स्कूल खोलने की तैयारी, स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी

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Covid-19 से बचने के लिए बहुत सी जगहों को बंद किया गया था। सरकार ने अब तो बहुत सी सार्वजनिक जगहों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए खोलने की अनुमति दे दी है। मगर बात यहां स्कूल की करें तो बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल अभी तक बंद ही थे। मगर अब करीब 5 महीनों के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा स्कूल को खोलने की अनुमति दे दी है। स्कूल खोलने की अनुमति 21 सितंबर को दी गई है। मगर पहले की तरह स्कूल खुलने की जगह अब इसमें थोड़े नियमों का पालन करना होगा। स्कूल को खोलने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मानक संचालन की प्रक्रिया जारी की है। उन्होंने बताता कि, अभी कोरोना से बचने के लिए पूरी तरह से स्कूल नहीं खोले जा सकते हैं। ऐसे में पार्शियल रीओपनिंग ही होगी। बच्चों, स्टॉफ और स्कूल कर्मचारियों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए  हेल्थ मिनिस्ट्री द्वारा जारी एसओपीज का पालन करना अनिवार्य होगा। ऐसे में अभी तक सिर्फ 9वी से 12वीं तक के छात्रों को स्कूल जाने की अनुमति दी गई। 

छात्रो को स्कूल जाने के लिए कोई बंदिश नहीं है यानि बच्चा अपनी इच्छा से स्कूल जा सकता है। साथ ही जो छात्र स्कूल जाएंगे उन्हें कुछ विशेष नियमों का पालन करना होगा। स्कूल में किसी भी तरह का कोई प्रोग्राम, प्रतियोगिता, स्पोर्ट्स व अन्य इवेंट में भीड़ जमा करने की सख्त मनाही है। साथ ही आपात स्थिति में किसी से संपर्क करने पर शिक्षकों, छात्रों और स्कूल के कर्मचारियों को राज्य के हेल्पलाइन नंबर और स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के नंबर आदि भी स्कूल बोर्ड पर डिस्प्ले करना जरूरी है। तो चलिए अब जानते हैं  9वीं से 12वीं क्लास तक के छात्रों को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बताए गए किन नियमों का पालन करना होगा…

9वीं से 12वीं क्लास तक के बच्चों को स्कूल जाने की अनुमति हेल्थ मिनिस्ट्री द्वारा गाइडलाइंस जारी की गई…

9वीं से 12वीं क्लास तक के स्टूडेंस को स्कूल जाने की मंजूरी है। मगर बच्चा अपनी मर्जी से स्कूल जा सकता है। अगर वो घर पर रहना चाहता है तो इसके लिए उसे कोई रोक नहीं है।जो बच्चे स्कूल जाएंगे उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए एक-दूूसरे के साथ कम से कम 6 फीट की दूरी रखना जरूरी है। बिना फेसमास्क के किसी भी बच्चे को स्कूल में एंट्री नहीं मिलेगी। हाथ गंदे हो या न हो फिर भी हर थोड़े समय में हैंड फॉश करना जरूरी है। साथ ही हाथों को कम 40 से 60 सेकेंड तक धोना है। सभी स्टूडेंस के पास एल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर होना और समय-समय पर उसका प्रयोग करना अनिवार्य है। हैंड सैनविटाइजर से करीब 20 सेकेंड तक हाथों को साफ करना होगा। रेस्पिरेट्री एटिकेट्स का भी अच्छे से पालन करना होगा। ऐसे में छींकते या खांसते समय मुंह पर कपड़ा, रुमाल या टिश्यू का इस्तेमाल करना साथ ही टिश्यू को इधर-उधर फेंकने की जगह डस्टबिन में ही फेंके की हिदायत दी जाती है। स्कूल में पल्स ऑक्सीमीटर की व्यवस्था होनी जरूरी है। चाहिए। ताकि एसिंटोमेटिक का ऑक्सीजन लेवल पता लगाया जा सके। बच्चों को अपनी सेहत के प्रति सजग रहने की जरूरत है। ताकि थोड़ी सी भी सेहत से जुड़ी परेशानी होने पर वह स्कूल के अध्यापकों जानकारी दे  सके। अध्यापकों, कर्मचारियों को फेस मास्क, हैंड सैनिटाइजर आदि देने की जिम्मेदारी स्कूल मैनेजमेंट की है। स्कूल का डस्टबिन हुआ न हो। बल्कि उसपर ढक्कन हो। साथ ही हर जगह पर डस्टबीन रखें हो। किसी का भी खुली जगह पर थूकना सख्त मना है। कोरोना से सुरक्षित व अलर्ट रहने के लिए सभी शिक्षकों के मोबाइल फोन में आरोग्य सेतू ऐप होने की सलाह दी जाती है। अगर स्कूल में छात्रों के लिए कर बने हैं तो वे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इसे इस्तेमाल कर सकते हैं। स्कूल मे बने जिम को भी उन गाइडलाइन्स को ध्यान में रखते हुए यूज कर सकते हैं। मगर स्वीमिंग पूल को यूज करने की मनाही के चलते उसे अभी खोला नहीं जाएगा। 
सफाई कर्मचारियों को स्कूल की सफाई करने के लिए थर्मल गन, डिस्पोजल पेपर टॉवेल, साबुन,1% सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्युशन देना अनिवार्य है। सभी सफाई कर्मचारियों को सही तरीके से सफाई करने के लिए प्रशिक्षित करके ही सफाई करने देना होगा।