पूरी दुनिया अब भारत की ओर देख रही है: मुख्यमंत्री

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प्रधानमंत्री की अगुआई में पिछले छह साल में देश में सकारात्मक बदलावआए हैं, जिसके चलते अब पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है।भारतीयों को उत्कृष्ट नेतृत्व की नजीर पेश करनी होगी।
वैश्विक महामारी कोरोना के अभूतपूर्व संकट में प्रधानमंत्री कीअगुवाई में जो असाधारण कार्य हुए वह तकनीकी से ही सम्भव थे।कोरोना का वैक्सीन के आने तक कोविड प्रोटोकॉल के मानकों का पहले जैसे ही अनुपालन किया जाए।
चुनौतियों को अवसर में और असफलता को सफलता में बदलने वाला ही जीवन मे सफल होता है।मुख्यमंत्री ने जनपद गोरखपुर में महाराणा प्रताप (एमपी) शिक्षा परिषद के 88वें संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन कार्यक्रम को सम्बोधित किया

लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अगुआई में पिछले छह साल में देश में सकारात्मक बदलाव आए हैं, जिसके चलते अब पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। आज भारत का शुमार दुनिया के अग्रणी देशों में होता है। ऐसे में सभी भारतीयों को उत्कृष्ट नेतृत्व की नजीर पेश करनी होगी।

मुख्यमंत्री यह विचार आज जनपद गोरखपुर में महाराणा प्रताप (एमपी) शिक्षा परिषद के 88वें संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये। इस अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हम सबको स्वयं को समाज और देश के लिए उपयोगी बनाना होगा। शिक्षण संस्थाएं टीम भावना के साथ ऐसा करें तो यह सम्भव है। परिषद से जुड़े सभी लोगों को परिषद के शताब्दी वर्ष तक इसी को लक्ष्य बनाकर इसके लिए खुद, संस्था और पूरे प्रदेश को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम करना होगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति का भी यही मकसद है। सभी लोगों के प्रयासों से आने वाले समय मे यह परिषद उत्तर भारत का श्रेष्ठतम शिक्षण संस्था बनेगी। उन्होेंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के अभूतपूर्व संकट में प्रधानमंत्री की अगुवाई में जो असाधारण कार्य हुए वह तकनीकी से ही सम्भव थे। आप भी तकनीक से जुड़ें। इसका बेहतर उपयोग करें।

जनवरी तक कोरोना का वैक्सीन आ जाएगा। तब तक कोविड प्रोटोकॉल के मानकों का पहले जैसे ही अनुपालन करें। उन्होंने कहा कि चुनौतियों को अवसर और असफलता को सफलता में बदलने वाला ही जीवन मे सफल होता है, आप भी हर चुनौती में अवसर व असफलता में सफलता तलाशें। सफलता आपके कदम चूमेगी।

संस्थापक सप्ताह समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि गुलामी के काल खंड को छोड़ दें तो भारत वैदिक काल से ही ज्ञान पिपासु रहा है। इसी नाते उसे विश्वगुरु का दर्जा हासिल था। गोरक्षनगरी का इसमें बेहद महत्वपूर्ण योगदान रहा। यह परम्परा अब भी जारी है। शिक्षा ही संसार और समाज को सुंदर बनाने का जरिया है। एमपी शिक्षा परिषद 1932 से यही कर रहा है। परिषद अपनी संस्थाओं में किताबी ज्ञान के साथ संस्कार भी देता है। विशिष्ट अतिथि प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।  

कार्यक्रम में जनप्रतिनिधिगण, साधु-संत, अध्यापकगण सहित छात्र-छात्राएं एवं वरिष्ठ नागरिक उपस्थित थे।इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी व विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ व महंत अवेद्यनाथ की स्मृति में लिखी पुस्तक ‘भारतीय संस्कृति का विश्व में प्रसार’ का विमोचन भी किया। उन्होंने एम0पी0 पाॅलीटेक्निक के कार्यशाला अनुदेशक श्री माधवेन्द्र राज द्वारा लिखित तीन पुस्तकों का भी विमोचन किया।