बदायूं ‘‘निर्भया काण्ड’’ से भी अधिक भयानक है-आराधना मिश्रा

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नेता कॉंग्रेस विधान मण्डल दल आराधना मिश्रा मोना ने कहा है कि बदायूं के उघैती थानाक्षेत्र में एक 50 वर्षीय आंगनवाड़ी कार्यकत्री महिला के साथ हुई सामूहिक बलात्कार एवं हत्या की घटना बहुत ही वीभत्स एवं मानवता को शर्मसार करने वाली है, महिला के साथ जिस तरह की बर्बरता की गयी है वह ‘‘निर्भया काण्ड’’ से भी अधिक भयानक है । 


  महिला अपने परिवार को बीमारी से निजात दिलाने के लिये मंदि में ‘‘ईष्वर’’ से प्रार्थना करने गयी थी, जहां  आततायियों ने मंदिर के सम्मान को धूल धूसरित करते हुये मंदिर परिसर में बर्बरता का नग्न ताण्डव किया, महिला के सााि 3 लोगों ने बलात्कार किया, उसे संघातिक चोटें पहंचाई, पैर तोड़ दिया और उसके गुप्तांग पर प्रहार किया, महिला के साथ की गयी वीभत्सता यह साबित करती है कि आज उत्तर प्रदेष में अपराधियों के हौसले कितने बुलन्द हैं ? उनमें पुलिस और शासन- प्रषासन का कोई खौफ नहीं रह गया है ।


मोना ने कहा है कि हाथरस की घटना सहित उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति इसी तरह की घटित हो रही घटनाओं में भुक्तभोगी महिला और उसका पीड़ित परिवार जब शासन- प्रषासन से फरियाद करता है तो उत्तर प्रदेष के जिस शासन- प्रषासन को भारत के संविधान के अनुसार पीड़िता के और अभियोजन के पक्ष को मजबूत करना चाहिए, तो उत्तर प्रदेष सरकार में सर्वोच्च पदों पर बैठे हुये वे लोग हाथरस काण्ड में अपराधियों के साथ खड़े नजर आते हैं । लखनऊ में एक । रैंक के आफिसर ने कहा कि कि ‘‘बलात्कार हुआ ही नहीं’’ ।  

सत्तारूढ़ दल ने राजनैतिक रूप से उस पीड़ित बेटी को न्याय न मिले, इसके लिये विरोधी दल के नेताओं को पीड़ित परिवार से मिलने नहीं दिया गयाा । राहुल एवं भारतीय राष्ट्रीय कांगे्रस की महासचिव- प्रभारी उत्तर प्रदेश आदरणीया श्रीमती प्रियंका को बलपूर्वक रोका गया। मैं धन्यवाद देना चाहती हंूूॅ माननीय सर्वोच्च न्यायालय का, और माननीय उच्च न्यायालय का जिन्होंने घटना का स्वतः संज्ञान लिया और माननीय उच्च न्यायालय की देखरेख में ब्ण्ठण्प् से प्रकरण की जांॅच करायी । नतीजे के तौर पर ने चार्जषीट दाखिल करते हुये प्रथम दृृष्ट््या अभियुक्तों को दोषी बनाया है ।


काष !  यदि उस घटना में उत्तर प्रदेश सरकार पीड़िता के साथ खड़ी होती कि पूरे प्रदेश में यदि कोई भी वहषियाना हरकत करेगा तो सरकार उसे कड़ा से कड़ा दण्ड दिलायेगी  – किन्तु यहांॅ तो उत्तर प्रदेष सरकार अभियोगियों के साथ खड़ी दिखाई दी। और यही कारण है कि महिलाओं की हिंसा में आज उत्तर प्रदेष का स्थान भारत देष में ‘‘पहले नम्बर’’ पर है ।


नेता, कांगे्रस विधान मण्डल दल ने कहा है कि उत्तर प्रदेष सरकार के लिये यह और भी अधिक शर्मनाक है कि बदांयूॅ की पीड़िता की 18 घण्टे बाद एफ.आई.आर. लिखी गय, और 44 घण्टे तक पीड़िता का पोस्टमार्टम नहीं हुआ ।


यह घटना उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को शर्मसार करने वाली है, क्या उत्तर प्रदेष सरकार इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेगी ? या इसी तरह उत्तर प्रदेष में बेटियों की इज्जत लुटती रहेगी और सरकार कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने का जुमला फेेंकती रहेगी । आज बेटियों में भय और आतंक व्याप्त है ।

नेता, कांगे्रस विधान मण्डल दल ने कहा है कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सरेआम जिस तरह एक भीड़भाड़ वाले पाॅष इलाके ‘‘विभूति खण्ड’’ (गोमती नगर) में  गोलियांॅ चली और 30 राउण्ड फायर हुये, वह उत्तर प्रदेश की बदतर कानून व्यवस्था की सच्चई को बयान करता है । जब तक अपराधियों ने अपना मिषन पूरा नहीं कर लिया और हत्या की घटना केा अंजाम नहीं दे दिया तब तक वे निर्भीक होकर हत्या को अंजाम देते रहे । जब प्रदेष की राजधानी लखनऊ में एक सषस्त्र व्यक्ति सुरक्षित नहीं है तो प्रदेष में आम आदमी का क्या हाल होगा इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है ।


नेता, कांगे्रस विधान मण्डल दल ने कहा है कि  बदायंॅू की घटना में पीड़ित परिवार को रु. 1.00 करोड़ (एक करोड़ रुपये) मुआवजे के तौर पर दिये जायं, तथा परिवार को एक आवास और एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाय । इसके अतिरिक्त पीड़ित परिवार वाले जिस जांॅच एजेंसी से चाहें उस जांच एजेंसी से घटना की जांच करायी जाय, तथा एक ‘‘विषेष अधिवक्ता’’ लगाकर मुकदमे की पैरवी करायी जाय ।