शासन की प्राथमिकता,कोविड के कारण किसी की भी मृत्यु ना हो:मुख्य सचिव

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टेस्टिंग क्षमता 700 से 2,000 प्रतिदिन किए जाने का लक्ष्य 10 लाख एंटीजन किट जनपद को दी गई।पॉजिटिव केस की कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग  का कार्य अच्छा, इसे और बेहतर करने के निर्देश।लैब टेक्नीशियन सहित अन्य जो ड्यूटी से चले गए हैं उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।आत्म निर्भर प्रदेश पर भी कार्य किया जाए और प्रतिदिन रिपोर्ट प्राप्त करें।

जनपद झांसी में मुख्य सचिव ने विकास भवन सभागार में कोविड-19 की समीक्षा की। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि शासन की प्राथमिकता है कि कोविड-19 के कारण किसी की मृत्यु न हो। उन्होंने इसके लिए आम जनमानस से अपील करते हुए कहा कि जब भी किसी को कोई लक्षण नजर आए, वह घबराएं नहीं।कोविड ऐसी बीमारी है कि यदि व्यक्ति में क्षमता है और वह स्वयं सुरक्षित रहता है तो वह इससे संक्रमित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमित होने से बचा जा सकता है जैसे ही लक्षण दिखे तो अस्पताल आ जाए ताकि समय से इलाज किया जा सके।
मुख्य सचिव श्री आर के तिवारी ने कहा कि हमारा प्रयास है कि इस संक्रमण को अधिक से अधिक रोका जाए। कंटेनमेंट जोन में प्रत्येक घर के प्रत्येक व्यक्ति का सर्वे किया जाए जो भी लक्षण वाले व्यक्ति हैं उनकी तत्काल जांच की जाए। यह कार्य जनपद में शुरू हो गया है। शहरी क्षेत्र में 218 टीम बनाई गई है जो कंटेनमेंट जोन में जा रही हैं और सर्वे कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग बढ़ाए जाने के प्रयास किए जाएं। अभी जनपद में प्रतिदिन 700 टेस्टिंग हो रही हैं यह जनपद के लक्ष्य से कम है। इसे 2000 तक प्रतिदिन तक किया जाए ताकि जो भी संक्रमित व्यक्ति है। उसकी पहचान हो जाए और उसे आइसोलेशन में रखा जा सके।

कोविड-19 की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने सर्विलांस की जानकारी लेते हुए कहा कि सर्विलांस कार्य बेहद महत्वपूर्ण है और इसे संवेदनशीलता के साथ किया जाए। कंटेनमेंट जोन में सर्विलांस बेहतर होना चाहिए। हाउस टू हाउस सर्वे में कोई भी व्यक्ति छूटने ना पाए। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि नई गाइड लाइन में कंटेनमेंट जोन के निर्धारण में परिवर्तन किया गया है। अतः 24 घंटे में हाउस टू हाउस सर्वे किया जा सकता है। साथ ही किए गए कार्य का डाटा फीडिंग भी उसी दिन होना चाहिए। मुख्य सचिव ने जनपद में कंटेनमेंट जोन की जानकारी प्राप्त की तथा इन कंटेनमेंट जोन में कितने घर हैं उन सभी का सर्वे करने के निर्देश दिए।
जनपद में  टेस्टिंग की क्या प्रगति है, उसकी समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने टेस्टिंग बढ़ाए जाने के लिए जनपद में आरटीपीसीआर के माध्यम से 900 टेस्टिंग तथा एंटीजन किट से 1000 टेस्टिंग का लक्ष्य निर्धारित है। उन्होंने लैब टेक्नीशियन की कमी को दूर करने के लिए हायर करने के निर्देश दिए साथ ही उन्होंने निजी कालेजों से भी लैब टेक्नीशियन लिए जाने का सुझाव दिया। मुख्य सचिव ने कहा कि जो भी लैब टेक्नीशियन या अन्य चिकित्सक/अधिकारी ड्यूटी नहीं कर रहे अनुपस्थित है, उन पर कार्रवाई अवश्य की जाए।
मुख्य सचिव आर के तिवारी ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि प्रतिदिन 2000 टेस्ट किए जाने हैं इसके लिए जितने एलटी की आवश्यकता हो उन्हें बढ़ाया जाए। एंटीजन टेस्ट में भी तेजी लाएं और स्टैटिक बूथ का प्रचार प्रसार किया जाए ताकि अधिक से अधिक लोग अपनी जांच कराने आगे आएं। उन्होंने जनपद में एल-1 हॉस्पिटल की जानकारी ली तथा ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता सभी एल-1 हॉस्पिटल में है के बारे में भी पूछा । मेडिकल कॉलेज कोविड हॉस्पिटल में उन्होंने वेंटिलेटर की उपलब्धता तथा बेड की जानकारी ली। शहर में 8 होटल को भी पेड आइसोलेशन बनाया गया है।वहां सुविधाओं के बारे में पूछा तथा जो 55 लोग होम आइसोलेट हैं उनकी जानकारी प्राप्त की।

