प्रस्तावित परियोजनाओं के भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य व प्रगति का बार चार्ट तैयार किया जाये-मुख्य सचिव

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नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के अंतर्गत
जल जीवन मिशन हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रथम शीर्ष समिति की बैठक संपन्न।
अवशेष टेण्डर प्रक्रियाओं को शीघ्र पूरा किया जाये, ताकि प्रोजेक्ट समय से शुरू हो सकें व निर्धारित समयावधि में पूरे किया जा सकें।प्रस्तावित परियोजनाओं के तकनीकी व वित्तीय आगणन के जांच हेतु पुख्ता इंतजाम किये जायें।

नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के अन्तर्गत जल जीवन मिशन हेतु प्रथम शीर्ष समिति की बैठक मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई, जिसमें ग्रामीण पेयजल योजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति, जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन हेतु निर्गत मार्ग निर्देशिका के मुख्य बिन्दुओं का प्रस्तुतीकरण, राज्य स्तर पर अब तक की गयी कार्यवाही, जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन हेतु तैयार कार्य योजना का प्रस्तुतीकरण, जनपद स्तरीय जिला पंचायत एवं स्वच्छता मिशन की पाइप पेयजल योजनाओं की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति हेतु अधिकार प्रदान करने के प्रस्ताव के अनुमोदन, विन्ध्य एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र में ग्रामीण पाइप पेयजल योजना को जल जीवन मिशन में समाहित किये जाने एवं क्रियान्वयन हेतु अब तक की कार्यवाही तथा फील्ड टेस्ट किट से जलगुणता मापने हेतु समर्पित मानव संसाधन सम्बन्धी नीति निर्धारण आदि पर विस्तार से चर्चा की गयी।


अपने सम्बोधन में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्रस्तावित परियोजनाओं का माहवार भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य एवं उसके सापेक्ष प्रगति का चार्ट तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित परियोजनाओं तथा उनसे संबंधित दूसरे कार्यों के अवशेष टेण्डर प्रक्रियाओं को शीघ्र पूरा किया जाये, ताकि सभी कार्य समय से प्रारंभ होकर निर्धारित समयावधि में पूर्ण हो सके।उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्रस्तावित परियोजनाओं के आगणन की तकनीकी व वित्तीय जांच हेतु पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित किया जाये तथा इसके लिये दक्ष मैन पावर की उपलब्धता सुनिश्चित हो।


इससे पूर्व प्रमुख सचिव नमामि गंगे अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्रामीण पेयजल योजनाओं के लिये करीब 6470 करोड़ रु0 की धनराशि उपलब्ध है तथा अद्यतन स्थिति के अनुसार कुल 1882 परियोजनाओं पर निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा जल जीवन मिशन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप पूर्व में संचालित पेयजल योजनाओं पर अवशेष समस्त घरों को कार्यशील गृह संयोजन उपलब्ध कराये जाने हेतु रेट्रोफिटिंग के अंतर्गत 1817 परियोजनाओं का अनुमोदन प्राप्त कर कार्य प्रारंभ किया गया है।
उन्होंने बताया कि उक्त के सम्बन्ध में तैयार की गई कार्य योजना के अनुसार इस वर्ष कुल 35 लाख घरों को कार्यशील गृह संयोजन उपलब्ध कराये जाने का लक्ष्य है, जिसके लिये 6526 परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है, जिनमें 1543 निर्माणाधीन परियोजनायें तथा 339 स्वीकृत नई परियोजनायें हैं व वित्तीय अनुमान 6664 करोड़ रु0 है, जिसमें 194 करोड़ सामुदायिक सहभागिता अंश सम्मिलित है। निर्माणाधीन 1882 में 60 परियोजनायें पूरी की जा चुकी हैं।
उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन हेतु जनपद स्तरीय जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला पेयजल एवं स्वच्छता मिशन का गठन किया जा रहा है, जिसका मुख्य कार्य जनपद में ग्रामीण पाइप पेयजल योजना निर्माण के वास्तविक और वित्तीय कार्य निष्पादन की निगरानी और मूल्यांकन करना निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत यह परिकल्पना की गई है कि समुदाय, अंतःग्राम जल आपूर्ति अवसंरचना, कार्यान्वयन, प्रबंधन, संचालन व रखरखाव में मुख्य भूमिका निभायेगा, जिसके परिणाम स्वरूप हर ग्रामीण घर में क्रियाशील गृह नल संयोजन उपलब्ध हो सकेगा, इसके लिये ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समिति का गठन किया गया है।

