प्रदेश में महिलाएं असुरक्षित, हत्या-बलात्कार से दहला प्रदेश-अजय कुमार लल्लू

187

उत्तर प्रदेश में महिलाएं सबसे असुरक्षित, हत्या-बलात्कार से दहला प्रदेश। यू0पी0 अपराध का हब बना, कानून का राज पूरी तरह धराशायी। बुलंदशहर, हापुड़, जालौन की घटना योगी सरकार के लिए शर्मनाक। ध्वस्त कानून व्यवस्था को छुपाने के लिए योगी ने टीम 11 बनायी।

लखनऊ, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कहा है कि पूरे प्रदेश में जंगलराज है कायम है। अपराधियों और पुलिस का गठजोड़ चरम पर है। प्रदेश की जनता, महिलाएं अपराधियों और पुलिस के रवैए से त्राहिमाम कर रही हैं। महिलाएं न्याय न मिलने और दर दर भटकने के बाद सत्ता के गलियारे के सामने आत्मदाह करने को अभिशप्त है।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध और हिंसा के मामले में बेतहाशा बढ़ोतरी पर योगी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि योगी सरकार ने झूठ और गलत तथ्य देने के लिए 11 अफसरों की टीम बना रखी है जो जनता को गुमराह करने का काम करती है।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश में महिलाएं सबसे असुरक्षित है, हत्या-बलात्कार से दहला उठा है पूरा प्रदेश। यूपी अपराध और अपराधियों का हब बन चूका है, कानून का राज पूरी तरह धराशाही हो गया है। अपराधी मनबढ़ हो गए है। कुछ को सत्ता का संरक्षण मिला है तो कुछ पुलिस की सरपरस्ती में अपराधो को अंजाम दे रहे है ।

प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने जारी बयान में बुलंदशहर की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि यूपी में कानून के डर के खात्मे और महिलाओं के लिए फैले असुरक्षा के माहौल को दर्शाता है। प्रशासन छेड़खानी की घटनाओं को गंभीरता से नहीं लेता। जिसके चलते यह सब घटनाएं होती आ रही है। महिलाओं पर होने वाले हर तरह के अपराध पर जीरो टॉलरेंस होना चाहिए।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उ0प्र0 की कानून-व्यवस्था स्वाहा होती जा रही है। बुलंदशहर में छेड़खानी के दौरान छात्रा की मौत हो गई। अपनी भांजी को बचाते हुए मारे गए पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या सबको याद है। पिछले दिनों ही जालौन में पुलिस प्रताड़ना से आहत युवती ने आत्महत्या की थी पुलिस महिलाओं की समस्याएं सुनने के बजाए इतना प्रताड़ित कर रही है कि उन्हें आत्महत्या करने पर विवश होना पड़ रहा है। उ0प्र0 की सड़कों पर अपराधियों का कब्जा हो चुका है, पूरा प्रदेश अपराधियों के गिरफ्त में है। सरकार कहाँ है, न्याय कहाँ है।