राम नगरी हुई राममय

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अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य व दिव्य मंदिर का सदियों पुराना सपना साकार होने ही वाला है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमिपूजन व शिलान्यास करेंगे। इसके लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। नगर में गणमान्य व्यक्तियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। मंगलवार को ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत व योग गुरू बाबा रामदेव अयोध्या पहुंच चुके हैं। देर रात तक कई अन्य लोग भी पहुंचेंगे। वहीं, राम मंदिर निर्माण के लिए सोमवार से ही अयोध्या में अनुष्ठानों का दौर शुरू हो चुका है।

राम की नगरी अयोध्या राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए तैयार है। अयोध्या में जहां रामलला के भव्य मंदिर की आधारशिला रखने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आ रहे हैं, वहीं सीएम योगी खुद तैयारियों पर नजर रखे हुए हैं, गौरी गणेश के पूजन के साथ ही अनुष्ठान की शुरुआत भी हो चुकी है।

दीपोत्सव से राममय हुई अयोध्या, हर तरफ हर्षोल्लास का माहौल, मेहमानों का आना जारी।

अयोध्या में दीपावली जैसा नजारा है, रंग-बिरंगी रोशनी से नहाई अयोध्या में लोग दीपोत्सव मना रहे हैं। अयोध्यावासियों में उल्लास है, हर तरफ राम नाम के संकीर्तन की ध्वनि गूंज रही है। मंदिर को लेकर तैयारियों के संबंध में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के चंपत राय ने बताया कि देशभर के 135 संतों को आमंत्रित किया गया है। इस कार्यक्रम में देश के हर हिस्से के लोगों की भागीदारी होगी, उन्होंने कहा कि अशोक सिंघल के भतीजे सलिल सिंघल राम मंदिर भूमि पूजन के अनुष्ठान में मुख्य यजमान होंगे।

भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या इस वक्त पूरी तरह राममय हो गई है। आस्था का ऐसा सैलाब यहां पहले कभी नहीं देखा गया। अयोध्यावासी दीपवाली के पहले ‘राम दिवाली’ मना रहे हैं, और हो भी क्यों नहीं 500 बरसों के इंतजार की घड़ियां समाप्त होने में कुछ घंटों का ही वक्त बाकी है क्योंकि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीरामजन्मस्थली पर भव्य राम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन करने जा रहे हैं।

21 वैदिक आचार्यों ने सोमवार सुबह 9 बजे यजमान महेश भरतचक्रा को संकल्प दिलाते हुए पूजन प्रारंभ किया। मंगलवार को रामार्चा पूजा हो रही है, जिसे डॉ.रामानंद दास करा रहे हैं। कल भूमिपूजन के दिन अयोध्या, मथुरा, काशी व दिल्ली के आचार्य पूजन कराएंगे। उधर, शाम से ही राम की नगरी अयोध्या दीपोत्सव के साथ ही भक्तिभाव में डूब गई। सरयू के तट पर लंबी कतारें बनाकर दीपमालिकाएं तैयार की गईं और इन्हें प्रज्वलित किया गया। इसके साथ ही नगर में लोग अपने घरों में दीप जलाकर, रामायण व सुंदरकांड का पाठ कर रहे हैं।