मुख्यमंत्री योगी की पहल पर फर्जी किताबें छापने वाले प्रिंटरो पर बड़ी कार्यवाही बीजेपी नेता भी नही बक्शे गए

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ईमानदार रवैये और गड़बड़ी पाए जाने पर त्वरित कार्यवाही किये जाने का नतीजा है सूत्रों के अनुसार पिछले दो दिनों में मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश की STF ने बड़ी कार्यवाही करते हुए पश्चिमी यूपी के मेरठ और गजरौला में फर्जी किताबें छापने के एक बड़े रैकेट का खुलासा करते हुए भारी मात्रा में छपी हुई किताबें बरामद की हैं,इस रैकेट में कुछ बीजेपी नेताओं की संलिप्तता पाए जाने पर न सिर्फ उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई बल्कि फौरन ही उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

दरअसल पूरा मामला ये है कि NCERT जो कि पूरे देश मे किताबों का प्रकाशन अपने अनुबंधित प्रिंटरो से कराकर देश भर के छात्रों को करोड़ों की संख्या में पुस्तकें उपलब्ध कराती है। लेकिन पश्चिमी यूपी में एक बीजेपी नेता और इसके रिश्तेदारों की सरपरस्ती में NCERT की इन्ही अनुमोदित किताबो की फ़र्ज़ी तरीके से प्रिंटिंग कराकर बिभिन्न प्रदेशो में लाखों किताबें सप्लाई कर करोड़ों के बारे न्यारे किये जा रहे थे, मुख्यमंत्री योगी जी को जब इस मसले की भनक लगी तो उन्होंने अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी को इस मामले के पर्दाफाश के निर्देश दिए ,अपर मुख्य सचिव ने प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स(STF) को इस कार्यवाही का जिम्मा सौंपा, जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए STF ने बीते 2 दिनों में मेरठ और गजरौला में प्रिंटिंग प्रेसों में छापेमारी कर भारी मात्रा में फ़र्ज़ी किताबें बरामद की साथ ही तकरीबन आधा दर्जन लोगों के खिलाफ fir दर्ज करायी, जिनमे बीजेपी के नेता भी शामिल हैं।

इतनी भारी मात्रा में फ़र्ज़ी किताबों की बरामदगी से सरकार के भी कान खड़े हो गए, हालाँकि STF ने बड़े गुपचुप तरीके से इस अभियान को अंजाम दिया फिर भी खबरें आ रही हैं कि प्रिंटिंग प्रेस संचालक अपने मास्टर कम्प्यूटर और हार्ड डिस्क गायब कर ले गए। चूंकि ये मामला देश व्यापी पाठ्यपुस्तकों का है जिनकी फर्जी सप्लाई विभिन्न प्रदेशों में की गई है इसलिए प्रदेश सरकार को चाहिए कि इस पूरे मामले की जांच देश की सर्वश्रेष्ठ जांच एजेंसी सीबीआई को सौंपकर इस पूरे मामले की जड़ तक पहुंचा जाए और इसमें संलिप्त दोषियों पर कड़ी कार्यवाही कर एक ऐसी नज़ीर पेश की जाए कि भविष्य में विद्यार्थियों के कैरियर से खिलबाड़ करने की कोई हिमाकत न कर सके।