मानसून सत्र संचालन कि सर्वदलीय बैठक

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उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने दिनांक-20 अगस्त से प्रारम्भ हो रहे मानसून सत्र को सुचारू रूप से संचालित करने हेतु सभी दलीय नेताओं से सहयोग का अनुरोध किया। विधान भवन में आयोजित सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संसदीय कार्यमंत्री, सुरेश कुमार खन्ना सहित सभी दलीय उपस्थित थे।बैठक में सदन के नेता मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि वैश्विक महामारी के इस त्रासदी के दौरान उत्तर प्रदेश विधान मण्डल की पहली बैठक कल से प्रारम्भ होने जा रही है।

पूरी दुनिया कोविड-19 की त्रासदी से बुरी तरह प्रभावित है। दुनिया के जितने भी स्वास्थ्य विशेषज्ञ है सबका यह मानना है कि जब तक इस महामारी की वैक्सीन नहीं आ जाती या स्पैसिफिक उपचार नहीं आ जाता तब तक उससे बचने का, संक्रमण से बचाव का एक मात्र उपाय है। इस संक्रमण से बचाव के पूरे प्रयास किये जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि संवैधानिक बाध्यता के कारण 6 महीने के अन्दर विधान सभा की कार्यवाही के लिए सदन बैठना है। हम लोग संवैधानिक उत्तरदायित्वों का निर्वहन भी करेंगे। कोविड-19, महामारी पर एक सार्थक बहस भी कर सकेंगे। मा0 मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों गांधी जयंती पर ‘‘ैनेजंपदंइसम क्मअमसवचउमदज ळवंसे’’ संविधान दिवस पर आयोजित विशेष सत्र एवं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण के मुद्दो को लेकर चले विशेष सत्रों की प्रशंसा की।

श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर कोविड-19 पर सदन में चर्चा होगी तो देश और दुनिया को एक नया संदेश देने वाला यह कार्य होगा। लेकिन बहस एक सार्थक चर्चा का माध्यम बने, आरोप प्रत्यारोप का नहीं, अच्छे सुझाव आये। विधान सभा की ओर से सदन में जो मर्यादा और व्यवस्थाएं बनायी गयी है अगर सभी दल उसका पालन करें और सभी दलीय नेता अपने दल के मा0 सदस्यों को उन दायित्वों का निर्वहन करने के लिए कहें तो यह एक अच्छा संदेश होगा।

अध्यक्ष ने कहा कि यह बैठक कोरोना महामारी के बीच विषम परिस्थितियों में बुलाई गयी है। यह संवैधानिक कर्तव्य पालन की दृष्टि से आवश्यक था। उत्तर प्रदेश विधान सभा देश का पहला राज्य है जहां पर इन विषम परिस्थितियों में विधान सभा की बैठक आहूत की गयी है। यहां के पहले मध्य प्रदेश में, राजस्थान में विश्वास मत के लिए बैठक हुई।

उन्होंने कहा कि हमारे सामने अन्य किसी विधान सभा का इस महामारी के दौरान बैठक बुलाए जाने और तत्संबंधी उपाय किये जाने का कोई उदाहरण उपलब्ध नहीं है। हमारी यह बैठक महामारी में पहली बार है। महामारी में बैठक पूरे देश में नहीं हुई। कोरोना महामारी के विषम परिस्थितियों में ऐसा मार्ग निकाला जाना चाहिए जिससे सदन के उद्देश्य पूरे हो जाए और उत्तर प्रदेश के हित में जो हम कर सकते है वह भी करें।

अध्यक्ष ने बैठक में कोरोना महामारी से बचने के लिए किये जा रहे सभी उपायों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि 60 वर्ष के ऊपर के सदस्य अथवा किसी असमर्थता से ग्रस्त महिला सदस्य अथवा किसी स्वास्थ्य के कारण पीड़ित सदस्य लिखित या टेलीफोन संदेश द्वारा हमारे कार्यालय को अनुरोध कर सकते है। हम उनकी अनुपस्थिति को समाप्त कर देंगे। उन्होंने सभी दलीय नेताओं से आग्रह किया कि वह अपने-अपने विधायकों को यह संदेश बता देने का कष्ट करें।

नेता प्रतिपक्ष के स्थान पर नरेन्द्र सिंह वर्मा, बहुजन समाज पार्टी के नेता, लाल जी वर्मा, कांग्रेस पार्टी के नेता, आराधना मिश्रा ‘‘मोना’’ अपना दल (सोनेलाल) के  नेता, नील रतन पटेल एवं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता, ओम प्रकाश राजभर ने भी अपने-अपने विचार प्रकट किये और विषम परिस्थितियों में सदन की कार्यवाही को व्यवस्थित ढंग से चलाने में प्रत्येक प्रकार का सहयोग देने का आश्वासन दिया।

संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने मुख्यमंत्री की भावना के साथ-साथ सम्बद्ध करते हुए सभी दलीय नेताओं से सदन में शान्तिपूर्ण सहयोग करने की अपील की।इसके पूर्व कार्य मंत्रणा की बैठक सम्पन्न हुई। अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बताया कि बैठक में दिनांक-20 से 24 अगस्त तक घोषित कार्यक्रमों पर चर्चा हुई। दिनांक-20 अगस्त, को मध्य प्रदेश के राज्यपाल, श्री लालजी टंडन, उत्तर प्रदेश की मंत्री श्रीमती कमल रानी वरूण एवं श्री चेतन सिंह चौहान व 2 वर्तमान विधायक वीरेन्द्र सिंह सिरोही, पारस नाथ यादव व पूर्व सदस्यों के साथ-साथ गलवान घाटी में शहीदों व कोरोना वारियर्स जिनकी कोरोना महामारी में कर्तव्य पालन के बीच मृत्यु हो गयी है, सभी को शोकांजलि के बाद सदन स्थगित कर दिया जायेगा। अनुपूरक बजट एवं मदों के बारे में कार्य मंत्रणा समिति पुनः बैठेगी।इस अवसर पर विधान सभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे एवं विधान सभा के अधिकारीगण उपस्थित रहें।