104 करोड़ रुपये की लागत के 145 कार्य अनुमोदित-मुख्य सचिव

79

बार्डर एरिया डेवलपमेन्ट कार्यक्रम के अन्तर्गत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग समिति की बैठक सम्पन्न।बार्डर एरिया डेवलपमेन्ट कार्यक्रम के अन्तर्गत 104 करोड़ रुपये की लागत के 145 कार्य अनुमोदित।निर्धारित समय सारणी के अनुसार कार्यों को पूरा किया जाये समय से उपभोग प्रमाण-पत्र उपलब्ध करायें विभाग।


लखनऊ – बार्डर एरिया डेवलपमेन्ट कार्यक्रम के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-2021 के प्रस्तावों पर अनुमोदन प्रदान करने के सम्बन्ध में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में गठित ‘‘राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग समिति’’ की बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें वित्तीय वर्ष 2020-2021 की वार्षिक कार्य योजना के प्रस्तावों का अनुमोदन, अवशेष उपयोगिता प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराने, वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में जनपद खीरी हेतु स्वीकृत परियोजनाओं के स्थल परिवर्तन के प्रस्ताव पर अनुमोदन तथा जनपद बहराइच की दो पुलिया के निर्माण के स्थान पर एक पुलिया के निर्माण का अनुमोदन प्रदान किया गया।

मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने अधिकारियों से निर्धारित समयावधि में कार्यों को पूरा करने के निर्देश देते हुए कहा कि अधिकारियों से पिछले वर्षों के अवशेष उपभोग प्रमाण-पत्र 31 जनवरी, 2021 तक अवश्य उपलब्ध करा दिये जायें।  बैठक में वित्तीय वर्ष 2020-21 हेतु विभिन्न विभागों के जनपद पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर एवं महराजगंज के 145 कार्यों के प्रस्तावों को लागत करीब 104 करोड़ रुपये विस्तृत विचार-विमर्श के उपरान्त अनुमोदन प्रदान किया गया।

जनपद पीलीभीत के 12 कार्य लागत 961.94 लाख रुपये, लखीमपुर खीरी के 28 कार्य लागत 1570.44 लाख रुपये, बहराइच 26 कार्य लागत 1317.74 लाख रुपये, श्रावस्ती 15 कार्य लागत 1638.84 लाख रुपये, बलरामपुर 28 कार्य लागत 1561.74 लाख रुपये, सिद्धार्थनगर 13 कार्य लागत 1848.35 लाख रुपये तथा जनपद महराजगंज के 46 कार्य लागत 2297.65 लाख रुपये को अनुमोदन प्रदान किया गया।

  इसके अतिरिक्त वित्तीय वर्ष 2017-18 में कार्यदायी संस्था-उ0प्र0 प्रोजेक्ट्स कारपोरेशन लि0 (यू0पी0पी0सी0एल0) को स्वीकृत कार्य जनपद लखीमपुरखीरी  विकासखण्ड-निघासन में ग्राम-बेलापरसुआ के प्राथमिक विद्यालय में बालिका शौचालय के निर्माण के स्थान पर उच्च प्राथमिक विद्यालय बेलापरसुआ में शौचालय निर्माण बनाये जाने तथा वित्तीय वर्ष 2018-19 में कार्यदायी संस्था-उ0प्र0 प्रोजेक्ट्स लि0 को स्वीकृत कार्य जनपद लखीमपुरखीरी विकासखण्ड-निघासन में स्वास्थ्य उपकेन्द्र चैगुर्जी के निर्माण के स्थान पर ग्राम-मांझा में स्वास्थ्य बनाये जाने के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान किया गया।

वित्तीय वर्ष 2017-18 में जनपद बहराईच द्वारा स्वीकृत दो पुलियों के स्थान पर वन प्रभाग द्वारा मौके पर पानी के बहाव दबाव को देखते हुए नियत स्थान पर दो पुलिया के स्थान पर दो स्पैन की संयुक्त रूप से एक बड़ी पुलिया का निर्माण करा दिया गया जिसे तकनीकी रूप से बेहतर विकल्प पाया गया। मुख्य अभियन्ता लोक निर्माण विभाग की जांच आख्या एवं जिलाधिकारी बहराईच द्वारा प्रेषित जांच आख्या तथा कार्य पूर्ण होने एवं अवशेष धनराशि रुपये 5,43,400.00 के समर्पण करने के आधार पर गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी बार्डर एरिया डेवलपमेन्ट कार्यक्रम के दिशा-निर्देश के क्रम में अनुमोदन प्रदान किया गया। 

