प्रदेश में पराली जलाने घटना कतई घटित न होने दें-मुख्य सचिव

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  1. प्रदेश में किसी भी स्थान पर पराली जलाने से सम्बन्धित घटना कतई घटित न होेने दी जाए।
  2. प्रदेश में समस्त स्थानों एवं विशेष रूप से ग्राम स्तर पर पोस्टर, बैनर एवं लाउडस्पीकर के माध्यम से पराली न जलाये जाने हेतु जानकारी प्रदान की जाए।
  3. पराली के निस्तारण हेतु प्रत्येक जिले में उपयुक्त कृषि यंत्र की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए।
  4. प्रदेश में पराली जलाने से सम्बन्धित घटना संज्ञान में आती है तत्काल सम्बन्धित व्यक्ति के विरूद्ध तथा ग्राम स्तर पर ग्राम प्रधान की भी जिम्मेदारी नियत कर कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाए।
  5. स्वच्छता अभियान के अन्तर्गत प्रदेश में समस्त अस्पतालों एवं शासकीय भवनों की साफ-सफाई सुनिश्चित कराई जाए।
  6. जनपदों में तहसील एवं थाना दिवस का समय से आयोजन कराते हुए वरासत से सम्बन्धित समस्याओं एवं अन्य शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण कराया जाए।
  7. महिला सशक्तीकरण हेतु सम्बन्धित विभाग द्वारा एक वृहद कार्य योजना बनाकर अविलम्ब प्रस्तुत की जाए।
  8. प्रत्येक व्यक्ति द्वारा मास्क का प्रयोग किया जाए एवं हाथों को समय-समय पर सैनिटाइज किया जाए।


    लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने निर्देश दिये हैं कि प्रदेश में किसी भी स्थान पर पराली जलाने से सम्बन्धित घटना कतई घटित न होने दिया जाए। उन्होंने कहा कि खेतों में फसलों के कटने के पश्चात् पराली को मौके पर ही डिकम्पोज कराये जाने  हेतु आवश्यक व्यस्थाएं सुनिश्चित कराई जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि समय से पराली को गौवंश संरक्षण केन्द्रों पर अविलम्ब पहुचांये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, लापरवाही करने वाले सम्बन्धित व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाए।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में समस्त स्थानों एवं विशेष रूप से ग्राम स्तर पर पोस्टर, बैनर एवं लाउडस्पीकर के माध्यम से पराली न जलाये जाने हेतु जानकारी प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि पराली न जलाये जाने के सम्बन्ध में किसानों को जागरूक किया जाये तथा पराली जलाने से होने वाले कुप्रभावों के सम्बन्ध में जानकारी किसानों को दी जाये।

मुख्य सचिव ने यह निर्देश समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को वीडियोकान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जहंा पर भी पराली जलाने से सम्बन्धित घटना संज्ञान में आती है तत्काल सम्बन्धित व्यक्ति के विरूद्ध तथा ग्राम स्तर पर ग्राम प्रधान की भी जिम्मेदारी नियत कर कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने जनपदीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि पराली के निस्तारण हेतु प्रत्येक जिले में उपयुक्त कृषि यंत्र की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में 10 अक्टूबर, 2020 से 16 अक्टूबर, 2020 तक स्वच्छता अभियान संचालित है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान के अन्तर्गत प्रदेश में समस्त अस्पतालों एवं शासकीय भवनों की साफ-सफाई सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि विद्यालयों को खोले जाने से पूर्व उनकी भी साफ-सफाई कराई जाए एवं स्वच्छ पेयजल एवं शौचालय की उचित व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर संचालित स्वच्छता अभियान की फोटोज नोडल विभाग द्वारा अपने वेबसाइट पर अवश्य डाली जाएं।

वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिये कूड़ा, पालीथीन, पराली इत्यादि के जलाने की घटनाओं को पूर्ण रूप से रोका जाये। उन्होंने कहा कि जनपदों में तहसील एवं थाना दिवस का समय से आयोजन कराते हुए वरासत से सम्बन्धित समस्याओं एवं अन्य शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण कराया जाए। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण हेतु सम्बन्धित विभाग द्वारा एक वृहद कार्य योजना बनाकर अविलम्ब प्रस्तुत की जाए। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्तीकरण हेतु प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध एवं संकल्पबद्ध है।

मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिए हैं कि 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों, गंभीर रोगों से ग्रसित व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं तथा 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को घर पर सुरक्षित रहने की सलाह दी जाए। कोविड-19 महामारी से बचाव हेतु सभी प्रदेशवासियों द्वारा भारत सरकार की गाइडलाइन का अवश्य पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति द्वारा मास्क का प्रयोग किया जाए एवं हाथों को समय-समय पर सैनिटाइज किया जाए।

मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि अनावश्यक किसी भी स्थान पर भीड़ एकत्रित न होने दी जाए एवं सभी व्यक्तियों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि जनपदों में स्थापित कन्ट्रोल रूम के माध्यम से प्रतिदिन के कोविड-19 से सम्बन्धित आंकड़े शासन को उपलब्ध कराएं जाएं। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमित लोगों से नियमित रूप से फोन काॅल द्वारा उनके स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त की जाए।