“वाटर इनोवेशन एवार्ड” से सम्मानित होंगे-अनुज कुमार झा

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जिलाधिकारी अनुज कुमार झा को तमसा पुर्नरुद्धार योजना के लिए जल शक्ति मंत्रालय द्वारा “वाटर इनोवेशन एवार्ड” से होंगे सम्मानित।


अयोध्या, जिलाधिकारी अनुज कुमार झा को तमसा नदी के जीर्णोद्धार एवं कायाकल्प योजना के लिए वाटर इनोवेशन एवार्ड से दिल्ली में 28 अगस्त 2020 को सम्मानित होंगे। इस अवार्ड हेतु तमसा नदी के जीर्णोद्धार एवं कायाकल्प योजना भारत सरकार को जलशक्ति मंत्रालय द्वारा चयनित कर ली गयी है। इस योजना की पहल अनेक अधिकारियों के द्वारा की गयी लेकिन जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने इसमें विशेष पहल किया तथा राज्य सरकार एवं भारत सरकार के विभिन्न बैठकों मे इसके पुर्नरुद्धार पर विचार किया गया। अंत में इसको भारत सरकार के द्वारा इससे सम्बंधित प्रोजेक्ट को स्वीकृति प्रदान की गयी। तमसा का ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व है। इसके पुर्नरुद्धार की पहल की स्थानीय एवं राष्ट्रीय मीडिया ने सराहना किया था। यह कार्य निश्चित रुप से आम जनमानस व मीडिया के सहयोग से सफल हुआ है। जिलाधिकारी ने कहा कि इससे और भी पौराणिक व ऐतिहासिक स्थानों के पुर्नरुद्धार के लिए साहस मिला है जो हमें और प्रेरित करेगा। आशा है कि इस प्रकार के अन्य कार्यों पर भी शीघ्र काम प्रारम्भ हो जायेगा। इसके लिए सभी के सहयोग की सराहना करता हूं।

जिलाधिकारी अनुज कुमार झा को इलेट्स वाटर इनोवेशन पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। जो दिल्ली में 28 अगस्त 2020 को जलशक्ति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा दिया जायेगा। यह कार्यक्रम केन्द्रीय सरकार के जलसंसाधन जल शक्ति मंत्रालय के सचिव श्री यूपी सिंह की अध्यक्षता में आयोजित किया गया है। जनपद के इस महत्वाकांक्षी परियोजना में 5 लाख 61 हजार मानव दिवस सृजित हुए इसके अंतर्गत जनपद के 10 विकास खंडों के 77 ग्राम पंचायतों से होकर गुजरने वाली 151 किलोमीटर लंबी तमसा नदी के जीर्णोद्धार एवं कायाकल्प का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।

आईएएस अनुज कुमार झा जब से राम नगरी अयोध्या पहुंचे हैं वह प्रतेक क्षण एक नया इतिहास रचने का अथक प्रयास कर रहे हैं और राम की कृपा से उनके प्रयास सफल भी हो रहे हैं। अयोध्या आगमन के बाद जिस प्रकार राम मंदिर पर निर्णय आया उस में शांति व्यवस्था स्थापित करने में अनुज कुमार झा सफल रहे है। अयोध्या में दीप प्रज्वलन का कार्यक्रम मुख्यमंत्री ने निर्धारित किया तो उसमें भी उन्होंने काफी सहजता से कार्य किया और कार्यक्रम को सफल बनाने में सफल रहे है, तत्पश्चात राम मंदिर निर्माण कार्यक्रम का भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित कार्यक्रम को भी उन्होंने सफलता से आयोजित किया। अब पौराणिक महत्व रखने वाली तमसा नदी का जीर्णोद्धार करने में वह सफल रहे हैं जिसके परिणाम स्वरूप जल मंत्रालय द्वारा उन्हें सम्मानित किया जा रहा है। हम यह कह सकते हैं कि प्रभु श्रीराम के कार्यों को सिद्ध करने में जिस प्रकार महावीर हनुमान सक्रिय रहे हैं ठीक उसी प्रकार से अयोध्या के सर्वांगीण विकास के लिए अनुज कुमार झा हनुमान जी की भूमिका में अयोध्या के सर्वांगीण विकास के लिए तत्पर साबित हो रहे हैं।

  • अयोध्या में तमसा पुनरुद्धार योजना के लिए डीएम किए जाएंगे सम्मानित।
  • जल शक्ति मंत्रालय करेगा सम्मानित। 28 अगस्त को दिल्ली में होंगे सम्मानित।
  • तमसा नदी के जीर्णोद्धार व कायाकल्प योजना जल शक्ति मंत्रालय द्वारा चयनित।

पौराणिक तमसा नदी का उद्गम स्थल जिले के अन्तिम पश्चिमी छोर पर स्थित विकास खण्ड मवई के लखनीपुर गाँव, ग्राम पंचायत बसौढ़ी के समीप एक सरोवर से नदी का अभ्युदय हुआ हैं। तमसा नदी जनपद अयोध्या के विकास खण्ड मवई, रूदौली, अमानीगंज, सोहावल, मिल्कीपुर, मसौधा, बीकापुर, तारून, पूराबाजार और मयाबाजार से होते हुए जनपद अम्बेडकरनगर के कटेहरी विकास खण्ड के श्रवण क्षेत्र में बिसुही नदी से मिल जाती है। यह नदी गोमती नदी एवं सरयू नदी के बीच के क्षेत्र के जल निकासी का एक महत्वपूर्ण अंग है। जनपद अयोध्या में इस नदी की कुल लम्बाई 151 कि0मी0 है जिसमें लगभग 25 कि0मी0 के क्षेत्र में नदी विलुप्त थी एवं खेती हो रही थी। इसके पुनरुद्धार एवं कायाकल्प का कार्य 2 जनवरी 2019 को मनरेगा एवं राज्य वित्त 14वां वित्त योजना के कन्वर्जेन्स से प्रारम्भ किया गया था।

तमसा नदी अयोध्या जनपद के कुल 10 विकास खण्डों की 77 ग्राम पंचायतों को अभिसिंचित करते हुए प्रवाहित होती हंै जिसके जीर्णोद्धार कार्य पर योजनान्तर्गत कुल 10.22 करोड़ रूपये श्रम पर व्यय हुआ है जिसमें मनरेगा योजना के माध्यम से  5.61 लाख मानव दिवस सृजित हो चुका है। वर्तमान में खुदाई कार्य पूर्ण कर लिया गया है। योजनान्तर्गत इससे एक ओर श्रमिकांे को रोजगार उपलब्ध कराया गया है वहीं एक स्थाई परिसम्पत्ति का सृजन भी किया गया है। तमसा नदी जीर्णोद्वार से सिंचन क्षमता में भी वृद्धि हुई है तथा इससे जल संचयन एवं जल पुनर्भरण भी हो रहा है। इस पौराणिक नदी के किनारे वन विभाग के द्वारा लगभग 10 सार्वजनिक स्थलों पर 70,000 पौधों का रोपड़ कराया गया है। साथ ही योजनान्तर्गत ग्राम पंचायत स्तर से लगभग 1,23,043 पौधों का रोपड़ तमसा नदी के तटबन्धों पर भी कराया गया है। जिससे जहाँ एक ओर पारिस्थितकीय संतुलन हो रहा है वहीं दूसरी ओर पर्यटन को बढ़ावा भी मिल रहा है जिससे यहाँ पर प्रवासी पक्षियों का आना भी बढ़ गया है। इस योजना के पूर्ण होने से कृषकों के खेतों में जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान हुआ है।