प्रमुख सचिव नियोजन आमोद कुमार ने बताया कि सीमा प्रबन्धन विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एक व्यापक दृष्टिकोण को रखते हुए राज्य सरकारों के माध्यम से सीमा क्षेत्र विकास हेतु बार्डर एरिया डेवलपमेन्ट कार्यक्रम को लागू किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य अन्तर्राष्ट्रीय सीमा के पास स्थित दूर-दराज और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की विशेष विकास आवश्यकताओं को पूरा करना और केन्द्रीय/राज्य/बी.ए.डी.पी./स्थानीय योजनाओं और सहभागिता के माध्यम से आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों को संतृप्त करना है।

बार्डर एरिया डेवलपमेन्ट कार्यक्रम वर्ष 1999 से प्रदेश के अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से लगे 07 जनपदों के 21 विकासखण्डों के ग्रामों (वर्तमान में 0-10 कि0मी0 के परिधि में आने वाले ग्रामों) में संचालित किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 तक उक्त योजना शत-प्रतिशत वित्त पोषित थी।  वित्तीय वर्ष 2016-17 से भारत सरकार द्वारा फन्डिंग पैटर्न में परिवर्तन के फलस्वरूप 60 प्रतिशत धनराशि भारत सरकार तथा 40 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जा रही है।

गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी गयी गाइडलाइन्स “Border Area Development Programme (BADP): Guidelines(2020)” के अनुसार चार/पांच वर्षीय दीर्घकालिक कार्य योजना एवं वित्तीय वर्ष 2020-21 की वार्षिक कार्य योजना को एक साथ तैयार कर भारत सरकार को उपलब्ध कराया जाना है जिसके अनुसार अन्तर्राष्ट्रीय सीमा क्षेत्र के पास स्थित दूरदराज एंव दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की विशेष आवश्यकताओं को पूरा करते हुए उस क्षेत्र में आवश्यक मूलभूत अवस्थापनाओं का विकास बार्डर एरिया डेवलपमेन्ट स्कीम (BADS) से किया जायेगा।

सीमावर्ती जनपदों के व्यापक विकास हेतु बार्डर एरिया डेवलपमेन्ट प्रोग्राम के 02 घटक होंगे प्रथम घटक लाभार्थियों की संतृप्ति एवं बुनियादी ढांचे का निर्माण विभिन्न सरकारी योजनाओं के कन्वर्जेन्स से सुनिश्चित करना है तथा दूसरा घटक Border Area Development scheme (BADS) है, जिससे क्रिटिकल गैप्स को दूर करते हुए अपेक्षित विकास स्तर को वर्ष 2023 तक प्राप्त किया जाना है।  यह भी इंगित करना है कि गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जनपदों के वृद्धिशील परिवर्तनों के आधार पर आपस में प्रतिस्पर्धा करने की चुनौती दी जायेगी तथा जनपदों के प्रदर्शन के अनुसार मान्यता देते हुए उन्हें पुरस्कृत भी किया जायेगा।

वार्षिक कार्ययोजना में चयनित परियोजनाओं/कार्यों की लागत रुपये 10 लाख से कम की न हो। अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से सटे ग्रामों/कस्बों, अर्द्ध शहरी एवं शहरी, जो जीरो प्वाइन्ट से 10 किमी0 तक की दूरी पर स्थित है जो चयनित किया जायेगा। (BADS)के अन्तर्गत गैर सरकारी संगठनों (NGOs)/निजी संस्थानों (Private Institutions) को धनराशि उपलबध नहीं करायी जायेगी। (BADS) के अन्तर्गत भूमि क्रय हेतु कोई धनराशि देय नहीं होगी।

जिलाधिकारियों द्वारा विस्तृत परियोजना के आगणन उपलब्ध कराते समय यह प्रमाणपत्र दिया जायेगा कि प्रस्तावित योजना हेतु निर्विवाद भूमि उपलब्ध है तथा प्रस्तावित कार्य निर्धारित अवधि में पूर्ण करा लिया जायेगा। उक्त प्रमाणपत्र में यह उल्लेख अवश्य किया जायेगा कि प्रस्तावित योजना में सम्मिलित/प्रस्तावित कार्य किसी अन्य योजना में प्रस्तावित कार्य से आच्छादित नहीं है तथा योजना के क्रियान्वयन हेतु अन्य सम्बन्धित अनापत्ति प्रमाण-पत्र यथा-वन, पर्यावरण, राजस्व आदि विभागों से प्राप्त कर लिये गये हैं।  बैठक में सम्बन्धित सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा वीडियोकाॅन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी आदि उपस्थित थे।