मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई प्रगति की समीक्षा

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मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री जी के समीक्षा बिन्दुओं ‘‘प्रगति’’ की समीक्षा बैठक आयोजित

लखनऊ – मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री के समीक्षा बिन्दुओं ‘‘प्रगति’’ की समीक्षा की गयी, जिसमें अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल काॅरीडोर में इंटीग्रेटेड मैनुफैक्चरिंग क्लस्टर्स की स्थापना, खुर्जा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट (2×660 मेगावाट) के लिए अवशेष भूमि का अधिग्रहण एवं प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के अन्तर्गत जन औषधि केन्द्रों की स्थापना आदि की प्रगति की समीक्षा की गयी।

   प्रस्तावित अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल काॅरीडोर में इंटीग्रेटेड मैनुफैक्चरिंग क्लस्टर्स की स्थापना की जानी है, जिसके लिए जनपद प्रयागराज एवं आगरा में यूपीसीडा द्वारा भूमि का चिन्हीकरण किया गया है। मुख्य सचिव ने उक्त से सम्बन्धित प्रस्ताव तत्काल शासन को भेजने हेतु एमडी यूपीसीडा को निर्देशित किया।

उन्होंने कहा कि प्रयागराज एवं आगरा में प्रस्तावित किये जा रहे इन्टीग्रेटेड मैनुफैक्चरिंग क्लस्टर्स के स्थापना का प्रस्ताव 20 जनवरी, 2021 तक भारत सरकार को अवश्य प्रेषित कर दिया जाये।  खुर्जा में प्रस्तावित खुर्जा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट लागत 11089 करोड़ रुपये की प्रगति समीक्षा में बताया गया कि खुर्जा में 660 मेगावाट की दो यूनिट स्थापित की जानी है, जोकि टीएचडीसी इण्डिया लि0 द्वारा स्थापित किया जायेगा। प्रोजेक्ट के लिए 1200 एकड़ भूमि उपलब्ध है।

रेलवे साइडिंग के निर्माण के लिए 36.85 हे0 निजी भूमि की आवश्यकता है, जिसका अधिग्रहण प्रगति पर है। मुख्य सचिव ने माह फरवरी, 2021 तक भूमि अधिग्रहण से सम्बन्धित समस्त कार्य पूर्ण कर भूमि का कब्जा टीएचडीसी इण्डिया लि0 को प्रदान करने के निर्देश दिये। प्रोजेक्ट के अन्तर्गत Ash dyke के निर्माण के लिए नगला विलेज को शिफ्ट किया जाना है, जिसके लिए जरूरी भूमि का भुगतान टीएचडीसी इण्डिया लि0 द्वारा किये जाने पर सहमति व्यक्त की गयी। मुख्य सचिव ने उक्त इश्यू को अगले 02 दिन में निस्तारित करने के निर्देश जिलाधिकारी बुलन्दशहर एवं महाप्रबन्धक टीएचडीसी इण्डिया लि0 को प्रदान किये। 

प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के अन्तर्गत जन औषधि केन्द्रों की स्थापना की प्रगति की समीक्षा में मुख्य सचिव ने कहा कि पीएचसी, सीएचसी, सिविल हाॅस्पिटल्स के साथ-साथ सुपर स्पेशियलिटी हाॅस्पिटल्स (कैन्सर, हार्ट केयर) एवं मेडिकल काॅलेजों में भी जन औषधि केन्द्र खोले जाएं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में संचालित जन औषधि केन्द्रों में दवाओं आदि की उपलब्धता के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों से रिपोर्ट प्राप्त कर ली जाये। इन केन्द्रों में 1449 प्रकार की दवाइयां एवं 204 सर्जिकल इन्स्टूमेन्ट्स उपलब्ध रहते हैं।

उन्होंने जेनेरिक मेडिसिन्स के प्रयोग को लोकप्रिय बनाने हेतु अवेयरनेस क्रियेशन पर बल दिया। बैठक में अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास, अपर मुख्य सचिव राजस्व, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा, प्रमुख सचिव नियोजन, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सहित सम्बन्धित अन्य अधिकारीगण तथा वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से एमडी यूपीसीडा एवं सम्बन्धित जिलाधिकारी आदि उपस्थित थे।