बैठक में यह भी बताया गया कि भारत सरकार द्वारा जल जीवन मिशन के अंतर्गत समस्त ग्रामीण परिवारों को वर्ष 2024 तक पाइप द्वारा कार्यशील संयोजन दिये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रदेश में 259739 ग्रामीण बस्तियों में मार्च, 2020 तक 5899 ग्रामीण पाइप पेयजल योजनाओं के माध्यम से 30945 बस्तियों को आच्छादित करते हुये लगभग 251.26 लाख जनसंख्या को पेयजल से लाभांवित किया गया है। पाइप पेयजल योजनाओं से 9.82 लाख ग्रामीण परिवारों को क्रियाशील गृह नल संयोजन की सुविधा प्रदान की जा चुकी है। वर्ष 2020-21 में 35 लाख परिवारों को लाभांवित करने का लक्ष्य निर्धारित ह

बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 07 जनपदों एवं विन्ध्य क्षेत्र के 02 जनपदों, कुल 09 जनपदों की विषम स्थिति के दृष्टिगत प्रदेश सरकार द्वारा इन क्षेत्रों के ग्रामीण अंचलों में पाइप पेयजल योजना के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु महत्वाकाँक्षी योजना प्रारम्भ की गई है।


योजनाओं के गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन हेतु 09 जनपदों को 05 जोन में बाँटते हुए पैकेजवाइज प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सलटेन्ट का चयन करते हुए अनुबन्ध निष्पादित किया गया है। पैकेज-1 के अन्तर्गत बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जनपद झांसी एवं ललितपुर में मेसर्स थीम इंजीनियरिंग सर्विसेज प्रा0 लि0, जयपुर द्वारा, पैकेज-2 के अन्तर्गत बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जनपद जालौन एवं हमीरपुर में मेसर्स आरवी एसोशियेट्स, हैदराबाद द्वारा, पैकेज-3 के अन्तर्गत बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जनपद महोबा, बांदा एवं चित्रकूट में मेसर्स एसएमईसी इन्टरनेशनल प्रा०लि0, हरियाणा द्वारा, पैकेज-4 के अन्तर्गत विन्ध्य क्षेत्र के जनपद मिर्जापुर में मेसर्स थीम इंजीनियरिंग सर्विसेज प्रा0 लि0, जयपुर द्वारा एवं पैकेज-5 के अन्तर्गत विन्ध्य क्षेत्र के जनपद सोनभद्र में मेसर्स सिसेंस टेक लि0, नागपुर द्वारा योजनाओं के निर्माण कार्य का पर्यवेक्षण एवं अनुश्रवण किया जाएगा। योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु 50 निविदाएं आंमत्रित की गयी। जिनके विरुद्ध 14 निविदाएं को स्वीकृत करते हुए कार्य प्रारम्भ करा दिया गया है शेष निविदाएं प्राप्त करते हुए एक माह में अन्तिम रुप देते हुए कार्य प्रारम्भ करा दिये जायेगें।
विरचित 644 आगणनों में 32 आगणनों का पुनर्परीक्षण किया जा रहा है, शेष 612 पाइप पेयजल योजनाओं में 1903729 एफएचटीसी दिये जाने का प्राविधान है। इन योजनाओं की अनुमानित लागत रू0 15,310.57 करोड़ है। वर्ष 2020-21 में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत वार्षिक कार्य योजना भारत सरकार को प्रस्तुत की जा चुकी है, जिसमें इस वर्ष 102.04 लाख दिये जाने के लिये पेयजल योजनाओं का क्रियान्वयन प्रस्तावित किया गया है

बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, प्रमुख सचिव नमामि गंगे अनुराग श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव नियोजन आमोद कुमार, एम0डी0 जल निगम विकास गोठलवाल, आयुक्त ग्राम्य विकास के0रविन्द्र नायक, निदेशक पंचायतीराज किंजल सिंह, विशेष सचिव वित्त प्रकाश बिन्दु, विशेष सचिव सूचना सुरेन्द्र प्रसाद सिंह आदि उपस्थित थे। बैठक का संचालन प्रमुख सचिव नमामि गंगे अनुराग श्रीवास्तव द्वारा किया गया