्य सचिव

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कोविड-19 के प्रभावी नियंत्रण हेतु सभी जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी प्रतिदिन प्रातः 9.00 बजे किसी कोविड अस्पताल में तथा सायं 8.00 बजे इण्टीग्रेेटेड कण्ट्रोल एण्ड कमाण्ड सेण्टर में नियमित रूप से बैठक करें ।
सर्विलांस, होम आइसोलेशन की कोविड मरीजों से फीडबैक एवं अनुश्रवण तथा समय से चिकित्सालयों में उपचार किये जाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित करायी जाये। 
प्रदूषण नियंत्रण के लिये निरन्तर समीक्षा की जाये व अपेक्षित कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाये।
पराली एवं कूड़ा जलाये जाने के मामले में नगरीय एवं ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जागरूकता का अभियान चलाया जाये।
पराली को अधिकाधिक गोवंश संरक्षण केन्द्रों में उपलब्ध कराया जाये तथा कूड़े का निस्तारण समुचित रूप से किया जाये


लखनऊ,  मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा है कि कोविड-19 के प्रभावी नियंत्रण हेतु सभी जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को प्रत्येक दिन प्रातः 9.00 बजे किसी कोविड अस्पताल में तथा सायं 8.00 बजे इण्टीग्रेेटेड कण्ट्रोल एण्ड कमाण्ड सेण्टर में नियमित रूप से बैठक करने के पूर्व में निर्देश दिये गये थे, जिसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये। इसके साथ ही सर्विलांस, होम आइसोलेशन की कोविड मरीजों से फीडबैक एवं अनुश्रवण तथा समय से चिकित्सालयों में उपचार किये जाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित करायी जाये।

मुख्य सचिव ने यह निर्देश समस्त जिलाधिकारियों, पुलिस आयुक्तों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों व पुलिस अधीक्षकों को परिपत्र निर्गत कर दिये हैं। उन्होंने कहा कि कई जनपदों में जाड़ों में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। इस पर नियंत्रण के लिये मा0 उच्चतम न्यायालय, मा0 राष्ट्रीय हरित अधिकरण एवं उत्तर प्रदेश राज्य प्रदूषण कण्ट्रोल बोर्ड द्वारा समय-समय पर निर्देश दिये गये हैं। इस सम्बन्ध में निरन्तर समीक्षा की जाये व अपेक्षित कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाये।

निर्गत परिपत्र में उन्होंने कहा है कि पराली एवं कूड़ा जलाये जाने के मामले कई जनपदों से निरन्तर आ रहे हैं। इस सम्बन्ध में नगरीय एवं ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जागरूकता का अभियान चलाया जाये। पराली को अधिकाधिक गोवंश संरक्षण केन्द्रों में उपलब्ध कराया जाये तथा कूड़े का निस्तारण समुचित रूप से किया जाये। इस सम्बन्ध में उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुये दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही भी की जाये।

उन्होंने कहा कि समय-समय पर कतिपय व्यक्तियों द्वारा पानी की टंकी पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन किया जाता है। यह जन सुरक्षा की दृष्टि से कदापि उचित नहीं है। समस्त पानी की टंकियों की सीढ़ी एवं परिसर को ताला लगाकर बन्द रखा जाये तथा ऐसी व्यवस्था बना दी जाये कि कोई अवांछित व्यक्ति पानी की टंकी पर न चढ़ने पाये। जो टंकियां अनुपयोगी हो चुकी हैं, उनको तोड़ने एवं निस्तारित करने की व्यवस्था भी की जाये।

जारी परिपत्र में मुख्य सचिव ने समस्त जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से कहा है कि दिये गये निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये तथा आख्या सम्बन्धित अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव अथवा सचिव को प्रेषित की जाये।