राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस एक अभियान

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अयोध्या, मनुष्य के जीवन में रक्त की आवश्यकता एवं उसके महत्व को दर्शाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 1 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस के रूप में मनाया जाता है उक्त जानकारी देते हुए जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बताया कि इस वर्ष राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस 2020 की थीम  Let’s donate blood voluntarily and contribute to the fight against CORONA है, उन्होंने आगे बताया कि राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस एक अभियान के रूप में 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2020 तक मनाया जाएगा और इस दौरान विभिन्न माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाकर जन सामान्य को स्वैच्छिक रक्तदान हेतु प्रेरित किया जाएगा।

इस अवधि में अधिक से अधिक स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों का आयोजन कराने हेतु मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दे दिए गए हैं और यह प्रयास किया जाएगा।  अक्टूबर माह में कम से कम 4 स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन कर प्रत्येक शिविर में कि कम से कम 100 से 200 यूनिट रक्त संग्रह का किया जाए। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से कहा की कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों के आयोजन के समय शासन द्वारा जारी गाइडलाइन एवं प्रोटोकॉल के साथ सोशल डिस्टेंसिंग, हाथों का सैनिटाइज व सभी के मास्क पहनने के नियमो  का पूर्ण रुप से पालन किया जाए।

उन्होंने कहा कि रक्तदान करने वाले रक्त दाताओं एवं स्वैच्छिक रक्तदान के क्षेत्र में विशेष सहयोग करने वाली संस्थाओं को एक प्रतीक चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया जाए ।स्वैच्छिक रक्तदान के क्षेत्र में उनके अतुलनीय सहयोग हेतु धन्यवाद भी ज्ञापित किया जाए, जिससे भविष्य में संस्थाएं बढ़-चढ़कर रक्तदान शिविरों में योगदान हेतु आगे आएं। स्वैच्छिक रक्तदान संबंधित वेबसाइट, सोशल नेटवर्किंग साइट, मोबाइल एप्लीकेशन,आदि बनाने वाले संस्थाओं को भी सम्मानित किया जाए।

जिलाधिकारी ने कहा कि विभिन्न स्वैच्छिक संगठनों का सहयोग लेते हुए स्वैच्छिक रक्तदान के प्रचार-प्रसार हेतु जनपद के महत्वपूर्ण स्थलों जैसे शैक्षिक संस्थानों, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, प्रमुख चैराहों, कचहरी, मेडिकल कॉलेज, जिला चिकित्सालय , तथा सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वैच्छिक रक्तदान के प्रति जागरूक करने वाले यथासंभव बैनर, होर्डिंग ,आदि भी लगवाए जाएं तथा वॉल पेंटिंग भी कराई जाए। जागरूकता के लिए प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया का भी सहयोग लिया जाए ।जिलाधिकारी ने लोगों को प्रेरित करते हुए कहा कि रक्तदान करके देखो, स्वयं को अच्छा लगता है।

जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा सभी चिकित्सालयों के चिकित्सा अधीक्षक को अपने यहां ब्लड ग्रुपिंग कैंप का आयोजन कर 500 से 1000 भावी रक्त दाताओं का पंजीकरण कर उनके नाम ,पता, मोबाइल नंबर, ब्लड ग्रुप ,उनकी उम्र ,आदि का उल्लेख करते हुए एक रजिस्टर बनाया जाए तथा इसको वेबसाइट पर अपलोड भी किया जाए ताकि आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सा विभाग, जिला प्रशासन, व आम लोग स्वैच्छिक रक्तदाता  से संपर्क भी कर सकें। पूर्व में यह भी देखने को मिला है की वेबसाइट पर  स्वैच्छिक रक्तदाताओं र के विवरण  उपलब्ध होने पर मरीज के घर वाले सीधे संपर्क कर ब्लड डोनेट करने का अनुरोध करते हैं और वह ब्लड प्राप्त करने में सफल भी रहे हैं।

जिलाधिकारी ने कहा कि यह प्रयास हो कि रक्त कोष के पास आपातकाल की स्थिति में आपूर्ति हेतु रक्त समूह की पर्याप्त रक्त की उपलब्धता हो। यथासंभव बिना प्रति स्थानी के भी जरूरतमंद को रक्त यूनिट उपलब्ध कराया जाए ।उन्होंने कहा कि शासन द्वारा जो भी धनराशि उपलब्ध की गई उपलब्ध कराई गई है उसका उपयोग प्रचार प्रसार शासनादेश में दिए गए निर्देशों के अनुपालन में किया जाए।