भाई-बहन का त्योहार रक्षाबंधन

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रक्षाबंधन के मौके पर भाई-बहन के इस रिश्ते को लेकर हम आपके लिए कुछ खास शायरी लेकर आए हैं, जिन्हें भाई अपनी बहन को भेजेंगे तो यह रिश्ता और प्रगाढ़ ही होगा। रक्षा बंधन के दिन सुबह भाई-बहन स्नान करके भगवान की पूजा करते हैं। इसके बाद रोली, अक्षत, कुमकुम एवं दीप जलकर थाल सजाते हैं। इस थाल में रंग-बिरंगी राखियों को रखकर उसकी पूजा करते हैं फिर बहनें भाइयों के माथे पर कुमकुम, रोली एवं अक्षत से तिलक करती हैं।इसके बाद भाई की दाईं कलाई पर रेशम की डोरी से बनी राखी बांधती हैं और मिठाई से भाई का मुंह मीठा कराती हैं। राखी बंधवाने के बाद भाई बहन को रक्षा का आशीर्वाद एवं उपहार व धन देता है। बहनें राखी बांधते समय भाई की लम्बी उम्र एवं सुख तथा उन्नति की कामना करती है।इस दिन बहनों के हाथ से राखी बंधवाने से भूत-प्रेत एवं अन्य बाधाओं से भाई की रक्षा होती है। जिन लोगों की बहनें नहीं हैं वह आज के दिन किसी को मुंहबोली बहन बनाकर राखी बंधवाएं तो शुभ फल मिलता है। इन दिनों चांदी एवं सोनी की राखी का प्रचलन भी काफी बढ़ गया है। चांदी एवं सोना शुद्ध धातु माना जाता है अतः इनकी राखी बांधी जा सकती है लेकिन, इनमें रेशम का धागा लपेट लेना चाहिए।

रक्षाबंधन भाई-बहन के प्यार का त्योहार है और इस साल ये 3 अगस्त को आ रहा है. रक्षाबंधन के दिन बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उसकी मंगल कामना करती हैं. रक्षाबंधन को हर साल श्रावण  मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। बदलते दौर के साथ राखी के मौके पर गिफ्ट देने का चलन भी बदला है और अब व्हॉट्सऐप मैसेज और अन्य सोशल मीडिया माध्यमों के इस्तेमाल से भी मैसेज भेजे जाते हैं, लेकिन भाई-बहन के बहुत ही प्यारे से रिश्ते पर शायरों ने भी कमाल की शायरी लिखी है और इस रिश्ते की खूबसूरती को शानदार ढंग से शब्दों में पिरोया है।रक्षाबंधन के मौके पर भाई-बहन के इस रिश्ते को लेकर हम आपके लिए कुछ खास शायरी लेकर आए हैं, जिन्हें भाई अपनी बहन को भेजेंगे तो यह रिश्ता और प्रगाढ़ ही होगा।

रक्षाबंधन का मुहूर्त सुबह 9:28 बजे शुरू होगा। उत्तराखंड विद्वत सभा के प्रवक्ता आचार्य विजेंद्र प्रसाद ममगाईं ने कहा कि 3 अगस्त को रक्षाबंधन और मैदानी क्षेत्रों के सावन का आखिरी दिन है। इसलिए इस दिन का खास महत्व है। रक्षाबंधन के दिन सुबह 9:28 बजे भद्रा रहेगी।
इसके बाद ही रक्षाबंधन मनाना शुभ होगा। कहा कि इस दिन ब्राह्मण समाज के लिए भी उपाकर्म के रूप में महत्वपूर्ण दिवस होता है। ब्राह्मण समाज के लोग पूजा पाठ कर जनेऊ को बदलते हैं। मान्यता है कि इस कर्म से पित्रों को भी मोक्ष मिलता है।

शुभ महूर्त-
राखी बांधने का मुहूर्त: 09:30:30 से 21:11:21 तक
रक्षा बंधन अपराह्न मुहूर्त : 13:45:16 से 16:23:16 तक
रक्षा बंधन प्रदोष मुहूर्त : 19:01:15 से 21:11:21 तक