बलरामपुर अस्पताल को बचाएं- विचार मंच

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  • श्याम कुमार

 लखनऊ, आज बुद्धिजीवियों की पुरानी एवं महत्वपूर्ण संस्था “विचारमंच” द्वारा कोरोना की बंदिशों के कारण दूरभाष पर अपनी नियमित संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें ‘बलरामपुर अस्पताल’ विषय पर विचार व्यक्त करते हुए वक्ताओं ने कहा कि लखनऊ में बलरामपुर अस्पताल
पुराना एवं अत्यंत प्रतिष्ठित अस्पताल है, जिस पर हावी होने का भ्रष्ट तत्वों ने हमेशा प्रयास किया। इस समय अस्पताल को स्थायी निदेशक की नहीं, बल्कि ऐसे मुखिया की आवश्यकता है, जो बेहद ईमानदार, परिश्रमी एवं अस्पताल का हित करने वाला हो। सरकार को चाहिए कि अस्पताल के भ्रष्ट तत्व चिकित्सा-व्यवस्था को जो क्षति पहुंचाने में लगे हैं, उसका प्रतिरोध करने में अस्पताल के वर्तमान मुखिया एवं प्रशासन को संरक्षण प्रदान करे।

     मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ पत्रकार राजीव अहूजा ने कहाकि यह संतोष की बात है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में भ्रष्ट व माफिया तत्वों के सफाए में लगे हुए हैं। किन्तु मुख्यमंत्री को इस अभियान में अधिक सफलता तभी मिल सकती है, जब सही, योग्य एवं ईमानदार लोगों को
भरपूर समर्थन एवं संरक्षण दिया जाय। यही आवश्यकता बलरामपुर अस्पताल के बारे में भी है तथा वहां के सशक्त भ्रष्ट गिरोह का मुकाबला करने में अस्पताल के वर्तमान मुखिया एवं प्रशासन को मदद की जानी चाहिए।

    संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए “समाचारवार्ता” के सम्पादक श्याम कुमार ने कहाकि बलरामपुर अस्पताल का आज जो अत्यंत भव्य रूप है, उसका सूत्रपात अस्पताल के पूर्व-निदेशक रहे डाॅ0 सुमतिशील शर्मा ने किया था। वह अपनी योग्यता एवं ईमानदारी के लिए सुविख्यात थे तथा उनकी बहुत अधिक साख थी। उन्होंने अस्पताल से भ्रष्ट तत्वों के गिरोह का सफाया करने के लिए भी कठोर परिश्रम किया था। उनके बाद निदेशक के रूप में डाॅ. रामभजन मिश्र आए, जिन्होंने डाॅ. शर्मा की परम्परा को आगे बढ़ाया तथा अस्पताल की तरक्की हुई। उनके सेवानिवृत्त होने के बाद अस्पताल की दशा फिर बिगड़ने लगी, जिस पर वर्तमान निदेशक डाॅ0 राजीव लोचन ने काबू पाया। उन्होंने न केवल गलत तत्वों पर कड़ाई से अंकुश लगाया, बल्कि उनके अथक प्रयास से अस्पताल को वर्तमान विशाल एवं भव्य रूप मिला। अतः शासन को अस्पताल के हित में डाॅ0 राजीव लोचन के हाथ मजबूत करने चाहिए तथा उन्हें कायम रखना चाहिए।

श्याम कुमार

       समाजसेवी सुशीला मिश्र एवं अनुरक्ति मुद्गल ने कहाकि कोरोना का देश में जब से अचानक हमला हुआ है, समाज की सारी व्यवस्थाएं गंभीर रूप से प्रभावित हुईं तथा उसके साथ चिकित्सा-सेवाएं भी तहस-नहस होने के कगार पर पहुंच गईं। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विचलित नहीं हुए और उन्होंने भीषण विषम परिस्थिति में भी अपने कुशल नेतृत्व से हर विषमता को काबू में किया। इसी प्रकार अपने कुशल नेतृत्व द्वारा बलरामपुर अस्पताल के वर्तमान प्रशासन एवं निदेशक ने अस्पताल की चिकित्सा-सेवा को हरसंभव तरीके से संभाला।

      वरिष्ठ मजदूर नेता सर्वेश चंद्र द्विवेदी, पत्रकार अरविंद मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक महर्षि इंद्रप्रकाश, समाजसेवी रामलखन यादव, पत्रकार राजू यादव आदि ने भी कोरोना के भयंकर आतंक में बलरामपुर अस्पताल के मुखिया व प्रशासन ने जिस तरह परिस्थिति पर नियंत्रण किया, उसकी सराहना की। प्रो0 अम्बिका प्रसाद मिश्र, समाजसेवी शौकत अली, राजनीतिक समीक्षक कुमार अशोक पांडेय ने कहाकि वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री अपनी ईमानदारी के लिए मशहूर हैं, अतः उन्हें बलरामपुर अस्पताल में भी ईमानदार लोगों को संरक्षण देना चाहिए। डाॅ. अजयदत्त पांडेय, रुकैया परवीन, डाॅ0 सूर्यभानु सिंह गौतम, जितेंद्र आदि ने भी बलरामपुर अस्पताल को आदर्श रूप देने हेतु
पूरी तरह समर्पित रहने के लिए अस्पताल के निदेशक की सराहना की।