मुख्य सचिव ने जनपद में कांटैक्ट ट्रेसिंग की समीक्षा करते हुए किए गए कार्यों पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ट्रेसिंग के साथ ही प्रतिदिन डाटा फीडिंग भी कर ली जाए। एंबुलेंस से पॉजिटिव मरीज जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचे यह सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। जनपद में एंबुलेंस की उपलब्धता की भी जानकारी ली। उन्होंने कोविड-19 की समीक्षा करते हुए कहा कि पेशेंट को कहां भेजा जाना है यह कैसे तय करते हैं। होम आइसोलेशन में कैसे भेजा जा सकता है की जानकारी ली तथा होम आइसोलेशन  के लिए लोगों को प्रेरित करने का सुझाव दिया।

उन्होंने जनपद में कोविड-19 के दौरान हो रही मौतों पर चिंता व्यक्त की और निर्देश दिए कि आईएमए /नर्सिंग होम से बात करें कि ऐसा ना करें कि जब सांसे टूट रही है तभी मेडिकल कॉलेज भेजें यदि ऐसा करते हैं तो जिम्मेदारी तय की जाए। उन्होंने 01 जुलाई 2020 से अब तक हुई मरीजों की मृत्यु की जानकारी ली।
समीक्षा बैठक में उन्होंने जनपद में इन्फोर्समेन्ट के कार्यों की जानकारी ली और मास्क न पहनने वालों पर की गई कार्यवाही व चालन की जानकारी प्राप्त की।
समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद ने भी भाग लिया और समीक्षा दौरान विभिन्न बिंदुओं की जानकारी प्राप्त की।
इस मौके पर मंडलायुक्त सुभाष चंद्र शर्मा, आईजी एसएस बघेल, जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी, एसएसपी डी प्रदीप कुमार, सीएमओ डॉक्टर गजेंद्र कुमार निगम, मुख्य विकास अधिकारी शैलेश कुमार, नगर आयुक्त अवनीश राय, एडीएम बी प्रसाद, श्री राम अक्षयवर चौहान, एसपी सिटी राहुल श्रीवास्तव, एसपी ग्रामीण राहुल मिठास, प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज डॉ साधना कौशिक, निर्देशक पैरामेडिकल डॉक्टर एस एन सेंगर, डॉ अंशुल जैन सहित अन्य अधिकारी व चिकित्सक उपस्थित रहे।


 मुख्य सचिव ने जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया, सफाई व्यवस्था में तत्काल सुधार लाने के कड़े निर्देश।

  मुख्य सचिव ने झांसी जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया और वहां पायी गयी कमियों को तत्काल सुधारने के लिए कड़े निर्देश भी दिये। कुर्सियों पर लेटी हुई एक महिला से उसकी परेशानी के बारे में जानकारी ली और उसके लिए तत्काल मौके पर ही स्ट्रेचर की व्यवस्था कराई। उन्होंने एक कक्ष में प्लास्टर करा रहे मरीजों से वार्ता कर इलाज में देरी होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए डॉक्टर को तत्काल व्यवस्था में सुधार लाने के निर्देश दिए। इस प्रकार उपस्थित एक दर्जन मरीजों से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेकर उनके इलाज हेतु आवश्यक निर्देश देते हुए डॉक्टर से कहा कि मरीजों को इंतजार न करना पड़े।
उन्होंने अस्पताल के कई कक्षों के निरीक्षण में पाया कि जब डॉक्टरों के कमरों में सफाई व्यवस्था अच्छी नहीं है तो अन्य स्थानों पर क्या स्थिति रहती होगी, इस स्थिति पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए अस्पताल में सभी जगह पर सफाई व्यवस्था में तत्काल सुधार लाने के निर्देश दिए।
 निरीक्षण के दौरान अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, कमिश्नर सुभाष चंद्र शर्मा, आईजी एसएस बघेल, डीएम आन्द्रा वामसी, एसएसपी डी प्रदीप कुमार, एडी हेल्थ, सीएमओ, सीएमएस सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।