रात में इन खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें

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आहार के माध्यम से उचित पोषण प्राप्त करना जटिल नहीं होना चाहिए। कब खाना कितना खाना? अगर इन सभी बातों पर ध्यान दिया जाए तो आपकी दिनचर्या ठीक रहेगी और आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा। अक्सर देखा जाता है कि कुछ लोग जल्दी खाना खाते हैं जबकि कुछ देर रात को खाते हैं। खाद्य पदार्थों के खाने-पीने से जुड़ी कई बातें आयुर्वेद में बताई गई हैं जिन्हें फॉलो करने से सेहत से जुड़ी कोई परेशानी सामने नहीं आती। साथ ही हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। आयुर्वेद में रात के खाने से जुड़ी कुछ बातें भी बताई गई हैं। इन बातों के अनुसार कुछ चीजें ऐसी हैं जिनका रात में सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही, आयुर्वेद के अनुसार भोजन में 6 रस शामिल होने चाहिए। ये 6 रस हैं- मधुर (मीठा), लवण (नमकीन), अम्ल (खट्टा), कटु (कड़वा), तिक्त (तीखा) और कषाय (कसैला)। शरीर की प्रकृति के अनुसार ही भोजन करना चाहिए। इससे शरीर में पोषक तत्त्वों का असंतुलन नहीं होता।

रात में किसी भी कीमत पर दही का सेवन नहीं करना चाहिए। दही की जगह छाछ ले सकते हैं। दही शरीर में कफ होने की समस्या को बढ़ा सकता है, जिसके चलते नाक में बलगम के गठन की अधिकता पैदा हो सकती है।

आपको रात में दूध पीने की आदत है, तो कम फैट वाला दूध पिएं। लेकिन सुनिश्चित करें कि कभी ठंडा दूध न पिएं, हमेशा दूध को उबाल कर पिएं। गर्म दूध और कम फैट वाला दूध पचाने में आसान होता है।

डिनर में ऐसे ही मसालों का प्रयोग करें जो सेहत के लिए अच्छे हों। ऐसा करने से शरीर में गर्माहट बढ़ेगी और भूख भी बनी रहेगी। भोजन में दालचीनी, सौंफ, मेथी और इलायची को शामिल कर सकते हैं।

रात के समय प्रोटीन से युक्त भोजन ही करें जैसे दाल, हरी सब्जियां, करी पत्ते और फल आदि। इससे आपका पाचन तंत्र काफी हल्का और हेल्दी रहता है।

अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो इस चीज को गांठ बांध लें कि रात को कम खाएं और चबा चबाकर खाएं। इससे आप हेल्दी भी रहेंगे और नींद भी अच्छी आएगी। रात में हमारा पाचन तंत्र निष्क्रिय होता है, जिससे हमारे शरीर के लिए भारी भोजन पचाना मुश्किल हो जाता है।