योगी-मोदी सरकार जनविरोधी और पूँजीपति पोषक सरकार है- दीपक सिंह

98

गरीबों को मिलने वाला निःशुल्क खाद्यान्न कोरोना महामारी की समाप्ति तक जारी रहना चाहिए। रसोई गैस की सब्सिडी की जाए बहाल। कोरोना महामारी के दौरान कृषि ऋण ब्याज पूरी तरह हो माफ।

बृजेन्द्र कुमार सिंह

लखनऊ – कांग्रेस विधान परिषद दल के नेता दीपक सिंह ने आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में राज्य की योगी सरकार की जनविरोधी नीतियों पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वर्ष 2006 में बने राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण कानून के अनुसार प्रत्येक राज्य सरकार को उक्त प्राविधान के धारा 3 की उपधारा 1(घ) के अनुसार गरीब जनता को निःशुल्क भोजन, आवास, पेयजल ओर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना अनिवार्य है लेकिन पिछले दो महीने से योगी सरकार ने बन्द कर दिया है। यह भाजपा की योगी सरकार की पूंजीपरस्त जनविरोधी नीति का परिचायक है।

आज जबकि गरीबों की समस्याएं वैसी ही हैं जैसे कोरोना महामारी के शुरूआत के दौरान थीं और इस कानून के अन्तर्गत व्यवस्थाएं की गयी थीं परन्तु आज भी गरीबों के रोजगार, धन्धे चैपट हैं कोई नये आय के साधन नहीं बने हैं ऐसे में जब तक यह महामारी चल रही है तब तक इस कानून के प्राविधान के तहत गरीबों को मिलने वाला निःशुल्क खाद्यान्न, स्वास्थ्य एवं अन्य सुविधाएं जारी रहनी चाहिए।

दीपक सिंह ने कहा कि 15-15 लाख रूपये सभी के खाते में डालने की बात करके सत्ता में आयी भाजपा सरकार ने कोरोना महामारी के चलते आर्थिक विपन्नता के दौर में जनता के खाते में पड़ने वाली रसोई गैस सब्सिडी को भी डालना बन्द कर दिया है। भाजपा सरकार ने परेशान हाल जनता पर एक और आर्थिक चोट करते हुए आम जनता को मिलने वाली रसोई गैस सब्सिडी को भी बन्द करके उससे 732 रूपये वसूल रही है।

जबकि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के दौरान 292 रूपये में मिलने वाली रसोई गैस की सब्सिडी को जब खाते में दिया जा रहा था उस समय भाजपा कहती थी कि 400 रूपये एकमुश्त किसी जनता के लिए देना असम्भव है। आज जब वही रसोई गैस लगभग दो गुनी दर पर जनता को खरीदनी पड़ रही है तो ऐसे में पूरा पैसा 732रूपये आर्थिक विपन्नता के इस दौर में जनता कैसे दे पा रही है, इसे सरकार नहीं समझ पा रही है।

किसानों को मिलने वाला ऋण अगर वह समय से किश्तों का भुगतान करता है तो मात्र 4 प्रतिशत ब्याज की दर से उसे वापस करना होता है किन्तु जनविरोधी और किसान विरोधी योगी सरकार ने इस आपदा काल में भी किसान ऋण की ब्याज दर को 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 8 प्रतिशत करके वसूली कर रही है जबकि राज्य आपदा प्रबन्धन कानून के तहत ऐसे समय ऋण की ब्याज दर में बढ़ोत्तरी नहीं की जा सकती है, योगी सरकार का यह कृत्य पूरी तरह गैर कानूनी और किसान विरोधी कदम है।

कांग्रेस विधान परिषद दल के नेता दीपक सिंह ने मांग की है कि गरीबों को मिलने वाला निःशुल्क अनाज कोरोना महामारी के समाप्त होने तक जारी रहना चाहिए, स्वास्थ्य सुविधाएं निःशुल्क प्रदान की जानी चाहिए। इसके साथ ही कोरोना महामारी के दौरान किसानों के ऋण पर ब्याज पूरी तरह माफ होना चाहिए तथा आम जनता को मिलने वाली रसोई गैस सब्सिडी पुनः बहाल की जानी चाहिए।