मनकामेश्वर में गूंजे कजरी के पारंपरिक गीत

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  • महंत देव्यागिरी ने किया महादेव की महा आरती
  • समाज को दिया महिलाओं को सम्मान देने का संदेश

लखनऊ, डालीगंज के प्रतिष्ठित मनकामेश्वर महादेव मंदिर में गुरुवार को कजरी तीज पारंपरिक रूप से मनायी गई। इसमें महिलाओं ने हरे रंग की साड़ी पहन कर कजरी माता की छवि वाली सतरंगी रंगोली सजायी और कजरी गायी। इस अवसर पर महंत देव्यागिरी ने देवी रूप में अलंकृत भोलेनाथ की महा आरती कर मानव कल्याण के लिए प्रार्थना की।

महंत देव्यागिरि ने बताया कि यह भाद्र पद की कृष्ण तृतीया पर कजरी तीज मनायी जाती है। गुरुवार को मनायी गए कजरी तीज एक ओर जहां महिलाओं को प्रकृति से जोड़ती है वहीं यह समाज को भी संदेश देती है कि महिलाओं का सम्मान किया जाए। इस अवसर पर मंदिर परिसर में भोलेनाथ का कजरी माता के रूप में आकर्षक श्रंगार किया गया। महंत देव्यागिरी ने पुष्प, जल, अक्षत, फल आदि अर्पित कर पूजन अर्चन किया। इसके बाद महा आरती की गई।

दूसरी ओर मंदिर परिसर में साक्षी ने परिसर में सत्संगी रंगोली सजायी। इस अवसर पर उपस्थित महिलाएं हरी साड़ी में कजरी मनाने मंदिर परिसर में जुटीं। उन्होंने माता कजरी के रूप में सतरंगी चावलों से आकर्षक रंगोली तैयार की। उसके बाद उसका पूजन कर कजरी गायीं। हाथों में रची मेंहदी और आभूषणों से अलंकृत महिलाओं ने पूजन के बाद कजरी गायी। कल्याण गिरी, गौरजा गिरी, रेणु कश्यप, कंचन, गीता, किरन, शालू, उपमा पाण्डेय ने मशहूर कजरी गीत कइसे खेले जाइबि सावन में कजरिया, बदरिया घेरि आइल ननदी सुनाया। इसके बाद भक्तों में प्रसाद भी वितरण किया गया।