लखनऊ क्षेत्र में धारा-144 दण्ड प्रक्रिया संहिता लागू

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लखनऊ –   विभिन्न राजनीतिक दलों, छात्र संगठनों/भारतीय किसान संगठनों एवं अन्य व्यक्तियों/संगठनों द्वारा कमिश्नरेट लखनऊ क्षेत्र में किसान आंदोलन/धरना प्रदर्शन करने की प्रबल संभावना है जिससे शांति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। कोविड-19 वैश्विक महामारी का प्रभाव जन जीवन को व्यापक रूप से प्रभावित कर रहा है।

दिनांक 14.01.2021 को मकर संक्रांति, दिनांक 20.01.2021 को श्री गुरु गोविंद सिंह जयंती, दिनांक 24.01.2021 को जन नायक कर्पूरी ठाकुर जन्म दिवस, दिनांक 26.01.2021 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर असामाजिक तत्वों द्वारा शांति व्यवस्था भंग की जा सकती है जिससे कटुता बढ़ने व लोक प्रशांत बिक्षुब्ध होने की प्रबल आशंका है।

मैं नवीन, अरोरा संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था, कमिश्नरेट लखनऊ या आवश्यक समझता हूं कि धारा-144 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत अधिकारियों का प्रयोग करते हुए निषेधाज्ञा जारी किया जाना आवश्यक है।


उन्होंने बताया कि कन्टेनमेन्ट जोन के बाहर समस्त सामाजिक/शैक्षिक/खेल/
मनोरंजन/सांस्कृतिक/धार्मिक/राजनीतिक कार्यक्रमों एवं अन्य सामूहिक गतिविधियों को अधिकतम 100 व्यक्तियों के लिए शुरू करने की अनुमति पूर्व में ही दी जा चुकी है। 100 से अधिक व्यक्तियों के लिए अनुमति कन्टेनमेन्ट जोन के बाहर निम्न प्रतिबन्धों के अधीन होगी।

किसी भी बन्द स्थान,हाल/कमरे की निर्धारित क्षमता का 50 प्रतिशत किन्तु अधिकतम 100 व्यक्तियों तक तथा किसी खुले स्थान/मैदान पर ऐसे स्थानों के क्षेत्रफल के अनुसार फेस-मास्क का प्रयोग, सोशल-डिस्टेन्सिंग का अनुपालन तथा थर्मल स्कैनिंग और हाथ धोने/सेनेटाइजर की व्यवस्था करना अनिवार्य होगा।


उन्होने बताया कि कोई भी व्यक्ति पुलिस आयुक्त लखनऊ या संयुक्त पुलिस आयुक्त या पुलिस उपायुक्तों की पूर्व अनुमति प्राप्त किये बिना न तो 5 या इससे अधिक व्यक्तियों का किसी प्रकार का कोई जुलूस निकालेगा न ही सार्वजनिक स्थान पर 5 या इससे अधिक व्यक्तियों का समूह बनायेगा और न ही किसी समूह में सम्मिलित होगा। (विवाह, उत्सव व शव यात्रा सम्बन्धी जुलूस तथा उ0प्र0 शासन के विभिन्न विभागों के प्रबान्धाधीन प्रेक्षाग्रहों के अन्दर आयोजित सांस्कृतिक व एकेडमिक कार्यक्रम प्रतिबन्ध से मुक्त रहेगें।

उन्होंने बताया कि कोई भी दुकानदार न तो ऐसे धातु के तार का विक्रय करेगा और न ही कोई व्यक्ति ऐसे तार में पतंग बांधकर उड़ायेगा जिससे ट्रांसफाॅर्मर जल जाने अथवा तार सर्किट की सम्भावना हो।


उन्होने बताया कि कोई भी व्यक्ति जिला मैजिस्ट्रेट, अधोहस्ताक्षरी या क्षेत्रीय कार्यकारी मैजिस्ट्रेट की पूर्वानुमति के बिना लाउडस्पीकर अथवा अन्य किसी प्रकार के ध्वनिवर्धक यन्त्रों/साधनों का प्रयोग किसी भी कार्य के लिए नही करेगा। किसी भी दशा में रात्रि 10ः00 बजे के बाद तथा प्रातः 06ः00 बजे से पूर्व किसी भी प्रकार के ध्वनिवर्धक यंत्र/साधन का प्रयोग नहीं किया जायेगा।


उन्होंने बताया कि परीक्षा परिसर में मोबाइल फोन आईटी गजेट/अनुचित साधन/प्रतिबन्धित आयटम ले जाना पूर्णतः प्रतिबन्धित है।उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति जिला मैजिस्ट्रेट, अधोहस्ताक्षरी या क्षेत्रीय कार्यकारी मैजिस्ट्रेट की पूर्वानुमति के बिना कोई प्रचार कार्य नहीं करेगा न ही किसी कार्यक्रम आयोजन में ध्वनिवर्धक यन्त्रों, साधनों को बिजली अथवा टेलीफोन कंे खम्भों में बांधेगा और न ही कार्यक्रम स्थल के बाहर कोई ध्वनि विस्तारक यंत्र लगायेगा।


     उन्होंने बताया कि यह आदेश तत्काल प्रभावी होगा और यदि बीच में वापस न लिया गया तो 05.02.2021 तक लागू रहेगा। इस आदेश अथवा इस आदेश के किसी अंश का उल्लंघन करना भारतीय दंड विधान की धारा-188 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है।